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फैसले से पहले अयोध्या की सुरक्षा चाक-चौबंद, एटीएस कमांडो के घेरे में रामलला

अयोध्या विवाद (Ayodhya land dispute) में फैसला आने से पहले अयोध्या को सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी सुरक्षा घेरे में ले लिया है. इसमें रेड जोन पर एटीएस कमांडो की तैनाती की गई है. स्थानीय पुलिस भी चप्पे-चप्पे पर तैनात है.

फैसले से पहले अयोध्या की सुरक्षा चाक-चौबंद.
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Published : Nov 6, 2019, 6:28 PM IST

Updated : Nov 6, 2019, 8:48 PM IST

अयोध्या: सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या भूमि विवाद (Ayodhya land dispute) की सुनवाई पूरी कर ली है. कोर्ट जल्द ही फैसला सुना सकती है. इसके मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था के खास बंदोबस्त किए गए हैं. स्थानीय पुलिस सहित कई सुरक्षा एजेंसियों के जवानों को सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गई है.

फैसले से पहले अयोध्या की सुरक्षा चाक-चौबंद.
पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां किसी भी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहतीं. ऐसे में अयोध्या में बाहर से आने वालों और बाहर जाने वालों की भी सघन जांच की जा रही है. साथ ही सुरक्षा को देखते हुए आस-पास के सभी होटलों की भी छानबीन की जा रही है.



तीन सुरक्षा जोन (three Security zone) में बंटी है अयोध्या की सुरक्षा
सुरक्षा के लिहाज से अयोध्या (Ayodhya) को तीन जोन में बांटा गया है. ये हैं रेड जोन, येलो जोन और ब्लू जोन. इसमें सबसे अहम है रेड जोन. रेड जोन में विवादित स्थल की सुरक्षा की जिम्मेदारी है. इसके लिए एटीएस कमांडोज (ATS Commandos) की तैनाती की गई है. इसके बाद आता है येलो जोन, जिसमें घाट, मंदिर और तमाम धर्मशालाएं हैं. अयोध्या के बाहरी क्षेत्र ब्लू जोन में आते हैं. अयोध्या से लगे हुए सारे जिले ग्रीन जोन में डाले गए हैं.

नेपाल बॉर्डर से आतंकियों के घुसपैठ की सूचना
अयोध्या में इस वक्त सुरक्षा इसलिए भी चौगुनी है, क्योंकि खुफिया विभाग ने नेपाल बॉर्डर से आतंकियों के घुसपैठ की सूचना दी है. अयोध्या में कमांडोज को हर मुख्य जगहों के साथ सार्वजनिक जगहों पर भी तैनात किया गया है. अयोध्या में कुल 16 चिन्हित स्थान हैं, जहां एटीएस कमांडोज (ATS Commandos) को तैनात किया गया है. वहीं 22 ऐसे भी स्थान हैं, जिनमें आरएएफ (RAF Commandos) के कमांडोज गश्त करते हुए देखे जा सकते हैं.

सिक्योरिटी के लिए बनाया गया सेल
अयोध्या (Ayodhya Dispute) में फैसले से पहले या फैसला आने के बाद अराजक तत्वों से निपटने की तैयारी को लेकर सुरक्षा एजेंसियां भी सतर्क हैं. अयोध्या में सुरक्षा के लिए एक सेल बनाया गया है.

पत्थर जमा करने वालों पर खास नजर
सुरक्षा सेल में ड्रोन कैमरे भी लगाए गए हैं. इसकी निगरानी में संकरी गलियों में आने वाले क्षेत्रों को विशेष तौर पर रखा गया है. घरों की छत पर पत्थर जमा करने वालों को संदिग्ध के तौर पर रखा गया है और ऐसे लोगों से पूछताछ भी की जा रही है.

अयोध्या में परिक्रमा की शुरुआत
अयोध्या में इस समय लगभग 22 लाख श्रद्धालुओं का जमावड़ा है. श्रद्धालु यहां पर 5 कोसी परिक्रमा करेंगे. अभी और भी श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. इसके साथ ही 14 कोसी परिक्रमा शुरू हो चुकी है. ऐसे में यदि परिक्रमा के दौरान फैसला आता है तो उसके लिए भी प्रशासन तैयार है.

अयोध्या की जनता कर रही सहयोग
सीओ अयोध्या अमर सिंह ने बताया कि हमें पूरी तरह से जनता का सहयोग मिल रहा है. किसी प्रकार का उपद्रवी तत्व क्षेत्र में दिखा तो उसकी सूचना यथाशीघ्र हमें मिलेगी.

श्रद्धालुओं की सुरक्षा का ध्यान
उन्होंने बताया कि इसके अलावा आईबी, एसटीएफ, एटीएस कमांडोज और आरएएफ के जवान हमारे साथ मौजूद हैं. ये सभी सिक्योरिटी हमारी एडवांस प्लानिंग को लेकर की गई हैं. किसी प्रकार की कोई असुविधा स्थानीय या श्रद्धालुओं को न हो, इसकी भी व्यवस्था की जा रही है.

अयोध्या: सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या भूमि विवाद (Ayodhya land dispute) की सुनवाई पूरी कर ली है. कोर्ट जल्द ही फैसला सुना सकती है. इसके मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था के खास बंदोबस्त किए गए हैं. स्थानीय पुलिस सहित कई सुरक्षा एजेंसियों के जवानों को सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गई है.

फैसले से पहले अयोध्या की सुरक्षा चाक-चौबंद.
पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां किसी भी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहतीं. ऐसे में अयोध्या में बाहर से आने वालों और बाहर जाने वालों की भी सघन जांच की जा रही है. साथ ही सुरक्षा को देखते हुए आस-पास के सभी होटलों की भी छानबीन की जा रही है.



तीन सुरक्षा जोन (three Security zone) में बंटी है अयोध्या की सुरक्षा
सुरक्षा के लिहाज से अयोध्या (Ayodhya) को तीन जोन में बांटा गया है. ये हैं रेड जोन, येलो जोन और ब्लू जोन. इसमें सबसे अहम है रेड जोन. रेड जोन में विवादित स्थल की सुरक्षा की जिम्मेदारी है. इसके लिए एटीएस कमांडोज (ATS Commandos) की तैनाती की गई है. इसके बाद आता है येलो जोन, जिसमें घाट, मंदिर और तमाम धर्मशालाएं हैं. अयोध्या के बाहरी क्षेत्र ब्लू जोन में आते हैं. अयोध्या से लगे हुए सारे जिले ग्रीन जोन में डाले गए हैं.

नेपाल बॉर्डर से आतंकियों के घुसपैठ की सूचना
अयोध्या में इस वक्त सुरक्षा इसलिए भी चौगुनी है, क्योंकि खुफिया विभाग ने नेपाल बॉर्डर से आतंकियों के घुसपैठ की सूचना दी है. अयोध्या में कमांडोज को हर मुख्य जगहों के साथ सार्वजनिक जगहों पर भी तैनात किया गया है. अयोध्या में कुल 16 चिन्हित स्थान हैं, जहां एटीएस कमांडोज (ATS Commandos) को तैनात किया गया है. वहीं 22 ऐसे भी स्थान हैं, जिनमें आरएएफ (RAF Commandos) के कमांडोज गश्त करते हुए देखे जा सकते हैं.

सिक्योरिटी के लिए बनाया गया सेल
अयोध्या (Ayodhya Dispute) में फैसले से पहले या फैसला आने के बाद अराजक तत्वों से निपटने की तैयारी को लेकर सुरक्षा एजेंसियां भी सतर्क हैं. अयोध्या में सुरक्षा के लिए एक सेल बनाया गया है.

पत्थर जमा करने वालों पर खास नजर
सुरक्षा सेल में ड्रोन कैमरे भी लगाए गए हैं. इसकी निगरानी में संकरी गलियों में आने वाले क्षेत्रों को विशेष तौर पर रखा गया है. घरों की छत पर पत्थर जमा करने वालों को संदिग्ध के तौर पर रखा गया है और ऐसे लोगों से पूछताछ भी की जा रही है.

अयोध्या में परिक्रमा की शुरुआत
अयोध्या में इस समय लगभग 22 लाख श्रद्धालुओं का जमावड़ा है. श्रद्धालु यहां पर 5 कोसी परिक्रमा करेंगे. अभी और भी श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. इसके साथ ही 14 कोसी परिक्रमा शुरू हो चुकी है. ऐसे में यदि परिक्रमा के दौरान फैसला आता है तो उसके लिए भी प्रशासन तैयार है.

अयोध्या की जनता कर रही सहयोग
सीओ अयोध्या अमर सिंह ने बताया कि हमें पूरी तरह से जनता का सहयोग मिल रहा है. किसी प्रकार का उपद्रवी तत्व क्षेत्र में दिखा तो उसकी सूचना यथाशीघ्र हमें मिलेगी.

श्रद्धालुओं की सुरक्षा का ध्यान
उन्होंने बताया कि इसके अलावा आईबी, एसटीएफ, एटीएस कमांडोज और आरएएफ के जवान हमारे साथ मौजूद हैं. ये सभी सिक्योरिटी हमारी एडवांस प्लानिंग को लेकर की गई हैं. किसी प्रकार की कोई असुविधा स्थानीय या श्रद्धालुओं को न हो, इसकी भी व्यवस्था की जा रही है.

Intro:अयोध्या. श्रीरामजन्मभूमि मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद से ही लोगों में उसके फैसले का इंतेज़ार है। 17नवंबर से पहले इसका फैसला आना तय माना जा रहा है। इसे लेकर प्रदेश सरकार गंभीर है। फैसला किसके पक्ष में होगा या किसके विपक्ष में ये बात तो सुप्रीम कोर्ट ही तय करेगा, लेकिन कयासों का दौर जोरो पर है, हर कोई निर्णय से पहले अपनी अपनी बात कहता नज़र आ रहा। हिन्दू और मुस्लिमों में किसी प्रकार का सौहार्द न बिगड़ने पाए इसको लेकर सरकार ने फुल सिक्योरिटी प्लान बनाया है। जिसमे अयोधया की सड़कों पर आरएएफ और पीएसी गश्त करती हुई देखी जा सकती है। वहीं एटीएस कमांडोज़ पूरी तरह से किसी भी संदिग्ध से निपटने के लिए तैयार हैं।
अयोद्या में कुल 16 चिन्हित स्थान हैं, जहां एटीएस कण्डोज़ को फिक्स किया गया है। वहीं 22 ऐसी भी स्थान हैं, जिनमे आरएएफ के साथ कमांडोज़ गश्त करते हुए देखे जा सकते हैं।
अयोध्या में इस वक़्त सुरक्षा इसलिए भी चौगुनी है, क्योंकि खुफिया विभाग ने नेपाल बॉर्डर से आतंकियों के घुसपैठ की सूचना दी है, यही कारण है, की अयोध्या में कमांडोज़ को हर मुख्य पॉइंट्स के साथ सार्वजनिक पोइटन्स पर भी उतारा गया है।
Body:इस वक़्त फैसले का इंतेज़ार में पूरी दुनिया है, वहीं एंटी नेशनल लोगों से निपटने की तैयारी को लेकर सुरक्षा एजेंसियों भी सतर्क हैं। इस वक़्त अयोध्या में सिक्योरिटी को लेकर एक सेल बनाया गया है, जिसमे ड्रोन कैमरे भी लगाए गए हैं। इसकी निगरानी में संकरी गलियों में आने वाले क्षेत्रों को विशेष तौर पर रखा है। घरों की छत पर पत्थर जमा करने वालों को सस्पेक्ट के तौर पर रखा है, जिससे ऐसे लोगो से पूछताछ भी की जा रही है।
सीओ अयोध्या अमर सिंह ने बताया कि, हमें पूरी तरह से जनता का सपोर्ट मिल रहा है। जिससे किसी प्रकार का उपद्रवी क्षेत्र में दिखा तो उसकी सूचना हमें मिलेगी। इसके अलावा आईबी, एसटीएफ, एटीएस कमांडोज़, आरएएफ हमारे साथ मौजूद है। ये सभी सिक्योरिटी हमारी एडवांस प्लानिंग को लेकर की गई है। किसी प्रकार की कोई असुविधा क्षेत्रीय व्यक्ति या श्रद्धालुओं को नहीं हो, इसकी भी हमें व्यवस्था कर रहे हैं।
अयोध्या में इस वक़्त लगभग 22लाख श्रद्धालु आ चुके हैं, जो कि 14 कोसी परिक्रमा में हैं। ऐसे में यदि परिक्रमा के दौरान फैसला आता है तो उसके लिए भी प्रशासन तैयार है।Conclusion:दिनेश मिश्रा
8707765484

नोट-VO भी करके भेजा गया है, किंतु यहां भीड़ अधिक होने के कारण ठीक से नहीं हो पाया है, vo आफिस की ओर से कराने से और अच्छा हो सकता है। सादर प्रेषित।
Last Updated : Nov 6, 2019, 8:48 PM IST
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