अयोध्या: देश की सबसे साफ और स्वच्छ शहर में इंदौर की तरह ही अब अयोध्या में साफ-सफाई की व्यवस्था होगी. इसके लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट इंदौर और अयोध्या नगर निगम के बीच एक करार हुआ है, जिसमें इंदौर की तर्ज पर अयोध्या में भी स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा और इस धार्मिक नगरी को साफ सुथरा बनाया जाएगा. इतना ही नहीं, अयोध्या नगर निगम में साफ सफाई का काम करने वाले सफाई कर्मियों की ट्रेनिंग का जिम्मा भी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) को सौंपा गया है. इस योजना के तहत अयोध्या में बिजली, पानी, सड़क और सफाई जैसी व्यवस्थाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए काम किया जाएगा.
पौराणिक शहर अयोध्या को साफ सुथरा और अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं संयुक्त करने के लिए आईआईएम इंदौर और नगर निगम के बीच 21 दिसंबर को करार पर हस्ताक्षर हो चुके हैं. इस करार पर नगर निगम अयोध्या के आयुक्त विशाल सिंह चौहान और आईआईएम इंदौर के निदेशक हिमांशु राय ने अपने हस्ताक्षर किए हैं. इस विशेष योजना में नगर निगम अयोध्या के कर्मचारियों को आईआईएम के विशेषज्ञ प्रशिक्षण देंगे.
नगर निगम क्षेत्र में हो सकते हैं कुछ परिवर्तन
इस योजना को मूर्त रूप में लाने के लिए नगर निगम क्षेत्र में कई भौगोलिक परिवर्तन भी किए जा सकते हैं. जिसमें यातायात को और बेहतर बनाने, सड़कों को चौड़ा करने, पार्किंग की व्यवस्था और पटरियों का निर्माण भी शामिल है. इसके अतिरिक्त सड़कों पर किए गए अवैध अतिक्रमण को हटाने और मुख्य मार्ग पर बिजली के पोल हटाकर भूमिगत विद्युत वायरिंग की योजना भी शामिल होगी.
नगर आयुक्त विशाल सिंह चौहान के मुताबिक किस योजना के धरातल पर आने पर राम नगरी अयोध्या को और साफ बनाया जा सकेगा. इंदौर देश का सबसे साफ सुथरा शहर है. हमारा प्रयास है कि इंदौर शहर का उदाहरण लेकर ही अयोध्या में साफ सफाई बिजली पानी की व्यवस्था हो. अयोध्या एक अंतरराष्ट्रीय पर्यटन नगरी के रूप में विकसित हो रही है, इसलिए अब इस शहर को और ज्यादा साफ सुथरा बनाने के लिए इस योजना को लागू किया गया है. श्रीरामचरितमानस की चौपाई की तर्ज पर एक स्वच्छता गीत भी बनाया जाएगा, जिसे प्रख्यात गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी अपनी आवाज से नवाजेंगी. इस गीत के जरिए लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता लाने का प्रयास किया जाएगा.
विकास में मील का पत्थर साबित होगी योजना
नगर निगम के इस प्रयास को स्थानीय लोगों ने भी सराहा है. स्थानीय निवासी बालकृष्ण वैश्य ने कहा कि अब इस शहर की पहचान एक विवादित शहर की जगह भगवान राम की जन्म स्थली के रूप में पूरी दुनिया में बन चुकी है. इसलिए इस तरह की योजनाओं की आवश्यकता भी थी. अयोध्या का सर्वांगीण विकास होना चाहिए, जिसमें सबसे पहली कड़ी इस पौराणिक नगरी का साफ सुथरा होना है. पेशे से शिक्षक सुजीत गुप्ता ने कहा कि इस योजना के अमल में आने पर निश्चित रूप से इस प्राचीन नगरी की तस्वीर बदलेगी. किसी भी शहर का सौंदर्य वहां पर साफ सफाई और प्रकाश व्यवस्था से बढ़ता है. आईआईएम इंदौर के प्रतिष्ठित और प्रशिक्षित विशेषज्ञों से ट्रेनिंग लेकर नगर निगम अयोध्या के कर्मी बेहतर काम कर पाएंगे. निश्चित रूप से अयोध्या के विकास में यह योजना मील का पत्थर साबित होगी.
बता दें कि नगर निगम धार्मिक नगरी अयोध्या के सौंदर्यीकरण और यहां पर बिजली, पानी, सड़क और प्रकाश व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कई बड़ी योजनाओं पर काम कर रहा है. इसी कड़ी में अयोध्या नगर के प्रमुख मार्ग पर बिजली के खंभों को हटाकर अंडर ग्राउंड वायरिंग की योजना पर काम शुरू हो गया है. जिससे शहर के मुख्य मार्ग से तारों का जाल हटाया जा सके. इसके अतिरिक्त सड़क चौड़ीकरण योजना के लिए भी भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू होने वाली है, ताकि ट्रैफिक की समस्या से लोगों को निजात मिले.