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रामनगरी को पर्यटन हब बनाएंगे 'श्री राम', समूचे विश्व से जुड़ेगी अयोध्या - पर्यटन हब के रूप में अयोध्या

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में सालों से विवादित चल रहे जन्मभूमि का मामला सुलझने के बाद अब यहां पर राम मंदिर निर्माण की तैयारियां तेज हो गई हैं. वहीं विश्व भर से सनातनधर्मियों की आस्था को देखते हुए यहां तक आने के लिए यातायात भी सुगम करने की आवश्यकता है. ऐसे में अयोध्या के पर्यटन को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार कई परियोजनाएं चला रही हैं.

अयोध्या
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Published : Nov 5, 2020, 10:33 AM IST

अयोध्या: 1962 में हुए भारत-चीन युद्ध के दौरान जिस एयरस्ट्रिप का प्रयोग देश की सुरक्षा के लिए किया गया था, उसी एयरस्ट्रिप से अब रामनगरी को टूरिस्ट हब बनाने की तैयारी की जा रही है. श्रीराम जन्मभूमि पर भगवान राम का मंदिर बनने के साथ भारत ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व से अयोध्या की कनेक्टिविटी मजबूत होगी. इसके लिए केंद्र और प्रदेश सरकार की कई परियोजनाएं प्रस्तावित हैं. 601 एकड़ परिसर में बनने वाला श्रीराम चंद्र एयरपोर्ट राम नगरी की पुनर्स्थापना के लिए मील का पत्थर माना जा रहा है.

श्री रामचंद्र एयरपोर्ट से मिलेगा पर्यटन को बढ़ावा.

सप्तपुरियों के मस्तक मानी जाने वाली राम नगरी में पर्यटन और आस्था को बढ़ावा देना केंद्र और प्रदेश सरकार की उच्च प्राथमिकता है. अयोध्या के विकास को पंख लगने वाले हैं. योगी सरकार तेजी से एयरपोर्ट के निर्माण के कार्यों को पूरा करा रही है. पर्यटन विभाग के अधिकारियों की माने तो अयोध्या में एयरपोर्ट बनने से यह नगर एक टूरिस्ट हब के रूप में स्थापित हो जाएगा. इससे देश-विदेश के सैलानियों के लिए अयोध्या का पर्यटन सुलभ होगा.

वर्ष 2018 के दीपोत्सव में एयरपोर्ट की हुई थी घोषणा

फैजाबाद हवाई पट्टी को श्री राम चंद्र एयरपोर्ट के नाम से विकसित करने की घोषणा वर्ष 2018 के दीपोत्सव कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की थी. उन्होंने कहा था कि अयोध्या सप्तपुरियों का मस्तक है. ऐसे में सनातन धर्म के मानने वाले सभी लोग चाहे वह भारत या विदेशों में रह रहे हैं वह अयोध्या आकर इस पावन नगर का दर्शन करना चाहते हैं. ऐसे में यातायात बेहद महत्वपूर्ण है. अयोध्या की एयर कनेक्टिविटी बढ़ने से पूरे विश्व से यहां का पर्यटन सुगम हो सकेगा.

601 एकड़ में बनेगा भव्य इंटरनेशनल एयरपोर्ट

अयोध्या एयरपोर्ट के पास पहले से 246 एकड़ भूमि है. इसका विस्तारीकरण 601 एकड़ तक करने के लिए 263.47 एकड़ भूमि अधिग्रहित की जा रही है. मास्टर प्लान के तहत राज्य सरकार की ओर से जमीन खरीदने के लिए 525 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जा चुके हैं. वहीं निर्माण कार्यों के लिए 525 करोड रुपये के बजट को मंजूरी दी जा चुकी है. श्री रामचंद्र एयरपोर्ट के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य जारी है. अधिग्रहण को लेकर स्थानीय स्तर पर विरोध भी हो रहा है. किसान मुआवजे को लेकर असंतुष्ट हैं, ऐसे में शासन और प्रशासन स्तर पर वार्ता चल रही है.

एयरपोर्ट की विमान क्षमता

अयोध्या एयरपोर्ट की हाईवे से कनेक्टिविटी सुदृढ़ होगी. एयरपोर्ट का परिसर NH-27 और NH- 330 से सटा हुआ है. नागरिक उड्डयन विभाग की मानें तो अयोध्या हवाई पट्टी को बड़े विमानों के लिए तैयार किया जा रहा है. यहां से डबल डेकर विमान के इंटरनेशनल फ्लाइट की क्षमता विकसित की जाएगी. पहले चरण में यहां कोड E321 और दूसरे चरण में EB777.300 के विमानों का संचालन शुरू किया जाएगा. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद राज्य सरकार 601 एकड़ भूमि श्री रामचंद्र एयरपोर्ट के लिए उपलब्ध करा रही है.

पर्यटन विशेषज्ञों की राय

भारत समेत विश्व के कोने-कोने में रहने वाले सभी सनातन धर्मियों में अयोध्या को लेकर विशेष आस्था रही है. डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में पर्यटन विभाग के समन्वयक अजय प्रताप सिंह की मानें तो अयोध्या पर्यटन का हब पूजा करने की सभी मानकों पर खरा उतरता है. प्रदेश सरकार की योजनाएं अगर सही मायने में पूर्ण हो पाएं, तो यह वैश्विक स्तर पर एक पर्यटन हब के रूप में वह उभरेगा. फैजाबाद हवाई पट्टी, जिसे अब श्री रामचंद्र एयरपोर्ट के नाम से विकसित किया जा रहा है, उसकी उपयोगिता बेहद सीमित थी. इसे अब इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रूप में विकसित किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि भारत में एयर कनेक्टिविटी सुदृढ़ करने के लिए देश के 234 एयरपोर्ट का विस्तार किया जा रहा है. इसमें अयोध्या एयरपोर्ट भी शामिल है. इसके साथ ही यह एयरपोर्ट केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट रामायण सर्किट का भी एक हिस्सा है. जब राम जन्मभूमि पर निर्माण प्रारंभ हुआ है तो यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर का एयरपोर्ट बनना आवश्यक भी है. अब यह अनुमान लगाया जा रहा है कि भारत समेत दुनिया के कोने-कोने से तो लोग आएंगे. यहां पर्यटकों की संख्या बड़े स्तर पर बढ़ने वाली है.

वैश्विक पर्यटन स्थल बनाने के लिए एयर कनेक्टिविटी आवश्यक

अयोध्या-देवीपाटन मण्डल के क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी आरपी यादव का कहना है कि देश के विभिन्न क्षेत्रों से पर्यटक अयोध्या आते रहे हैं. भारत के सुदूर क्षेत्रों से जो पर्यटक यहां आते हैं, उनके पास समय कम होता है. यातायात की एयर कनेक्टिविटी होने से लंबी दूरी तय कर अयोध्या आने वाले पर्यटकों के लिए सुविधा होगी. जो भी पर्यटन स्थल वैश्विक या राष्ट्रीय स्तर पर जाने जाते हैं, वहां हवाई यातायात की सुविधा पहले से है. बिना इंटरनेशनल एयरपोर्ट के किसी नगर को पर्यटन का हब बनाना संभव नहीं है. ऐसे में अयोध्या में श्री रामचंद्र एयरपोर्ट राम नगरी को पर्यटन का केंद्र बनाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है.

पर्यटन विभाग की मानें तो राम नगरी में भविष्य में 10 गुना पर्यटकों के बढ़ने की संभावना है. यह पर्यटक भारत समेत दुनिया के कोने-कोने से अयोध्या आएंगे. बड़ी संख्या में पर्यटकों के आने से पर्यटन विभाग के राजस्व में वृद्धि होगी. पर्यटकों को अगर सुविधाएं मिलेंगी, तो भविष्य में और अधिक पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी. अयोध्या में पर्यटन के क्षेत्र में वृहद स्तर पर संभावनाएं हैं. ऐसे में अयोध्या में एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट की बेहद आवश्यकता थी, जिसे केंद्र सरकार पूरा कर रही है.

अयोध्या: 1962 में हुए भारत-चीन युद्ध के दौरान जिस एयरस्ट्रिप का प्रयोग देश की सुरक्षा के लिए किया गया था, उसी एयरस्ट्रिप से अब रामनगरी को टूरिस्ट हब बनाने की तैयारी की जा रही है. श्रीराम जन्मभूमि पर भगवान राम का मंदिर बनने के साथ भारत ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व से अयोध्या की कनेक्टिविटी मजबूत होगी. इसके लिए केंद्र और प्रदेश सरकार की कई परियोजनाएं प्रस्तावित हैं. 601 एकड़ परिसर में बनने वाला श्रीराम चंद्र एयरपोर्ट राम नगरी की पुनर्स्थापना के लिए मील का पत्थर माना जा रहा है.

श्री रामचंद्र एयरपोर्ट से मिलेगा पर्यटन को बढ़ावा.

सप्तपुरियों के मस्तक मानी जाने वाली राम नगरी में पर्यटन और आस्था को बढ़ावा देना केंद्र और प्रदेश सरकार की उच्च प्राथमिकता है. अयोध्या के विकास को पंख लगने वाले हैं. योगी सरकार तेजी से एयरपोर्ट के निर्माण के कार्यों को पूरा करा रही है. पर्यटन विभाग के अधिकारियों की माने तो अयोध्या में एयरपोर्ट बनने से यह नगर एक टूरिस्ट हब के रूप में स्थापित हो जाएगा. इससे देश-विदेश के सैलानियों के लिए अयोध्या का पर्यटन सुलभ होगा.

वर्ष 2018 के दीपोत्सव में एयरपोर्ट की हुई थी घोषणा

फैजाबाद हवाई पट्टी को श्री राम चंद्र एयरपोर्ट के नाम से विकसित करने की घोषणा वर्ष 2018 के दीपोत्सव कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की थी. उन्होंने कहा था कि अयोध्या सप्तपुरियों का मस्तक है. ऐसे में सनातन धर्म के मानने वाले सभी लोग चाहे वह भारत या विदेशों में रह रहे हैं वह अयोध्या आकर इस पावन नगर का दर्शन करना चाहते हैं. ऐसे में यातायात बेहद महत्वपूर्ण है. अयोध्या की एयर कनेक्टिविटी बढ़ने से पूरे विश्व से यहां का पर्यटन सुगम हो सकेगा.

601 एकड़ में बनेगा भव्य इंटरनेशनल एयरपोर्ट

अयोध्या एयरपोर्ट के पास पहले से 246 एकड़ भूमि है. इसका विस्तारीकरण 601 एकड़ तक करने के लिए 263.47 एकड़ भूमि अधिग्रहित की जा रही है. मास्टर प्लान के तहत राज्य सरकार की ओर से जमीन खरीदने के लिए 525 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जा चुके हैं. वहीं निर्माण कार्यों के लिए 525 करोड रुपये के बजट को मंजूरी दी जा चुकी है. श्री रामचंद्र एयरपोर्ट के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य जारी है. अधिग्रहण को लेकर स्थानीय स्तर पर विरोध भी हो रहा है. किसान मुआवजे को लेकर असंतुष्ट हैं, ऐसे में शासन और प्रशासन स्तर पर वार्ता चल रही है.

एयरपोर्ट की विमान क्षमता

अयोध्या एयरपोर्ट की हाईवे से कनेक्टिविटी सुदृढ़ होगी. एयरपोर्ट का परिसर NH-27 और NH- 330 से सटा हुआ है. नागरिक उड्डयन विभाग की मानें तो अयोध्या हवाई पट्टी को बड़े विमानों के लिए तैयार किया जा रहा है. यहां से डबल डेकर विमान के इंटरनेशनल फ्लाइट की क्षमता विकसित की जाएगी. पहले चरण में यहां कोड E321 और दूसरे चरण में EB777.300 के विमानों का संचालन शुरू किया जाएगा. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद राज्य सरकार 601 एकड़ भूमि श्री रामचंद्र एयरपोर्ट के लिए उपलब्ध करा रही है.

पर्यटन विशेषज्ञों की राय

भारत समेत विश्व के कोने-कोने में रहने वाले सभी सनातन धर्मियों में अयोध्या को लेकर विशेष आस्था रही है. डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में पर्यटन विभाग के समन्वयक अजय प्रताप सिंह की मानें तो अयोध्या पर्यटन का हब पूजा करने की सभी मानकों पर खरा उतरता है. प्रदेश सरकार की योजनाएं अगर सही मायने में पूर्ण हो पाएं, तो यह वैश्विक स्तर पर एक पर्यटन हब के रूप में वह उभरेगा. फैजाबाद हवाई पट्टी, जिसे अब श्री रामचंद्र एयरपोर्ट के नाम से विकसित किया जा रहा है, उसकी उपयोगिता बेहद सीमित थी. इसे अब इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रूप में विकसित किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि भारत में एयर कनेक्टिविटी सुदृढ़ करने के लिए देश के 234 एयरपोर्ट का विस्तार किया जा रहा है. इसमें अयोध्या एयरपोर्ट भी शामिल है. इसके साथ ही यह एयरपोर्ट केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट रामायण सर्किट का भी एक हिस्सा है. जब राम जन्मभूमि पर निर्माण प्रारंभ हुआ है तो यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर का एयरपोर्ट बनना आवश्यक भी है. अब यह अनुमान लगाया जा रहा है कि भारत समेत दुनिया के कोने-कोने से तो लोग आएंगे. यहां पर्यटकों की संख्या बड़े स्तर पर बढ़ने वाली है.

वैश्विक पर्यटन स्थल बनाने के लिए एयर कनेक्टिविटी आवश्यक

अयोध्या-देवीपाटन मण्डल के क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी आरपी यादव का कहना है कि देश के विभिन्न क्षेत्रों से पर्यटक अयोध्या आते रहे हैं. भारत के सुदूर क्षेत्रों से जो पर्यटक यहां आते हैं, उनके पास समय कम होता है. यातायात की एयर कनेक्टिविटी होने से लंबी दूरी तय कर अयोध्या आने वाले पर्यटकों के लिए सुविधा होगी. जो भी पर्यटन स्थल वैश्विक या राष्ट्रीय स्तर पर जाने जाते हैं, वहां हवाई यातायात की सुविधा पहले से है. बिना इंटरनेशनल एयरपोर्ट के किसी नगर को पर्यटन का हब बनाना संभव नहीं है. ऐसे में अयोध्या में श्री रामचंद्र एयरपोर्ट राम नगरी को पर्यटन का केंद्र बनाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है.

पर्यटन विभाग की मानें तो राम नगरी में भविष्य में 10 गुना पर्यटकों के बढ़ने की संभावना है. यह पर्यटक भारत समेत दुनिया के कोने-कोने से अयोध्या आएंगे. बड़ी संख्या में पर्यटकों के आने से पर्यटन विभाग के राजस्व में वृद्धि होगी. पर्यटकों को अगर सुविधाएं मिलेंगी, तो भविष्य में और अधिक पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी. अयोध्या में पर्यटन के क्षेत्र में वृहद स्तर पर संभावनाएं हैं. ऐसे में अयोध्या में एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट की बेहद आवश्यकता थी, जिसे केंद्र सरकार पूरा कर रही है.

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