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पीएम मोदी के सुझाव पर बदला जा रहा अयोध्या विजन डॉक्यूमेंट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के सुझाव पर अयोध्या विजन 2051 (Ayodhya Vision 2051) को अयोध्या विजन 2047 (Ayodhya Vision 2047) किया जा रहा है. इसको देश की आजादी के 100 वर्ष के साथ जोड़ा जा रहा है. अयोध्या पूरे देश का प्रतिनिधित्व करेगा. यह नगरी समग्र भारत को प्रदर्शित करेगी

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Published : Jul 31, 2021, 8:57 PM IST

Updated : Jul 31, 2021, 9:22 PM IST

विजन डॉक्यूमेंट
विजन डॉक्यूमेंट

अयोध्या : मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की पावन जन्मस्थली अयोध्या के विकास (Ayodhya Development) को लेकर केंद्र सरकार बेहद गंभीर है. केंद्र और प्रदेश सरकार की तमाम योजनाएं अयोध्या में संचालित हो रही हैं. विजन डॉक्यूमेंट के जरिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) अयोध्या की तस्वीर बदलना चाहते हैं. बीते दिनों जब पीएम मोदी ने अयोध्या में विकास योजना से संबंधित विजन डॉक्यूमेंट को देखा तो इसके बाद उन्होंने इस डॉक्यूमेंट (Ayodhya Vision Document) पर अपनी भी राय दी. विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह के मुताबिक पीएम मोदी अयोध्या में समग्र भारत की तस्वीर प्रस्तुत करना चाहते हैं. इसका सुझाव उन्होंने दिया है. अयोध्या को मिनी भारत की तर्ज पर विकसित किया जाएगा.



प्रधानमंत्री के सुझाव पर अयोध्या विजन 2051 को अयोध्या विजन 2047 किया जा रहा है. इसको देश की आजादी के 100 वर्ष के साथ जोड़ा जा रहा है. अयोध्या पूरे देश का प्रतिनिधित्व करेगा. यह नगरी समग्र भारत को प्रदर्शित करेगी, जिससे वर्तमान संरचना में भी रामायणकालीन प्रेरक प्रसंग की अनुभूति हो सकेगी. अयोध्या के चौराहों के विकास और नामकरण में आध्यात्मिकता और अयोध्या की पृष्ठभूमि को शामिल किया जाएगा.

पीएम मोदी के सुझाव पर किया गया बदलाव



अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने बताया कि अयोध्या में चार से छह माह में पब्लिक यूटीलिटी यानी शौचालय व विश्रामस्थल की व्यवस्था की जाएगी. इससे आने वाले सभी श्रद्धालुओं को सुविधा मिल सकेगी. प्रधानमंत्री ने यह भी सुझाव दिया है कि अयोध्या विकास के लिए नियमों में अगर संशोधन की जरूरत हो तो उसे भी किया जाए, लेकिन पर्यटकों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाए. सड़कों के किनारे छोटे-छोटे होटल और धर्मशाला बनाने पर भी विचार हो. अयोध्या के लिए डिजिटल टूरिस्ट गाइड भी बनाने को कहा गया है. इससे पर्यटक अयोध्या व यहां उपलब्ध सुविधाओं, विशेष स्थलों के बारे में आसानी से जानकारी प्राप्त कर सकेंगे.

अयोध्या की बदलेगी तस्वीर
अयोध्या की बदलेगी तस्वीर

विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने बताया कि अयोध्या विकास का मॉडल अभी ढांचागत सुविधाओं पर आधारित है. इसमें आत्मा कैसे आये इस पर भी विचार करने का सुझाव दिया गया है. 108 कुंड बनाने के लिए देशव्यापी प्रतियोगिता आयोजित की जाये, जिसमें देशभर के आर्किटेक्ट, छात्रों व डिजाइनरों को शामिल किया जाये. बेहतर डिजाइन करने वालों को पुरस्कृत भी किया जाएगा. अलग-अलग राज्यों से फाइन आर्टस के छात्रों को भी बुलाया जाएगा. संगीत और नाट्य के क्षेत्र में भी विकास पर ध्यान दिया जाएगा. स्कूलों में रामायण आधारित प्रसंगों जैसे त्याग, वीरता, मातृ-पितृ भक्ति आदि नाटक का मंचन कराये जाने पर विचार किया जा रहा है.

अयोध्या का होगा चहुंमुखी विकास
अयोध्या का होगा चहुंमुखी विकास

इसे भी पढ़ें - मुजाहिदों को रिहा करो, नहीं तो हनुमान मंदिर उड़ा देंगे' लखनऊ में हाई अलर्ट

अयोध्या : मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की पावन जन्मस्थली अयोध्या के विकास (Ayodhya Development) को लेकर केंद्र सरकार बेहद गंभीर है. केंद्र और प्रदेश सरकार की तमाम योजनाएं अयोध्या में संचालित हो रही हैं. विजन डॉक्यूमेंट के जरिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) अयोध्या की तस्वीर बदलना चाहते हैं. बीते दिनों जब पीएम मोदी ने अयोध्या में विकास योजना से संबंधित विजन डॉक्यूमेंट को देखा तो इसके बाद उन्होंने इस डॉक्यूमेंट (Ayodhya Vision Document) पर अपनी भी राय दी. विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह के मुताबिक पीएम मोदी अयोध्या में समग्र भारत की तस्वीर प्रस्तुत करना चाहते हैं. इसका सुझाव उन्होंने दिया है. अयोध्या को मिनी भारत की तर्ज पर विकसित किया जाएगा.



प्रधानमंत्री के सुझाव पर अयोध्या विजन 2051 को अयोध्या विजन 2047 किया जा रहा है. इसको देश की आजादी के 100 वर्ष के साथ जोड़ा जा रहा है. अयोध्या पूरे देश का प्रतिनिधित्व करेगा. यह नगरी समग्र भारत को प्रदर्शित करेगी, जिससे वर्तमान संरचना में भी रामायणकालीन प्रेरक प्रसंग की अनुभूति हो सकेगी. अयोध्या के चौराहों के विकास और नामकरण में आध्यात्मिकता और अयोध्या की पृष्ठभूमि को शामिल किया जाएगा.

पीएम मोदी के सुझाव पर किया गया बदलाव



अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने बताया कि अयोध्या में चार से छह माह में पब्लिक यूटीलिटी यानी शौचालय व विश्रामस्थल की व्यवस्था की जाएगी. इससे आने वाले सभी श्रद्धालुओं को सुविधा मिल सकेगी. प्रधानमंत्री ने यह भी सुझाव दिया है कि अयोध्या विकास के लिए नियमों में अगर संशोधन की जरूरत हो तो उसे भी किया जाए, लेकिन पर्यटकों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाए. सड़कों के किनारे छोटे-छोटे होटल और धर्मशाला बनाने पर भी विचार हो. अयोध्या के लिए डिजिटल टूरिस्ट गाइड भी बनाने को कहा गया है. इससे पर्यटक अयोध्या व यहां उपलब्ध सुविधाओं, विशेष स्थलों के बारे में आसानी से जानकारी प्राप्त कर सकेंगे.

अयोध्या की बदलेगी तस्वीर
अयोध्या की बदलेगी तस्वीर

विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने बताया कि अयोध्या विकास का मॉडल अभी ढांचागत सुविधाओं पर आधारित है. इसमें आत्मा कैसे आये इस पर भी विचार करने का सुझाव दिया गया है. 108 कुंड बनाने के लिए देशव्यापी प्रतियोगिता आयोजित की जाये, जिसमें देशभर के आर्किटेक्ट, छात्रों व डिजाइनरों को शामिल किया जाये. बेहतर डिजाइन करने वालों को पुरस्कृत भी किया जाएगा. अलग-अलग राज्यों से फाइन आर्टस के छात्रों को भी बुलाया जाएगा. संगीत और नाट्य के क्षेत्र में भी विकास पर ध्यान दिया जाएगा. स्कूलों में रामायण आधारित प्रसंगों जैसे त्याग, वीरता, मातृ-पितृ भक्ति आदि नाटक का मंचन कराये जाने पर विचार किया जा रहा है.

अयोध्या का होगा चहुंमुखी विकास
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Last Updated : Jul 31, 2021, 9:22 PM IST
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