अयोध्या: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की पावन जन्मस्थली अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य राम मंदिर निर्माण के साथ ही इस प्राचीन नगरी के सर्वांगीण विकास के लिए चलाई जा रही विकास योजनाओं में संतों की भी बड़ी भूमिका होगी. शुक्रवार को अयोध्या विकास प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संतों की एक बैठक हुई. इसमें अयोध्या में होने वाले नए निर्माण सौंदर्यीकरण योजना और विकास से जुड़ी अन्य परियोजनाओं पर संतों ने अपनी राय रखी. इस बैठक में अयोध्या का विजन डॉक्यूमेंट तैयार कर रही कंपनी के अधिकारी भी शामिल रहे. संतों ने सुझाव दिया कि अयोध्या के प्राचीन मंदिरों, घाटों और कुंडों का विकास भव्य रूप से हो. इससे अयोध्या और सुंदर दिखाई दे.
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रोज आएगी लाखों की भीड़
विजन डॉक्यूमेंट बना रही ली एसोसिएट कुकरेजा और एलएनटी के प्रतिनिधियों ने संतों के सामने अयोध्या के विकास का प्रेजेंटेशन दिया. इस पर रामनगरी के संतों ने एक स्वर में कहा कि अयोध्या के विकास उसकी पौराणिक गरिमा के अनुरूप होना चाहिए. विकास का खाका इस तरह तैयार किया जाए, जिससे लोग इससे प्रभावित हों. बैठक में शामिल राम वल्लभा कुंज के अधिकारी संत राजकुमार दास ने कहा कि अयोध्या के तीर्थ महत्व को देखते हुए अयोध्या का विकास होना चाहिए. पौराणिक व धार्मिक ग्रंथों में अयोध्या का महत्त्व दर्शाया गया है. उसके अनुरूप अयोध्या का विकास होना चाहिए. इसके अलावा राम मंदिर निर्माण के साथ-साथ आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं का भी ख्याल रखा जाए. यात्री के निवास, उनके ठहरने की व्यवस्था के साथ ही सड़कें भी चौड़ी की जाएं. संतो ने कहा कि राम मंदिर बनने के बाद लाखों की भीड़ प्रतिदिन अयोध्या आएगी. ऐसे में भीड़ को देखते हुए प्लान तैयार किया जाए. यात्रियों भक्तों के लिए बेहतर जन सुविधाएं विकसित करने की जरूरत है.
व्यवस्थित तरीके से होगा विकास
अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने कहा कि तीन कंपनियां विजन डॉक्यूमेंट बना रही है. जिनका प्रेजटेशन कंपनियों ने संतों के सामने किया और संतों की राय ली. उसी अनुरूप अयोध्या का चहुमुखी विकास किया जाएगा. प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने बताया कि विकास योजनाओं को इस प्रकार से लागू किया जाए कि स्थानीय लोगों को कम से कम समस्याएं फेस करनी पड़े. इसके लिए कंपनी के अधिकारियों से विचार-विमर्श किया गया.