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अयोध्या के संतों में लाल किले की घटना को लेकर आक्रोश

अयोध्या के संतों ने गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के लाल किले पर हुई घटना को आक्रोश है. संतों ने घटना को बेहद दुखद बताया. संतों ने घटना की उच्चस्तरीय जांच कराए जाने और रासुका के तहत कार्रवाई की मांग की है.

संतों में लाल किले की घटना को लेकर आक्रोश.
संतों में लाल किले की घटना को लेकर आक्रोश.
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Published : Jan 28, 2021, 2:47 AM IST

अयोध्या: जिले के संतों में गणतंत्र दिवस के दिन लाल किले पर तिरंगे का अपमान कर दूसरा झंडा फहराए जाने को लेकर आक्रोश है. संतों का कहना है कि जिस तरीके से किसानों के नाम पर अमर्यादित हरकते की गई. वह बेहद दुखद है. संतों ने घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की और कहा कि इसमें शामिल लोगों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की जाए.


रामलला मंदिर के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा है कि गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के लाल किले में जिस तरह की हरकतें की गई. उनमें किसान के भेष में आतंकी थे, जिन्होंने लाल किले पर चढ़कर देश के तिरंगे का अपमान किया है. यह बहुत जघन्य अपराध है. उन्होंने कहा कि इन लोगों ने ऐसी घटना करके देश के शहीदों का अपमान किया है. ऐसे लोगों पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाए. आचार्य ने कहा कि दिल्ली में जिन-जिन जगहों पर किसान के नाम पर हंगामा किया गया. वहां पर पुलिस ने संयम का बर्ताव किया.

जानकारी देते रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास.
रासुका के तहत होनी चाहिए कार्रवाई

आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि उस दौरान जितने किसान नेता शामिल थे. उन सब के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई होनी चाहिए. अन्यथा यह आगे चलकर देश के लिए खतरनाक साबित होंगे. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में शामिल आतंकवादी खालिस्तान समर्थक लोग थे. आजादी के बाद पहली बार लाल किले पर इस तरह की घटना देखने को मिली. पहली बार गणतंत्र दिवस पर किसान के नाम पर आतंकियों ने देश का अपमान किया है. वहीं तपस्वी छावनी के महंत जगतगुरु परमहंस आचार्य ने भी गणतंत्र दिवस के अवसर पर लाल किले घटना को दुखद बताया है.

राजेश टिकौत और योगेंद्र यादव पर कार्रवाई की मांग
महंत परमहंस दास ने कहा कि सरकार लगातार किसानों से वार्ता कर रही है. ऐसे में इस तरह की घटना बेहद शर्मनाक है. यह देश के जयचंद और गद्दार हैं. यह हिंसक उग्रवादी हैं, जो चाइना, पाकिस्तान और खालिस्तान के समर्थन में इस तरह की घटना को अंजाम दिया है. इसमें शामिल राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव जैसे नेताओं के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. इन नेताओं ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन की बात की थी, लेकिन इन लोगों ने तिरंगे तक का अपमान किया है.

जजानकारी देते तपस्वी छावनी के महंत जगतगुरु परमहंस आचार्य.

संतों ने कहा, घटना की हो उच्चस्तरीय जांच

गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के लाल किले पर हुई घटना को लेकर संतों ने कहा कि इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और रासुका के तहत कार्रवाई होनी चाहिए. संतो ने कहा कि आज पूरा देश शर्मसार है. किसान की आड़ में नकली किसानों ने देश को तोड़ने के लिए षड्यंत्र किया इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.

अयोध्या: जिले के संतों में गणतंत्र दिवस के दिन लाल किले पर तिरंगे का अपमान कर दूसरा झंडा फहराए जाने को लेकर आक्रोश है. संतों का कहना है कि जिस तरीके से किसानों के नाम पर अमर्यादित हरकते की गई. वह बेहद दुखद है. संतों ने घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की और कहा कि इसमें शामिल लोगों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की जाए.


रामलला मंदिर के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा है कि गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के लाल किले में जिस तरह की हरकतें की गई. उनमें किसान के भेष में आतंकी थे, जिन्होंने लाल किले पर चढ़कर देश के तिरंगे का अपमान किया है. यह बहुत जघन्य अपराध है. उन्होंने कहा कि इन लोगों ने ऐसी घटना करके देश के शहीदों का अपमान किया है. ऐसे लोगों पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाए. आचार्य ने कहा कि दिल्ली में जिन-जिन जगहों पर किसान के नाम पर हंगामा किया गया. वहां पर पुलिस ने संयम का बर्ताव किया.

जानकारी देते रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास.
रासुका के तहत होनी चाहिए कार्रवाई

आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि उस दौरान जितने किसान नेता शामिल थे. उन सब के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई होनी चाहिए. अन्यथा यह आगे चलकर देश के लिए खतरनाक साबित होंगे. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में शामिल आतंकवादी खालिस्तान समर्थक लोग थे. आजादी के बाद पहली बार लाल किले पर इस तरह की घटना देखने को मिली. पहली बार गणतंत्र दिवस पर किसान के नाम पर आतंकियों ने देश का अपमान किया है. वहीं तपस्वी छावनी के महंत जगतगुरु परमहंस आचार्य ने भी गणतंत्र दिवस के अवसर पर लाल किले घटना को दुखद बताया है.

राजेश टिकौत और योगेंद्र यादव पर कार्रवाई की मांग
महंत परमहंस दास ने कहा कि सरकार लगातार किसानों से वार्ता कर रही है. ऐसे में इस तरह की घटना बेहद शर्मनाक है. यह देश के जयचंद और गद्दार हैं. यह हिंसक उग्रवादी हैं, जो चाइना, पाकिस्तान और खालिस्तान के समर्थन में इस तरह की घटना को अंजाम दिया है. इसमें शामिल राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव जैसे नेताओं के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. इन नेताओं ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन की बात की थी, लेकिन इन लोगों ने तिरंगे तक का अपमान किया है.

जजानकारी देते तपस्वी छावनी के महंत जगतगुरु परमहंस आचार्य.

संतों ने कहा, घटना की हो उच्चस्तरीय जांच

गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के लाल किले पर हुई घटना को लेकर संतों ने कहा कि इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और रासुका के तहत कार्रवाई होनी चाहिए. संतो ने कहा कि आज पूरा देश शर्मसार है. किसान की आड़ में नकली किसानों ने देश को तोड़ने के लिए षड्यंत्र किया इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.

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