अयोध्या : हिंदुत्व और धार्मिक मुद्दों पर बेबाकी से अपना पक्ष रखने वाले तपस्वी छावनी के उत्तराधिकारी महंत परमहंस दास ने एक कठिन संकल्प ले लिया है. उनके द्वारा 2 अक्टूबर को जल समाधि लेने की घोषणा की गई है. उनके इस पूरे कार्यक्रम के पहले चरण में मंगलवार को महंत परमहंस दास ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कफन पूजन किया और ऐलान किया कि 2 अक्टूबर को वह यही कफन ओढ़कर सरयू में जल समाधि ले लेंगे. महंत परमहंस दास ने ऐलान कर दिया है कि अगर 2 अक्टूबर से पूर्व भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित नहीं किया गया तो वह 1 अक्टूबर को संतों का धर्म सम्मेलन आयोजित करेंगे और 2 अक्टूबर को दिन में 12 बजे वो मां सरयू में जल समाधि ले लेंगे.
'देश के नागरिकों की रक्षा के लिए भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करना बेहद जरूरी'
मीडिया से बात करते हुए महंत परमहंस दास ने कहा कि मैंने संतों की परंपरा का पालन किया है. जो कर्म मृत्यु के बाद किया जाता है वह कर्म मैंने स्वयं मृत्यु से पूर्व कर लिया है. वैदिक मंत्रोचार के जरिए मैंने अपने ऊपर धारण किए जाने वाले कफन को शुद्ध कर लिया है. इसी कफन को अपने ऊपर डालकर मैं 2 अक्टूबर को मां सरयू में जल समाधि ले लूंगा. महंत परमहंस दास ने कहा कि अगर देश के नागरिकों की रक्षा करनी है तो भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करना ही होगा.
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उनका कहना था कि मैंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि देश की जनता के हित में और समाज कल्याण के हित में इस देश को हिंदू राष्ट्र घोषित कर दिया जाए. जिस तरह से अल्पसंख्यकों द्वारा अपनी आबादी बढ़ाई जा रही है. बहुत जल्द इस देश का बहुसंख्यक समाज वर्ग विशेष के सामने खुद को कमजोर पाएगा और देश की कानून व्यवस्था और संविधान पर खतरा उत्पन्न हो जाएगा. ऐसी स्थिति न आए, इसलिए इस देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करना बेहद जरूरी है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो 2 अक्टूबर को मैं जल समाधि ले लूंगा.