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अयोध्या फिल्म फेस्टिवलः काकोरी एक्शन के महानायकों की पर्दे पर यादें हुई सतरंगी

उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में 13वें फिल्म फेस्टिवल का बुधवार को समापन हुआ. इस फिल्म फेस्टिवल में देश विदेश की कुल 76 फिल्मों का प्रदर्शन किया गया. वहीं इस फेस्टिवल में कई फिल्मों को अवार्ड भी दिया गया और सरोकारों को सम्मानित भी किया गया.

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Published : Dec 18, 2019, 11:45 PM IST

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फिल्म फेस्टिवल का किया गया समापन

अयोध्या: रामनगरी में काकोरी एक्शन के महानायकों की याद में 13वें फिल्म फेस्टिवल का समापन किया गया. फिल्म उद्योग से लोगों को जोड़ने और राम नगरी में फिल्मों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए ये आयोजन हर वर्ष आयोजित किया जाता है. यह महोत्सव अपने आप में अनूठा है, जो फिल्मी जगत के साथ लोगों को शहीदों के गौरवमयी इतिहास से भी जोड़ता है.

फिल्म फेस्टिवल का किया गया समापन.

इसे भी पढ़ें:- अयोध्या: 'विंग कमांडर' की बनाई गई प्रतिमा, 2 साल बाद मिली सच्ची श्रद्धांजलि

फिल्म फेस्टिवल में 76 फिल्मों का प्रदर्शन
इस वर्ष अयोध्या फिल्म फेस्टिवल में देश विदेश की कुल 76 फिल्मों का प्रदर्शन किया गया. यह तीन दिवसीय आयोजन अगले साल फिर फिल्मों का मेला सजाने के इरादे संग समाप्त हो गया. देश के क्रांतिकारियों पर विशेष फोकस के साथ काम कर रही संस्था आवाम का सिनेमा की ओर से सरोकारी सिनेमा के तेवर, कलेवर और रंगों को सतरंगी स्वरूप दिया. महोत्सव के तीसरे दिन बुधवार को समारोहों में सराही जा चुकी फिल्मों के प्रदर्शन ने दर्शकों के मनोभावों को छू लिया. इस आयोजन में 12 से अधिक फिल्मों के प्रदर्शन के सांस्कृतिक आयोजनों ने दर्शकों का खूब मनोरंजन भी किया. समापन समारोह में लाठियों के सहारे अवधी नृत्य की प्रस्तुति ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरी.

तीसरे दिन की चर्चित फिल्में
'अम्बेसडर ऑफ द सोशलिज्म डॉ. राम मनोहर लोहिया' डॉक्यूमेंट्री फिल्म में डॉ. राममनोहर लोहिया उनके समर्थकों और उनके समकालीन नेताओं के जीवन पर आधारित 103 मिनट की एक डॉक्यूमेंट्री प्रस्तुत की गई. इसके निर्माता नितेश का कहना है कि इस फिल्म को बनाने में ढाई साल लगे. वहीं बंगाली फिल्म 'स्पर्श' का प्रदर्शन किया गया. यह फिल्म बच्चों में स्वलीनता (आटिज्म) पर आधारित है.

इसके अलावा बनारस की पृष्ठभूमि पर निर्माता निर्देशक और लेखक अभिषेक ब्रम्हचारी की फिल्म 'गॉड लव्स पाइप' ने काशी को पर्दे पर बखूबी प्रदर्शित किया गया. फिल्म में आस्था से जुड़े कई तथ्यों को रोचकता के साथ प्रदर्शित किया गया है. समारोह में निर्माता कुमार राज की स्त्री केंद्रित फिल्म तारा भी प्रदर्शित की गई. उन्होंने बताया कि तारा ऑस्कर में बेस्ट फिल्म फॉरेन लैंग्वेज में शामिल हो चुकी है. समारोह के तीसरे दिन धुत्त, धागड़, लेवल 13, द इनोसेंट ड्रीम, द लास्ट ड्रीम, शुभारंभ, काक बगोदा, रिक्शावाला और मेजेस्टी फिल्में प्रदर्शित की गई.

फिल्म कलाकारों का लगा जमावड़ा
अयोध्या फिल्म फेस्टिवल के समापन समारोह में दौरान अभिनेता अविनाश द्विवेदी, अजय महेंद्रू, मोहनदास, अरविंद चौरसिया, राजेश संचेती, आतिया शेख, डॉ. मणिशंकर त्रिपाठी, अजय तिवारी, इं. राज त्रिपाठी, हिमांशु शेखर परिदा, ओम प्रकाश सिंह, जनार्दन पांडेय, बबलू पंडित समेत कई दिग्गज मौजूद रहे.

इन फिल्मों को मिला सम्मान:
बेस्ट फिल्म- मलयालम फिल्म 'इडम'.
बेस्ट एक्टर्स - सीमा बिस्वास, मलयालम फ़िल्म 'इडम'
बेस्ट नॉन फीचर, शार्ट फिल्म- अम्बेसडर ऑफ द सोशलिज्म डॉ. राम मनोहर लोहिया.
बेस्ट शार्ट फिल्म- बिस्कुट.
बेस्ट एक्टर - अविनाश द्विवेदी, रिक्शावाला.
बेस्ट एक्टर क्रिटिक चॉइस- अजय महेंद्रू शक ऑफ
बेस्ट डायरेक्शन- पैरेट्स के लिए शशांक शेखर सिंह.
बेस्ट स्पोर्टिंग एक्टर- धुत्त के लिए शक्ति आनंद.
बेस्ट शार्ट फिल्म- वो पल
बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस- स्वरूपा घोष, वो पल.
बेस्ट स्टोरी डॉक्यूमेंट्री- दीपिका चतुर्वेदी आदि मां गोमती उद्गम.

सरोकारों को मिला सम्मान
समारोह में सरयू नदी में लोगों को डूबने से बचाने वाले बाबू निषाद, भगवान दीन निषाद, बाल किशन निषाद, अरुण निषाद, ऊदल निषाद को भी सम्मानित किया गया. 13वें अयोध्या फिल्म फेस्टिवल के चेयरमैन मोहनदास का कहना है कि यह आयोजन इस बार अयोध्या में फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है. उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य स्थानीय लोगों को फिल्म में काम करने की प्रतिभा को मौका देने का है. वहीं महोत्सव के आयोजक शाह आलम का कहना है कि अयोध्या फिल्म फेस्टिवल का क्रम आगे भी जारी रहेगा. समाजिक सरोकारों का योगदान एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरित होता है, यही आयोजन की सबसे बड़ी सफलता है.

अयोध्या: रामनगरी में काकोरी एक्शन के महानायकों की याद में 13वें फिल्म फेस्टिवल का समापन किया गया. फिल्म उद्योग से लोगों को जोड़ने और राम नगरी में फिल्मों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए ये आयोजन हर वर्ष आयोजित किया जाता है. यह महोत्सव अपने आप में अनूठा है, जो फिल्मी जगत के साथ लोगों को शहीदों के गौरवमयी इतिहास से भी जोड़ता है.

फिल्म फेस्टिवल का किया गया समापन.

इसे भी पढ़ें:- अयोध्या: 'विंग कमांडर' की बनाई गई प्रतिमा, 2 साल बाद मिली सच्ची श्रद्धांजलि

फिल्म फेस्टिवल में 76 फिल्मों का प्रदर्शन
इस वर्ष अयोध्या फिल्म फेस्टिवल में देश विदेश की कुल 76 फिल्मों का प्रदर्शन किया गया. यह तीन दिवसीय आयोजन अगले साल फिर फिल्मों का मेला सजाने के इरादे संग समाप्त हो गया. देश के क्रांतिकारियों पर विशेष फोकस के साथ काम कर रही संस्था आवाम का सिनेमा की ओर से सरोकारी सिनेमा के तेवर, कलेवर और रंगों को सतरंगी स्वरूप दिया. महोत्सव के तीसरे दिन बुधवार को समारोहों में सराही जा चुकी फिल्मों के प्रदर्शन ने दर्शकों के मनोभावों को छू लिया. इस आयोजन में 12 से अधिक फिल्मों के प्रदर्शन के सांस्कृतिक आयोजनों ने दर्शकों का खूब मनोरंजन भी किया. समापन समारोह में लाठियों के सहारे अवधी नृत्य की प्रस्तुति ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरी.

तीसरे दिन की चर्चित फिल्में
'अम्बेसडर ऑफ द सोशलिज्म डॉ. राम मनोहर लोहिया' डॉक्यूमेंट्री फिल्म में डॉ. राममनोहर लोहिया उनके समर्थकों और उनके समकालीन नेताओं के जीवन पर आधारित 103 मिनट की एक डॉक्यूमेंट्री प्रस्तुत की गई. इसके निर्माता नितेश का कहना है कि इस फिल्म को बनाने में ढाई साल लगे. वहीं बंगाली फिल्म 'स्पर्श' का प्रदर्शन किया गया. यह फिल्म बच्चों में स्वलीनता (आटिज्म) पर आधारित है.

इसके अलावा बनारस की पृष्ठभूमि पर निर्माता निर्देशक और लेखक अभिषेक ब्रम्हचारी की फिल्म 'गॉड लव्स पाइप' ने काशी को पर्दे पर बखूबी प्रदर्शित किया गया. फिल्म में आस्था से जुड़े कई तथ्यों को रोचकता के साथ प्रदर्शित किया गया है. समारोह में निर्माता कुमार राज की स्त्री केंद्रित फिल्म तारा भी प्रदर्शित की गई. उन्होंने बताया कि तारा ऑस्कर में बेस्ट फिल्म फॉरेन लैंग्वेज में शामिल हो चुकी है. समारोह के तीसरे दिन धुत्त, धागड़, लेवल 13, द इनोसेंट ड्रीम, द लास्ट ड्रीम, शुभारंभ, काक बगोदा, रिक्शावाला और मेजेस्टी फिल्में प्रदर्शित की गई.

फिल्म कलाकारों का लगा जमावड़ा
अयोध्या फिल्म फेस्टिवल के समापन समारोह में दौरान अभिनेता अविनाश द्विवेदी, अजय महेंद्रू, मोहनदास, अरविंद चौरसिया, राजेश संचेती, आतिया शेख, डॉ. मणिशंकर त्रिपाठी, अजय तिवारी, इं. राज त्रिपाठी, हिमांशु शेखर परिदा, ओम प्रकाश सिंह, जनार्दन पांडेय, बबलू पंडित समेत कई दिग्गज मौजूद रहे.

इन फिल्मों को मिला सम्मान:
बेस्ट फिल्म- मलयालम फिल्म 'इडम'.
बेस्ट एक्टर्स - सीमा बिस्वास, मलयालम फ़िल्म 'इडम'
बेस्ट नॉन फीचर, शार्ट फिल्म- अम्बेसडर ऑफ द सोशलिज्म डॉ. राम मनोहर लोहिया.
बेस्ट शार्ट फिल्म- बिस्कुट.
बेस्ट एक्टर - अविनाश द्विवेदी, रिक्शावाला.
बेस्ट एक्टर क्रिटिक चॉइस- अजय महेंद्रू शक ऑफ
बेस्ट डायरेक्शन- पैरेट्स के लिए शशांक शेखर सिंह.
बेस्ट स्पोर्टिंग एक्टर- धुत्त के लिए शक्ति आनंद.
बेस्ट शार्ट फिल्म- वो पल
बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस- स्वरूपा घोष, वो पल.
बेस्ट स्टोरी डॉक्यूमेंट्री- दीपिका चतुर्वेदी आदि मां गोमती उद्गम.

सरोकारों को मिला सम्मान
समारोह में सरयू नदी में लोगों को डूबने से बचाने वाले बाबू निषाद, भगवान दीन निषाद, बाल किशन निषाद, अरुण निषाद, ऊदल निषाद को भी सम्मानित किया गया. 13वें अयोध्या फिल्म फेस्टिवल के चेयरमैन मोहनदास का कहना है कि यह आयोजन इस बार अयोध्या में फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है. उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य स्थानीय लोगों को फिल्म में काम करने की प्रतिभा को मौका देने का है. वहीं महोत्सव के आयोजक शाह आलम का कहना है कि अयोध्या फिल्म फेस्टिवल का क्रम आगे भी जारी रहेगा. समाजिक सरोकारों का योगदान एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरित होता है, यही आयोजन की सबसे बड़ी सफलता है.

Intro:अयोध्या: रामनगरी में काकोरी एक्शन के महानायकों की याद में आयोजित 13वें फिल्म फेस्टिवल का समापन हो गया. फिल्म उद्योग से लोगों को जोड़ने और राम नगरी में फिल्मों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए यह आयोजन हर वर्ष आयोजित किया जाता है. यह महोत्सव अपने आप में अनूठा है, जो फिल्मी जगत के साथ लोगों को उन शहीदों के गौरवमयी इतिहास से भी जोड़ता है, जिन्हें आजादी के इतिहास के पन्नों तक ही सीमित रखा गया.
Body:इस वर्ष अयोध्या फिल्म फेस्टिवल में देश विदेश से आईं कुल 76 फिल्मों का प्रदर्शन किया गया. यह तीन दिवसीय आयोजन अगले साल फिर फिल्मों का मेला सजाने के इरादे संग समाप्त हो गया. देश के क्रांतिकारियों पर विशेष फोकस के साथ काम कर रही संस्था आवाम का सिनेमा की ओर से सरोकारी सिनेमा के तेवर, कलेवर और रंगों को सतरंगी स्वरूप दिया. महोत्सव के तीसरे दिन बुधवार को विभिन्न फिल्म समारोहों में सराही जा चुकी फिल्मों के प्रदर्शन ने दर्शकों के मनोभावों को छू कर सिनेमा के सरोकारी चेहरे को पर्दे पर बखूबी उकेरा. इस आयोजन में दर्जनों फिल्मों के प्रदर्शन के सांस्कृतिक आयोजनों ने दर्शकों का खूब मनोरंजन भी किया. समापन समारोह में लाठियों के सहारे अवधी नृत्य की प्रस्तुति ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरीं.

तीसरे दिन की चर्चित फिल्में :
'अम्बेसडर ऑफ द सोशलिज्म डॉ. राम मनोहर लोहिया' डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म में डॉ. राममनोहर लोहिया उनके समर्थकों और उनके समकालीन नेताओं के जीवन पर आधारित 103 मिनट की एक डॉक्यूमेंट्री प्रस्तुत की गई. इसके निर्माता नितेश का कहना है कि इस फिल्म को बनाने में ढाई साल लगे. वहीं बंगाली फ़िल्म 'स्पर्श' का प्रदर्शन किया गया. यह फिल्म बच्चों में स्वलीनता (आटिज्म) पर आधारित है. इसके अलावा बनारस की पृष्ठभूमि पर निर्माता निर्देशक और लेखक अभिषेक ब्रम्हचारी की फिल्म 'गॉड लव्स पाइप' ने काशी को पर्दे पर बखूबी प्रदर्शित किया गया. फिल्म में आस्था से जुड़े कई तथ्यों को रोचकता के साथ प्रदर्शित किया गया है. समारोह में निर्माता कुमार राज की स्त्री केंद्रित फिल्म तारा भी प्रदर्शित की गई। उन्होंने बताया कि तारा ऑस्कर में बेस्ट फिल्म फॉरेन लैंग्वेज में शामिल हो चुकी है. समारोह के तीसरे दिन धुत्त, धागड़, लेवल 13, द इनोसेंट ड्रीम, द लास्ट ड्रीम, शुभारंभ, काक बगोदा, रिक्शावाला और मेजेस्टी फिल्में प्रदर्शित की गईं.
फिल्म कलाकारों का रहा जमावड़ा
अयोध्या फिल्म फेस्टिवल के समापन समारोह में दौरान अभिनेता अविनाश द्विवेदी, अजय महेंद्रू, मोहनदास, अरविंद चौरसिया, राजेश संचेती, आतिया शेख, डॉ. मणिशंकर त्रिपाठी, अजय तिवारी, इं. राज त्रिपाठी, हिमांशु शेखर परिदा, ओम प्रकाश सिंह, जनार्दन पांडेय बबलू पंडित आदि लोगों का जमावड़ा रहा.
इन फिल्मों को मिला सम्मान:
बेस्ट फ़िल्म- मलयालम फिल्म 'इडम'.
बेस्ट एक्टर्स - सीमा बिस्वास, मलयालम फ़िल्म 'इडम'.
बेस्ट नॉन फीचर, शार्ट फिल्म- अम्बेसडर ऑफ द सोशलिज्म डॉ. राम मनोहर लोहिया.
बेस्ट शार्ट फ़िल्म- बिस्कुट.
बेस्ट एक्टर - अविनाश द्विवेदी, रिक्शावाला.
बेस्ट एक्टर क्रिटिक चॉइस- अजय महेंद्रू शक ऑफ
बेस्ट डायरेक्शन- पैरेट्स के लिए शशांक शेखर सिंह.
बेस्ट स्पोर्टिंग एक्टर- धुत्त के लिए शक्ति आनंद.
बेस्ट शार्ट फिल्म- वो पल
बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस- स्वरूपा घोष, वो पल.
बेस्ट स्टोरी डॉक्यूमेंट्री- दीपिका चतुर्वेदी आदि मां गोमती उद्गम.
Conclusion:सरोकारों को मिला सम्मान
समारोह में सरयू नदी में लोगों को डूबने से बचाने वाले बाबू निषाद, भगवान दीन निषाद, बाल किशन निषाद, अरुण निषाद, ऊदल निषाद को भी सम्मानित किया गया. 13वें अयोध्या फिल्म फेस्टिवल के चेयरमैन मोहनदास का कहना है कि यह आयोजन इस बार अयोध्या में फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजिति किया गया है. उन्होंने कहा है इसका उद्देश्य स्थानीय लोगों की फिल्म में काम करने की प्रतिभा को मौका देने का है. वहीं महोत्सव के आयोजक शाह आलम का कहना है कि कहना है कि अयोध्या फिल्म फेस्टिवल का क्रम आगे भी जारी रहेगा. समाजित सरोकारों का योगदान एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरित होता है, यही आयोजन की सबसे बड़ी सफलता है.

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