अयोध्या: अयोध्या शोध संस्थान का कला और संस्कृति विभाग दीपोत्सव के मौके पर इस बार अवधि संस्कृत को नई पहचान दिलाने के प्रयास में है. दरअसल 24 अक्टूबर से शुरू होने वाले तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम में संस्कृत विभाग की ओर से भारत के प्रसिद्ध कलाकारों की 28 टीमें बुलाई गई हैं, जो अलग-अलग स्थानों पर लोक कलाओं की मनमोहक प्रस्तुतियां देंगी.
इस बार अयोध्या शोध संस्थान को दीपोत्सव कार्यक्रम का दायित्व सौंप दिया गया है. इसके अंतर्गत अयोध्या के प्रसिद्ध स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कराए जा रहे हैं. जिसके बारे में संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी राम तीरथ ने ईटीवी भारत के साथ बात करते हुए जानकारी दी.
दीपोत्सव कार्यक्रम की जानकारी देते अयोध्या शोध संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी. यह भी पढ़ें: लखनऊः बलरामपुर और सिविल अस्पताल में रात में भी किया जाएगा अति गंभीर मरीजों का इलाजगुप्तार घाट में होगा अनोखा सांस्कृतिक कार्यक्रम
गुप्तार घाट में तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. 24 अक्टूबर से शुरू होने वाला कार्यक्रम 26 अक्टूबर तक चलेगा. इसमें पहले दिन अवधी लोक नृत्य 'ढिंढिया', बुंदेलखंड का लोकनृत्य 'राय सैरा', 'मेघदूत की पूर्वांचल यात्रा', राजा भरथरी नौटंकी, छाऊ लोकनृत्य, 'सुंदरकांड' नृत्य नाटिका, रामलीला, भजन गायन उत्तराखंड के लोकनृत्य, विदेशी रामलीला और रामायण आल्हा की प्रस्तुति दी जाएगी.
नया घाट स्थित भजन संध्या स्थल पर तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इसमें मुख्य विदेशी रामलीला का आयोजन राम कथा पार्क में किया जाएगा. इसके अलावा बिड़ला धर्मशाला, झुनकी की घाट, भरत कुंड आईटीआई, साकेत पीजी कॉलेज, दशरथ महल, कनक भवन, तुलसी उद्यान और हनुमान बाग में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तावित है. 26 अक्टूबर को साकेत पीजी कॉलेज से भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी.