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पूर्वांचल राज्य समय की मांग : जगद्गुरु रामनंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य

कौशल राज्य जन आंदोलन परिषद ने पूर्वांचल राज्य की मांग और अयोध्या को उसकी राजधानी बनाए जाने के लिए राम की पैड़ी पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर संतों के आशीर्वचन के साथ-साथ 11 हजार दीपमालाओं से राम की पैड़ी जगमगा उठी.

Ayodhya capital of purvancha
कौशल राज्य जन आंदोलन परिषद
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Published : Feb 12, 2021, 2:43 AM IST

अयोध्या: कौशल राज्य जन आंदोलन परिषद ने पूर्वांचल राज्य की मांग और अयोध्या को उसकी राजधानी बनाए जाने के लिए राम की पैड़ी पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर संतों के आशीर्वचन के साथ-साथ 11 हजार दीपमालाओं से राम की पैड़ी जगमगा उठी.


'हिंदुस्तान के स्थान पर हिन्दू स्थान बोला जाना चाहिए'

वशिष्ठ भवन के महंत डॉ. राघवेश दास वेदांती ने कहा कि "जिन्हें राम मंदिर व कौशल प्रदेश से प्यार नहीं होगा, उन्हें अयोध्या में रहने का अधिकार नहीं होगा." करपात्री ने कहा कि "हिंदुस्तान के स्थान पर हिन्दू स्थान बोला जाना चाहिए." जगद्गुरु रामनंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य ने कहा कि "पूर्वांचल राज्य समय की मांग है." महंत गिरीशपति तिवारी ने कहा "कौशल राज्य बने ये प्रशासनिक के साथ ही सांस्कृतिक आवश्यकता है."

महंतों ने दिया आशीर्वाद

कार्यक्रम की अध्यक्षता राजगोपाल मंदिर के महंत कौशल किशोर फलाहारी ने की. इस दौरान जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य, तिंवारी मंदिर के महंत गिरीशपति तिवारी, वशिष्ठ भवन के महंत डॉ राघवेश दास वेदांती, महंत रामशरण दास रामायणी, महंत सत्येन्द्र दास, आर्यसंत वरुण दास रामायणी, करपात्री जी और नारायण मिश्र मौजूद रहे.

अयोध्या: कौशल राज्य जन आंदोलन परिषद ने पूर्वांचल राज्य की मांग और अयोध्या को उसकी राजधानी बनाए जाने के लिए राम की पैड़ी पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर संतों के आशीर्वचन के साथ-साथ 11 हजार दीपमालाओं से राम की पैड़ी जगमगा उठी.


'हिंदुस्तान के स्थान पर हिन्दू स्थान बोला जाना चाहिए'

वशिष्ठ भवन के महंत डॉ. राघवेश दास वेदांती ने कहा कि "जिन्हें राम मंदिर व कौशल प्रदेश से प्यार नहीं होगा, उन्हें अयोध्या में रहने का अधिकार नहीं होगा." करपात्री ने कहा कि "हिंदुस्तान के स्थान पर हिन्दू स्थान बोला जाना चाहिए." जगद्गुरु रामनंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य ने कहा कि "पूर्वांचल राज्य समय की मांग है." महंत गिरीशपति तिवारी ने कहा "कौशल राज्य बने ये प्रशासनिक के साथ ही सांस्कृतिक आवश्यकता है."

महंतों ने दिया आशीर्वाद

कार्यक्रम की अध्यक्षता राजगोपाल मंदिर के महंत कौशल किशोर फलाहारी ने की. इस दौरान जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य, तिंवारी मंदिर के महंत गिरीशपति तिवारी, वशिष्ठ भवन के महंत डॉ राघवेश दास वेदांती, महंत रामशरण दास रामायणी, महंत सत्येन्द्र दास, आर्यसंत वरुण दास रामायणी, करपात्री जी और नारायण मिश्र मौजूद रहे.

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