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अयोध्या : एंबुलेंस चालकों ने कार्य का किया बहिष्कार, कहा- असुरक्षा के बीच नहीं करेंगे काम

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में लॉकडाउन के बीच आक्समिक सेवाएं प्रभावित हो रही है. एंबुलेंस चालकों ने वेतन न मिलने पर कार्य बहिष्कार कर दिया है. इससे आकस्मिक सेवाएं ठप होने से अयोध्या में लोगों के लिए संकट की स्थिति बन गई है.

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स्वास्थ्य विभाग की आकस्मिक सेवाएं ठप
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Published : Apr 1, 2020, 10:20 AM IST

अयोध्या: लाॅकडाउन के बीच इमरजेंसी सेवाएं भी प्रभावित हो रही है. एंबुलेंस चालकों ने कार्य बहिष्कार कर दिया है. चिकित्सा विभाग पर उपेक्षा का गंभीर आरोप लगाया है. आकस्मिक सेवाएं ठप होने से अयोध्या में लोगों के लिए संकट की स्थिति बन गई है.

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स्वास्थ्य विभाग की आकस्मिक सेवाएं ठप
एंबुलेंस पायलटों ने कार्य का किया बाहिष्कार

लाॅकडाउन के बीच इमर्जेंसी सेवाएं ही लोगों का सहारा हैं, लेकिन अयोध्या में एंबुलेंस ड्राइवरों ने अब कार्य का बहिष्कार कर दिया है. इससे स्वास्थ्य विभाग की इमरजेंसी सेवाएं प्रभावित हो रही हैं. मंडलीय चिकित्सालय राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज में एंबुलेंस की गाड़ियां खड़ी कर दी गई हैं.

मास्क और सैनिटाइजर ने उपलब्ध कराए उपकरण
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव की किट उपलब्ध नहीं कराई गई है. उन्हें अब तक माॅस्क और सैनेटाइजर भी उपलब्ध नहीं कराए गये हैं.

वेतन न मिलने से आर्थिक तंगी की झेल रहे मार

एंबुलेंस ड्राइवरों का आरोप है कि, पिछले कई महीने से उनका वेतन नहीं दिया गया है, जिसके चलते उनका परिवार आर्थिक तंगी की मार झेल रहा है और इस समस्या से स्वास्थ्य विभाग को अवगत कराने के बाद भी अधिकारियों ने कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाए.

3 महीने का बकाया है वेतन

स्वास्थ्य विभाग ने एंबुलेंस संचालन का कॉन्ट्रैक्ट जीवीके एमआरआई कंपनी को दिया है. एंबुलेंस चालकों ने आरोप लगाया है कि यह कंपनी न तो उन्हें समय से वेतन का भुगतान करती है. ना ही उनके लिए बीमा अब तक कराया गया है, कि पिछले 6 महीने से उनके ईपीएफ का पैसा नहीं जमा कराया गया है. वहीं 3 महीने की सैलरी बकाया है.

असुरक्षा के बीच नहीं करेंगे काम

स्वास्थ्य विभाग के 'जीवनदायिनी एंबुलेंस सेवा' संघ के जिला महामंत्री पवन कुमार नंद ने बताया उन्हें प्रत्येक बीमार व्यक्ति को एंबुलेंस पर बैठाकर अस्पताल तक पहुंचाना होता है, लेकिन उन्हें पता नहीं होता है. कौन सा मरीज कोरोनाा पॉजिटिव है. ऐसे में बिना किट के सेवा देना उनके लिए खतरा बन गया है. ऐसे में कंपनी की ओर से न तो कोई बीमा करवाया है और ना ही उन्हें समय से वेतन दिया जा रहा है. ऐसे में उनका परिवार अनिश्चितता की स्थिति में है.

नहीं कराई गई सुरक्षा उपलब्ध
वहीं एंबुलेंस ड्राइवर प्रमोद कुमार यादव ने कहा है कि उन्हें किसी प्रकार की सुरक्षा के उपलब्ध नहीं कराई गई है. उनका बकाया वेतन और पीएफ का पैसा ना जमा होने और बीमा ना होने तक वह कार्य बहिष्कार कर रहे हैं.

एंबुलेंस बंद होने से आकस्मिक सेवाओं पर पड़ा बुरा असर
कोरोना महामारी के संक्रमण से बचाव के लिए देश में लाॅकडाउन है. लोगों को घरों से निकलने पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा दिया गया है. केवल इमरजेंसी सेवाओं के लिए ही बाहर निकलने की अनुमति है. ऐसे में सरकार द्वारा संचालित 108 और 102 एंबुलेंस कर्मचारियों द्वारा कार्य बहिष्कार से लोगों को मिलने वाली आकस्मिक सेवाओं पर बुरा असर पड़ रहा है.

एंबुलेंस पायलटों ने कार्य का किया बहिष्कार

एंबुलेंस पायलटों ने मंडलीय चिकित्सालय राजकीय राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज में एंबुलेंस 108 और 102 के वाहनों को खड़ा कर दिया है. मांगे पूरी ना होने तक कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी है.

अयोध्या: लाॅकडाउन के बीच इमरजेंसी सेवाएं भी प्रभावित हो रही है. एंबुलेंस चालकों ने कार्य बहिष्कार कर दिया है. चिकित्सा विभाग पर उपेक्षा का गंभीर आरोप लगाया है. आकस्मिक सेवाएं ठप होने से अयोध्या में लोगों के लिए संकट की स्थिति बन गई है.

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स्वास्थ्य विभाग की आकस्मिक सेवाएं ठप
एंबुलेंस पायलटों ने कार्य का किया बाहिष्कार

लाॅकडाउन के बीच इमर्जेंसी सेवाएं ही लोगों का सहारा हैं, लेकिन अयोध्या में एंबुलेंस ड्राइवरों ने अब कार्य का बहिष्कार कर दिया है. इससे स्वास्थ्य विभाग की इमरजेंसी सेवाएं प्रभावित हो रही हैं. मंडलीय चिकित्सालय राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज में एंबुलेंस की गाड़ियां खड़ी कर दी गई हैं.

मास्क और सैनिटाइजर ने उपलब्ध कराए उपकरण
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव की किट उपलब्ध नहीं कराई गई है. उन्हें अब तक माॅस्क और सैनेटाइजर भी उपलब्ध नहीं कराए गये हैं.

वेतन न मिलने से आर्थिक तंगी की झेल रहे मार

एंबुलेंस ड्राइवरों का आरोप है कि, पिछले कई महीने से उनका वेतन नहीं दिया गया है, जिसके चलते उनका परिवार आर्थिक तंगी की मार झेल रहा है और इस समस्या से स्वास्थ्य विभाग को अवगत कराने के बाद भी अधिकारियों ने कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाए.

3 महीने का बकाया है वेतन

स्वास्थ्य विभाग ने एंबुलेंस संचालन का कॉन्ट्रैक्ट जीवीके एमआरआई कंपनी को दिया है. एंबुलेंस चालकों ने आरोप लगाया है कि यह कंपनी न तो उन्हें समय से वेतन का भुगतान करती है. ना ही उनके लिए बीमा अब तक कराया गया है, कि पिछले 6 महीने से उनके ईपीएफ का पैसा नहीं जमा कराया गया है. वहीं 3 महीने की सैलरी बकाया है.

असुरक्षा के बीच नहीं करेंगे काम

स्वास्थ्य विभाग के 'जीवनदायिनी एंबुलेंस सेवा' संघ के जिला महामंत्री पवन कुमार नंद ने बताया उन्हें प्रत्येक बीमार व्यक्ति को एंबुलेंस पर बैठाकर अस्पताल तक पहुंचाना होता है, लेकिन उन्हें पता नहीं होता है. कौन सा मरीज कोरोनाा पॉजिटिव है. ऐसे में बिना किट के सेवा देना उनके लिए खतरा बन गया है. ऐसे में कंपनी की ओर से न तो कोई बीमा करवाया है और ना ही उन्हें समय से वेतन दिया जा रहा है. ऐसे में उनका परिवार अनिश्चितता की स्थिति में है.

नहीं कराई गई सुरक्षा उपलब्ध
वहीं एंबुलेंस ड्राइवर प्रमोद कुमार यादव ने कहा है कि उन्हें किसी प्रकार की सुरक्षा के उपलब्ध नहीं कराई गई है. उनका बकाया वेतन और पीएफ का पैसा ना जमा होने और बीमा ना होने तक वह कार्य बहिष्कार कर रहे हैं.

एंबुलेंस बंद होने से आकस्मिक सेवाओं पर पड़ा बुरा असर
कोरोना महामारी के संक्रमण से बचाव के लिए देश में लाॅकडाउन है. लोगों को घरों से निकलने पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा दिया गया है. केवल इमरजेंसी सेवाओं के लिए ही बाहर निकलने की अनुमति है. ऐसे में सरकार द्वारा संचालित 108 और 102 एंबुलेंस कर्मचारियों द्वारा कार्य बहिष्कार से लोगों को मिलने वाली आकस्मिक सेवाओं पर बुरा असर पड़ रहा है.

एंबुलेंस पायलटों ने कार्य का किया बहिष्कार

एंबुलेंस पायलटों ने मंडलीय चिकित्सालय राजकीय राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज में एंबुलेंस 108 और 102 के वाहनों को खड़ा कर दिया है. मांगे पूरी ना होने तक कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी है.

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