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अयोध्या: कचहरी ब्लास्ट मामले में एडीजे के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं अधिवक्ता, जाएंगे हाईकोर्ट - फैजाबाद कचहरी ब्लास्ट

फैजाबाद कचहरी ब्लास्ट मामले में फैसले से नाराज अधिवक्ताओं ने मौजूदा एडीजे के कार्यकाल के अंतिम दिन भी विरोध जारी रखा. अधिवक्ताओं ने अब नए एडीजे का विरोध न करने का फैसला किया है लेकिन मामले में उनका विरोध जारी है.

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अयोध्या कचहरी ब्लास्ट
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Published : Dec 24, 2019, 11:25 PM IST

Updated : Dec 24, 2019, 11:54 PM IST

अयोध्या: उत्तर प्रदेश में कचहरी सीरियल ब्लास्ट के चलते फैजाबाद जिला सत्र न्यायालय को भारी नुकसान झेलना पड़ा था. इसमें एक वरिष्ठ अधिवक्ता समेत कुल 4 लोगों की मौत हुई थी. 20 दिसंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मंडल कारागार फैजाबाद में कचहरी ब्लास्ट मामले के दोषियों को सजा सुनाई गई थी. जिन तीन दोषियों को सजा सुनाई गई थी, उनमें से एक की पहले ही बाराबंकी जेल में हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है.

एडीजे ने आरोपियों को आजीवन कारावास की सुनाई है सजा.

मामले में आरोपी खालिद मुजाहिद, मोहम्मद अख्तर और तारिक काजमी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है, जिसमें से खालिद मुजाहिद की बाराबंकी जेल में मौत हो चुकी है. सबूतों के अभाव में सज्जाद उर रहमान को बरी कर दिया गया है. अधिवक्ता इस फैसले से नाराज हैं. उनका कहना है कि दोषियों को फांसी की सजा होनी चाहिए. बार एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि मामले में हाईकोर्ट में अपील दायर की जाएगी.

ये भी पढ़ें: अयोध्या कचहरी बम ब्लास्ट मामला: सज्जाद के बरी होने के बाद पिता ने कही ये बातें

ब्लास्ट के बाद घटनास्थल का नाम जीरो ग्राउंड पड़ा
23 नवंबर 2007 को फैजाबाद, लखनऊ और वाराणसी के जिला एवं सत्र न्यायालय में एक के बाद एक बम धमाके हुए थे. इस घटना में सबसे अधिक नुकसान फैजाबाद जिला एवं सत्र न्यायालय में हुआ था. अधिवक्ताओं और पैरोंकारों से खचाखच भरी कचहरी परिसर के बीच में हुए धमाके से लोगों के रोंगटे खड़े हो गए थे.

कोर्ट परिसर में अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया था. अधिवक्ताओं के जिस शेड के पास ब्लास्ट हुआ था उसे अब जीरो ग्राउंड के नाम से जाना जाता है. बम विस्फोट में वरिष्ठ अधिवक्ता पंडित राधिका प्रसाद मिश्र उनके साथ एक स्टांप वेंडर और दो अन्य लोगों की मौत हो गई थी.

ये भी पढ़ें: शांतिपूर्ण तरीके से हुआ अयोध्या में प्रदर्शन, चौकस रही पुलिस

13 साल बाद आए निर्णय से असंतुष्ट है बार एसोसिएशन
मामले में अयोध्या स्थित मंडल कारागार में दोषियों को सजा सुनाई गई लेकिन एडीजे कोर्ट के इस फैसले से फैजाबाद अधिवक्ता संघ संतुष्ट नजर नहीं आ रहा है. फैसला आने के बाद अधिवक्ता लगातार एडीजे कोर्ट का विरोध कर रहे थे.

24 दिसंबर को मौजूदा एडीजे का कार्यकाल समाप्त होने के बाद कोर्ट का बहिष्कार तो नहीं किया जाएगा लेकिन इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की जाएगी. फैजाबाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय बहादुर सिंह का कहना है कि दोषियों को फांसी की सजा होनी चाहिए. उन्होंने जिस घटना को अंजाम दिया है उससे इससे कम कोई सजा नहीं हो सकती.

अयोध्या: उत्तर प्रदेश में कचहरी सीरियल ब्लास्ट के चलते फैजाबाद जिला सत्र न्यायालय को भारी नुकसान झेलना पड़ा था. इसमें एक वरिष्ठ अधिवक्ता समेत कुल 4 लोगों की मौत हुई थी. 20 दिसंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मंडल कारागार फैजाबाद में कचहरी ब्लास्ट मामले के दोषियों को सजा सुनाई गई थी. जिन तीन दोषियों को सजा सुनाई गई थी, उनमें से एक की पहले ही बाराबंकी जेल में हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है.

एडीजे ने आरोपियों को आजीवन कारावास की सुनाई है सजा.

मामले में आरोपी खालिद मुजाहिद, मोहम्मद अख्तर और तारिक काजमी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है, जिसमें से खालिद मुजाहिद की बाराबंकी जेल में मौत हो चुकी है. सबूतों के अभाव में सज्जाद उर रहमान को बरी कर दिया गया है. अधिवक्ता इस फैसले से नाराज हैं. उनका कहना है कि दोषियों को फांसी की सजा होनी चाहिए. बार एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि मामले में हाईकोर्ट में अपील दायर की जाएगी.

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ब्लास्ट के बाद घटनास्थल का नाम जीरो ग्राउंड पड़ा
23 नवंबर 2007 को फैजाबाद, लखनऊ और वाराणसी के जिला एवं सत्र न्यायालय में एक के बाद एक बम धमाके हुए थे. इस घटना में सबसे अधिक नुकसान फैजाबाद जिला एवं सत्र न्यायालय में हुआ था. अधिवक्ताओं और पैरोंकारों से खचाखच भरी कचहरी परिसर के बीच में हुए धमाके से लोगों के रोंगटे खड़े हो गए थे.

कोर्ट परिसर में अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया था. अधिवक्ताओं के जिस शेड के पास ब्लास्ट हुआ था उसे अब जीरो ग्राउंड के नाम से जाना जाता है. बम विस्फोट में वरिष्ठ अधिवक्ता पंडित राधिका प्रसाद मिश्र उनके साथ एक स्टांप वेंडर और दो अन्य लोगों की मौत हो गई थी.

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13 साल बाद आए निर्णय से असंतुष्ट है बार एसोसिएशन
मामले में अयोध्या स्थित मंडल कारागार में दोषियों को सजा सुनाई गई लेकिन एडीजे कोर्ट के इस फैसले से फैजाबाद अधिवक्ता संघ संतुष्ट नजर नहीं आ रहा है. फैसला आने के बाद अधिवक्ता लगातार एडीजे कोर्ट का विरोध कर रहे थे.

24 दिसंबर को मौजूदा एडीजे का कार्यकाल समाप्त होने के बाद कोर्ट का बहिष्कार तो नहीं किया जाएगा लेकिन इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की जाएगी. फैजाबाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय बहादुर सिंह का कहना है कि दोषियों को फांसी की सजा होनी चाहिए. उन्होंने जिस घटना को अंजाम दिया है उससे इससे कम कोई सजा नहीं हो सकती.

Intro:अयोध्या: फैजाबाद कचहरी ब्लास्ट मामले में फैसले से नाराज अधिवक्ताओं ने मौजूदा एडीजे के कार्यकाल के अंतिम दिन भी विरोध जारी रखा. अधिवक्ताओं ने अब नए डीजे का विरोध ना करने का फैसला किया है, लेकिन मामले में उनका विरोध जारी है. बार एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि मामले में हाईकोर्ट में अपील दायर की जाएगी.

उत्तर प्रदेश में कचहरी सीरियल ब्लास्ट के चलते फैजाबाद जिला सत्र न्यायालय को भारी नुकसान झेलना पड़ा था. यह एक वरिष्ठ अधिवक्ता समेत कुल 4 लोगों की मौत हुई थी.


Body:आपको बता दें कि 20 दिसंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मंडल कारागार फैजाबाद में कचहरी ब्लास्ट मामले के दोषियों को सजा सुनाई गई थी. जिन तीन दोषियों को सजा सुनाई गई उनमें से एक की पहले ही बाराबंकी जेल में हर्ट अटैक से मौत हो चुकी है. मामले में आरोपी खालिद खालिद मुजाहिद मोहम्मद अख्तर और तारिक काजमी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है, जिसमें से खालिद मुजाहिद की बाराबंकी जेल में मौत हो चुकी है. सबूतों के अभाव में सज्जाद उर रहमान को बरी कर दिया गया है.

ब्लास्ट के बाद घटनास्थल का नाम जीरो ग्राउंड पड़ा
घटना 23 नवंबर 2007 की है जब फैजाबाद लखनऊ और वाराणसी के जिला एवं सत्र न्यायालय में एक के बाद एक बम धमाके हुए थे. इस घटना में सबसे अधिक नुकसान फैजाबाद जिला एवं सत्र न्यायालय में हुआ था. अधिवक्ताओं और पैरों कारों से खचाखच भरी कचहरी परिसर के बीच में हुए धमाके से लोगों के रोंगटे खड़े हो गए थे. कोर्ट परिसर में अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया था. अधिवक्ताओं के जिस शेड के पास ब्लास्ट हुआ था उसे अब जीरो ग्राउंड के नाम से जाना जाता है. बम विस्फोट में वरिष्ठ अधिवक्ता पंडित राधिका प्रसाद मिश्र उनके साथ एक स्टांप वेंडर और दो अन्य लोगों की मौत हो गई थी.




Conclusion:13 साल बाद आए निर्णय से असंतुष्ट है बार एसोसिएशन
मामले में अयोध्या स्थित मंडल कारागार में दोषियों को सजा सुनाई गई. लेकिन एडीजे कोर्ट के इस फैसले से फैजाबाद अधिवक्ता संघ संतुष्ट नजर नहीं आ रहा है. फैसला आने के बाद अधिवक्ता लगातार एडीजे कोर्ट का विरोध कर रहे थे. 24 दिसंबर को मौजूदा एडीजे का कार्यकाल समाप्त होने के बाद कोर्ट का बहिष्कार तो नहीं किया जाएगा, लेकिन इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की जाएगी.

फैजाबाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय बहादुर सिंह का कहना है कि दोषियों को फांसी की सजा होनी चाहिए. उन्होंने जिस घटना को अंजाम दिया है उससे इससे कम कोई सजा नहीं हो सकती.

बाइट- विजय बहादुर सिंह, अध्यक्ष, फैजाबाद बार एसोसिएशन


Last Updated : Dec 24, 2019, 11:54 PM IST
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