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चांदी के सिंहासन पर विराजमान होंगे रामलला, अयोध्या राज परिवार ने किया दान - 9 kg silver throne for ramlala

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी राजा बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र ने रामलला के लिए चांदी का राज सिंहासन बनवाया है. सूर्य देव की मुखाकृति के इस सिंहासन का वजन 9 किलो 500 ग्राम है. ट्रस्ट के महामंत्री ने कहा कि अपने नए भवन में रामलला इसी सिंहासन पर विराजमान होंगे.

9 kg silver throne built for ramlala in ayodhya
9 किलो चांदी से बना रामलला का सिंहासन.
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Published : Mar 23, 2020, 3:23 PM IST

Updated : Mar 23, 2020, 4:38 PM IST

अयोध्या: सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या भूमि विवाद का निर्णय होने के बाद रामलला के मंदिर के लिए दान में भारी बढ़ोतरी हुई है. ट्रस्ट के सदस्यों ने भी अब रामलला के नए भवन के लिए अपना सहयोग शुरू कर दिया है. अयोध्या के राज परिवार के सदस्य और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी राजा बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र ने 9 किलो 500 ग्राम वजन का एक सिंहासन रामलला के लिए बनवाया है. सिंहासन में चौकी के साथ छतरी भी लगी हुई है. यह सिंहासन सूर्यदेव की मुखाकृति का बना हुआ है.

9 किलो चांदी से बना रामलला का सिंहासन.

श्री राम जन्मभूमि क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र की ओर से यह सिंहासन बनवाया गया है. राज परिवार ने सिंहासन ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय की मौजूदगी में ट्रस्ट को दान कर दिया गया है. ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने कहा है कि अपने नए भवन में रामलला इसी राज सिंहासन पर विराजमान होंगे.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने बताया कि चांदी के राज सिंहासन का वजन 9 किलो 500 ग्राम है. यह सिंहासन 25 इंच लंबा, 15 इंच चौड़ा और 30 इंच ऊंचा है. सिंहासन का निर्माण जयपुर के कारीगरों ने दिल्ली में किया है. हन्नूमल एण्ड संस्कृत से निर्मित यह सिंहासन सूर्यदेव की मुखाकृति का है. चंपत राय ने अयोध्या राजपरिवार के सदस्य बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र को धन्यवाद दिया है.

अयोध्या: सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या भूमि विवाद का निर्णय होने के बाद रामलला के मंदिर के लिए दान में भारी बढ़ोतरी हुई है. ट्रस्ट के सदस्यों ने भी अब रामलला के नए भवन के लिए अपना सहयोग शुरू कर दिया है. अयोध्या के राज परिवार के सदस्य और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी राजा बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र ने 9 किलो 500 ग्राम वजन का एक सिंहासन रामलला के लिए बनवाया है. सिंहासन में चौकी के साथ छतरी भी लगी हुई है. यह सिंहासन सूर्यदेव की मुखाकृति का बना हुआ है.

9 किलो चांदी से बना रामलला का सिंहासन.

श्री राम जन्मभूमि क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र की ओर से यह सिंहासन बनवाया गया है. राज परिवार ने सिंहासन ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय की मौजूदगी में ट्रस्ट को दान कर दिया गया है. ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने कहा है कि अपने नए भवन में रामलला इसी राज सिंहासन पर विराजमान होंगे.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने बताया कि चांदी के राज सिंहासन का वजन 9 किलो 500 ग्राम है. यह सिंहासन 25 इंच लंबा, 15 इंच चौड़ा और 30 इंच ऊंचा है. सिंहासन का निर्माण जयपुर के कारीगरों ने दिल्ली में किया है. हन्नूमल एण्ड संस्कृत से निर्मित यह सिंहासन सूर्यदेव की मुखाकृति का है. चंपत राय ने अयोध्या राजपरिवार के सदस्य बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र को धन्यवाद दिया है.

Last Updated : Mar 23, 2020, 4:38 PM IST
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