अयोध्या: राम नगरी के चतुर्दिक 84 कोसी परिक्रमा मार्ग के राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित होने के बाद अब इस परिक्रमा पथ को फोरलेन बनाया जाएगा. इस परिक्रमा पथ को अभी तक राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करते हुए टू लेन बनाने की योजना थी. लेकिन अयोध्या के सांसद लल्लू सिंह के प्रयास से अब इस परिक्रमा पथ को फोरलेन बनाया जाएगा. परिक्रमा पथ के बाएं तरफ मिट्टी का परिपथ बनाया जाएगा, जिस पर परिक्रमा करने वाले श्रद्धालु पैदल चल सकेंगे, जबकि दाएं तरफ सर्विस रोड का निर्माण होगा. इस संबंध में सांसद लल्लू सिंह ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात भी की है और इस संबंध में योजना तय कर ली गई है. जल्द ही फोरलेन निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी. इस नेशनल हाईवे को 227 बी घोषित किया गया है.
275 किलोमीटर परिक्रमा पथ और हाईवे का होगा निर्माण
सांसद लल्लू सिंह ने बताया कि 84 कोसी परिक्रमा मार्ग की लंबाई लगभग 275 किलोमीटर होगी, जबकि इसकी चौड़ाई लगभग 45 मीटर होगी. 84 कोसी परिक्रमा मार्ग के किनारे रामायण कालीन वृक्ष भी लगाए जाएंगे. संपूर्ण 84 कोसी परिक्रमा मार्ग का विकास होगा और स्वाभाविक रूप से रोजगार का भी सृजन होगा. संतों ने यह भी कहा है कि 84 कोसी परिक्रमा मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने से अयोध्या और देश ही नहीं संपूर्ण विश्व में फैले करोड़ों राम भक्तों की मनोकामना पूर्ण हुई है.
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चैत्र पूर्णिमा को उठने वाली 84 कोसी परिक्रमा 22 दिन तक चलती है. वैशाख शुक्ल नवमी यानी जानकी नवमी की तिथि को अयोध्या स्थित पौराणिक महत्व के सरोवर सीताकुंड पर स्नान के साथ परिक्रमा पूर्ण होती है. 84 कोस का सफर तय करने के दौरान परिक्रमा बस्ती, अंबेडकरनगर, बाराबंकी, गोंडा एवं अयोध्या के तकरीबन ढाई दर्जन पौराणिक महत्व के पड़ावों से गुजरती है और इनमें से डेढ़ दर्जन से अधिक स्थानों पर परिक्रमार्थी रात्रि विश्राम भी करते है. यह परिक्रमा सदियों से चली आ रही है और हिंदू धर्म शास्त्रों में इसका विशेष महत्व है.