ETV Bharat / state

आखिर पकड़े गए राममंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अकाउंट से 6 लाख उड़ाने वाले

यूपी पुलिस ने राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खाते से जालसाजी के जरिए रुपये निकालने वाले 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. डीआईजी दीपक कुमार ने बताया कि गैंग का सरगना अभी भी फरार है.

मामले की जानकारी देते डीआईजी/एसएसपी दीपक कुमार
मामले की जानकारी देते डीआईजी/एसएसपी दीपक कुमार
author img

By

Published : Dec 29, 2020, 9:09 PM IST

अयोध्या : पुलिस ने राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खाते से जालसाजी के जरिए रुपये निकालने वाले 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पकड़े गए सभी जालसाज मुंबई और ठाणे के रहने वाले हैं, मगर पुलिस के अनुसार आरोपियों को अयोध्या से गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने इनके कब्जे से चेक बुक, मोबाइल फोन, आधार कार्ड, पैन कार्ड सहित कुछ अन्य सामान बरामद करने का दावा किया है. डीआईजी दीपक कुमार के अनुसार, गैंग का सरगना अभी भी फरार है.

मामले की जानकारी देते डीआईजी/एसएसपी दीपक कुमार

महाराष्ट्र के रहने वाले हैं जालसाज, सरगना वाराणसी का

राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने आर्थिक लेनदेन को लेकर एक खाता खोला था. भारतीय स्टेट बैंक के इसी खाते से जालसाजों ने दो अलग-अलग चेक के जरिए 9 सितंबर को 6 लाख रुपये निकाले थे. मंगलवार को डीआईजी /एसएसपी अयोध्या दीपक कुमार ने पुलिस लाइन सभागार में राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के बैंक अकाउंट में सेंध लगाने वाले आरोपियों को पेश किया. दीपक कुमार ने बताया कि पकड़े गए बदमाशों का सरगना बनारस का रहने वाला एक व्यक्ति है. सरगना काफी दिनों से मुंबई में था. उसने राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खाते से पैसा निकालने की योजना बनाई. इसके लिए सरगना ने मुंबई के ही रहने वाले चार लोगों प्रशांत महावल शेट्टी, विमल लल्ला, शंकर सीता राम गोपाले और संजय तेजराज जैन को अपनी प्लानिंग में शामिल किया. आरोपियों ने ट्रस्ट के चेक की क्लोनिंग कर लखनऊ के अलग-अलग बैंकों से 6 लाख की रकम निकाल ली थी.

6 लाख रुपये निकालने के बाद मुंबई भागे थे आरोपी

डीआईजी/एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि जालसाज और पैसे निकालना चाहते थे लेकिन ट्रस्ट के खाते से पैसा निकालने की अधिकतम सीमा 6 लाख थी. आरोपी लखनऊ के बैंक में 9 लाख का चेक क्लीयरिंग के लिए जमा कर चुके थे. पूछताछ करने पर जालसाज सही जवाब नहीं दे पाए. शक होने पर बैंककर्मियों ने ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से चेक के बारे में जानकारी मांगी. तब पता चला कि इस तरह का कोई चेक जारी नहीं किया है. इस वारदात को अंजाम देने के बाद जालसाज वापस मुंबई भाग गए थे. हालांकि मामला उजागर होने पर पुलिस वर्कआउट के लिए लगातार काम करती रही.

पुलिस की गिरफ्त में चारों आरोपी
पुलिस की गिरफ्त में चारों आरोपी

जालसाजी की घटना में बैंककर्मियों के शामिल होने का शक

पुलिस के मुताबिक पकड़े गए आरोपियों के पास से 8 मोबाइल फोन, एक चेक बुक, दो एटीएम, एक पैन कार्ड और एक आधार कार्ड बरामद किया गया है. ट्रस्ट के खाते से निकाले गए 6 लाख रुपये अभी बरामद नहीं हुए हैं. सभी आरोपी मुंबई और ठाणे के रहने वाले हैं. ये सभी जालसाजी के रुपयों से छोटा-मोटा कारोबार और जमीन खरीद-फरोख्त का काम भी करते रहे हैं. पुलिस अब इनके नेटवर्क में शामिल लोगों की तलाश कर रही है. हालांकि अभी तक मुम्बई पुलिस के क्रिमिनल रिकार्ड में पकड़े गए बदमाशों का कोई आपराधिक इतिहास नहीं मिला है. पुलिस इस बात की गहनता से जांच कर रही है कि आखिरकार चेक क्लोनिंग की साजिश को अंजाम कैसे दिया गया. डीआईजी दीपक कुमार ने यह भी बताया कि चेक क्लोनिंग की साजिश में बैंक कर्मियों के शामिल होने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता.

अयोध्या : पुलिस ने राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खाते से जालसाजी के जरिए रुपये निकालने वाले 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पकड़े गए सभी जालसाज मुंबई और ठाणे के रहने वाले हैं, मगर पुलिस के अनुसार आरोपियों को अयोध्या से गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने इनके कब्जे से चेक बुक, मोबाइल फोन, आधार कार्ड, पैन कार्ड सहित कुछ अन्य सामान बरामद करने का दावा किया है. डीआईजी दीपक कुमार के अनुसार, गैंग का सरगना अभी भी फरार है.

मामले की जानकारी देते डीआईजी/एसएसपी दीपक कुमार

महाराष्ट्र के रहने वाले हैं जालसाज, सरगना वाराणसी का

राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने आर्थिक लेनदेन को लेकर एक खाता खोला था. भारतीय स्टेट बैंक के इसी खाते से जालसाजों ने दो अलग-अलग चेक के जरिए 9 सितंबर को 6 लाख रुपये निकाले थे. मंगलवार को डीआईजी /एसएसपी अयोध्या दीपक कुमार ने पुलिस लाइन सभागार में राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के बैंक अकाउंट में सेंध लगाने वाले आरोपियों को पेश किया. दीपक कुमार ने बताया कि पकड़े गए बदमाशों का सरगना बनारस का रहने वाला एक व्यक्ति है. सरगना काफी दिनों से मुंबई में था. उसने राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खाते से पैसा निकालने की योजना बनाई. इसके लिए सरगना ने मुंबई के ही रहने वाले चार लोगों प्रशांत महावल शेट्टी, विमल लल्ला, शंकर सीता राम गोपाले और संजय तेजराज जैन को अपनी प्लानिंग में शामिल किया. आरोपियों ने ट्रस्ट के चेक की क्लोनिंग कर लखनऊ के अलग-अलग बैंकों से 6 लाख की रकम निकाल ली थी.

6 लाख रुपये निकालने के बाद मुंबई भागे थे आरोपी

डीआईजी/एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि जालसाज और पैसे निकालना चाहते थे लेकिन ट्रस्ट के खाते से पैसा निकालने की अधिकतम सीमा 6 लाख थी. आरोपी लखनऊ के बैंक में 9 लाख का चेक क्लीयरिंग के लिए जमा कर चुके थे. पूछताछ करने पर जालसाज सही जवाब नहीं दे पाए. शक होने पर बैंककर्मियों ने ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से चेक के बारे में जानकारी मांगी. तब पता चला कि इस तरह का कोई चेक जारी नहीं किया है. इस वारदात को अंजाम देने के बाद जालसाज वापस मुंबई भाग गए थे. हालांकि मामला उजागर होने पर पुलिस वर्कआउट के लिए लगातार काम करती रही.

पुलिस की गिरफ्त में चारों आरोपी
पुलिस की गिरफ्त में चारों आरोपी

जालसाजी की घटना में बैंककर्मियों के शामिल होने का शक

पुलिस के मुताबिक पकड़े गए आरोपियों के पास से 8 मोबाइल फोन, एक चेक बुक, दो एटीएम, एक पैन कार्ड और एक आधार कार्ड बरामद किया गया है. ट्रस्ट के खाते से निकाले गए 6 लाख रुपये अभी बरामद नहीं हुए हैं. सभी आरोपी मुंबई और ठाणे के रहने वाले हैं. ये सभी जालसाजी के रुपयों से छोटा-मोटा कारोबार और जमीन खरीद-फरोख्त का काम भी करते रहे हैं. पुलिस अब इनके नेटवर्क में शामिल लोगों की तलाश कर रही है. हालांकि अभी तक मुम्बई पुलिस के क्रिमिनल रिकार्ड में पकड़े गए बदमाशों का कोई आपराधिक इतिहास नहीं मिला है. पुलिस इस बात की गहनता से जांच कर रही है कि आखिरकार चेक क्लोनिंग की साजिश को अंजाम कैसे दिया गया. डीआईजी दीपक कुमार ने यह भी बताया कि चेक क्लोनिंग की साजिश में बैंक कर्मियों के शामिल होने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.