अयोध्या: 'सुप्रीम' फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है. ऐसे में इस बार अयोध्या में दीपोत्सव 2020 को और भव्य तरीके से मनाने की तैयारी है. इस बार दीपोत्सव के दौरान रामलला के दरबार में भी भव्य दीपावली मनेगी. करीब 500 वर्ष बाद राम जन्मभूमि का विवाद समाप्त होने पर इस बार रामनगरी में दीपावली भव्य रूप से मनाई जाएगी. रामलला का दरबार इस बार 11,000 से ज्यादा दीपों से जगमग होगा.
रामलला के समक्ष दीपक जलाकर CM योगी करेंगे चतुर्थ दीपोत्सव का शुभारंभ
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 13 नवंबर को दोपहर दो बजे के करीब रामलला के समक्ष दीपक जलाकर अयोध्या के चतुर्थ दीपोत्सव का शुभारंभ करेंगे. इसके बाद राम की पैड़ी पर लाखों दीपक प्रज्ज्वलित होंगे. रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि इस बार भव्य दीपोत्सव मनाया जाएगा. यह दिन उनके जीवन का बेहद महत्वपूर्ण दिन हैं. उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि वे इस अवसर पर रामलला की सेवा करेंगे. दीपोत्सव के दौरान रामलला की सुगंधित पुष्प मालाओं से सेवा की जाएगी. रामलला के अस्थाई मंदिर और उसके आस-पास के क्षेत्र को फूलों और दीपमालाओं से सजाया जायेगा. इसके लिए रामलला के दरबार और आस-पास के क्षेत्रों में रंगोली बनाई जा रही है साथ ही सभी प्रमुख द्वारों पर झालर लगाकर विशेष सजावट की जा रही है.
रामलला के दरबार को सजाने में जुटे 100 स्वयं सेवक
डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्व विद्यालय के जनसम्पर्क अधिकारी और दीपोत्सव 2020 के नोडल अधिकारी आशीष मिश्र की देखरेख में रामलला के दरबार में दीपोत्सव की तैयारी की जा रही है. आशीष मिश्र के साथ करीब 100 स्वयं सेवी इस कार्य में जुटे हुए हैं.
अवधपुरी के अन्य मंदिर भी होंगे जमगम
रामलला के दर्शन मार्ग स्थित दशरथ महल, रंगमहल, लवकुश मंदिर, राम कचहरी चारो धाम आदि मंदिरों में दीपोत्सव पूरी उत्साह के साथ मनाया जाएगा. राम कचहरी चारो धाम मंदिर के महंत शशिकांत ने कहा कि, यह ऐतिहासिक उल्लास का दिन है. कोविड 19 की चुनौतियों के बीच हम सभी मंदिरों को हजारों दीपों से आलोकित करने जा रहे हैं. लव-कुश मंदिर के महंत रामकेवल दास भी यही संकल्प व्यक्त करते हैं.
रामनगरी के कण-कण को रोशन करने में जुटे सन्त
अयोध्या के संत इस बार यहां के कण-कण को रोशन करने में जुटे हुए हैं. दीपोत्सव के दौरान अयोध्या के हजारों मंदिरों में लाखों दीपक जलाएं जाएंगे. अयोध्या का हर कोना 14 वर्ष के वनवास के बाद प्रभु राम के लौटने का उल्लास मनाएगा. यह खुशी राम जन्मभूमि के विवाद के समाप्त होने और मंदिर निर्माण का काम शुरू होने के बाद कई गुना बढ़ गयी है.
करीब 500 वर्षों तक चले मंदिर के लिए संघर्ष के बाद राम भक्तों के लिए यह दीपावली बेहद खास है. आठ हजार से ज्यादा मंदिरों, कुंडों सहित 84 कोस की अयोध्या की शास्त्रीय सीमा में यह उत्सव विशेष उल्लास का विषय है.