औरैया: दिबियापुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत बीती 24 अगस्त से गयाब मनोज दुबे का शव कन्हों गांव के पास रेलवे ट्रेक के किनारे संदिग्ध परिस्थितियों में मिला. सूचना पाकर पहुंचे परिजनों ने हत्या किए जाने का आरोप लगाया है. मनोज के गायब होने पर परिजनों ने थाना पुलिस को तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराए जाने की गुहार लगाई थी, जिसमें पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज की और युवक की तलाश शुरू कर दी थी.
दिबियापुर कस्बा के कैलाश बाग निवासी मनोज दुबे डाकखाना का अभिकर्ता का कार्य करते थे. मनोज दुबे 24 अगस्त को बाइक लेकर घर से सुबह निकला था. जब काफी देर तक वह घर वापस नहीं पहुंचा तो परिवार वालों ने ढूढ़ने का प्रयास किया. हालांकि लापता मनोज की कोई जानकारी नहीं मिली, जिसके बाद परिजनों ने थाने पहुंचकर गुमशुदगी दर्ज कराई. शुक्रवार की सुबह कन्हों गांव रेलवे लाइन के मध्य मनोज का शव पड़ा हुआ मिला.
शव को ग्रामीणों ने देखा तो उसकी जानकारी थाना पुलिस सहित उसके परिजनों को दी. घटनास्थल पर ही मृतक मनोज की बाइक भी खड़ी हुई थी और उस पर हेलमेट भी था. सूचना पाकर परिजनों ने घटना स्थल पर पहुंचकर हत्या कर शव फेंके जाने की आशंका जताई है. परिजनों ने बताया कि मनोज 24 अगस्त को सुबह 9 बजे घर से निकला था और तब से वापास नहीं लौटा था.
मनोज की भाभी हत्या किए जाने की बात कह रही हैं. घटना की जानकारी पाकर पहुंची दिबियापुर पुलिस ने शव को उठाने का प्रयास किया मगर परिजन शव को वहां से उठने नहीं दे रहे थे. परिजनों ने पुलिस के ऊपर लापरवाही का भी आरोप लगाया है. उन्होंने कहा अगर पुलिस चाहती तो समय से वह मनोज की तलाश कर सकती थी, मगर पुलिस ने लापरवाही दिखाई. इसका परिणाम यह हुआ कि मनोज को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा.
मामले को बढ़ता देख जानकारी पाते ही पुलिस कप्तान सुनीति, अपर पुलिस अधीक्षक कमलेश दीक्षित सहित कई थानों और पीएसी भी मौके पर पहुंच गई थी. लोगों ने आक्रोशित होकर पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाए और पुलिस से सवाल किया कि 4 दिनों तक पुलिस क्या करती रही. वहीं पुलिस अधीक्षक सुनीति के आश्वासन के बाद परिजन माने. उन्होंने शीघ्र घटना का खुलासा कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया, जिस पर परिजन माने और उन्होंने शव को पोस्टमार्टम के लिए जाने दिया.