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अभिषेक के जज्बे ने साबित किया 'पैसे तो पौधों पर भी उगते हैं'

'पैसे क्या पेड़ पर उगते हैं?' इस कहावत को सच कर दिखाया है औरैया के अभिषेक ने. शिमला मिर्च की फसल उगाकर अभिषेक पिछले 4 माह में लगभग चार लाख रुपये कमा चुके हैं. देखें रिपोर्ट-

शिमला मिर्च की खेती.
शिमला मिर्च की खेती.
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Published : Feb 17, 2021, 6:20 PM IST

औरैया : 'पैसे क्या पेड़ पर उगते हैं...' यह कहावत तो आपने सुनी ही होगी, लेकिन हमारे लिए यह आश्चर्य की बात तब होगी, जब कोई साबित कर दे कि पैसे पेड़ पर भी उगते हैं. औरैया जनपद के बीएससी के छात्र रहे अभिषेक अपनी लगन और मेहनत से जैविक खाद से शिमला मिर्च की पैदावार कर रहे हैं. दो एकड़ भूमि पर शिमला मिर्च की फसल उगाकर अभिषेक ने पिछले 4 माह में लगभग चार लाख रुपये की आय की है. अभिषेक ने साबित किया है कि पैसे तो पौधों पर भी उगते हैं'.

अभिषेक कर रहे शिमला मिर्च की खेती.

ऐसे तैयार किए पौधे

शिमला मिर्च की खेती करने के लिए युवा किसान अभिषेक ने पहले गाय के गोबर से जैविक खाद बनाई. बाद में केंचुआ की वर्मी कंपोस्ट खाद का प्रयोग कर शिमला मिर्च की जैविक फसल तैयार की. अभिषेक द्वारा उत्पादित शिमला मिर्च को प्रदेश में पहला स्थान मिला है. बीते दिनों राजभवन में आयोजित शाक-भाजी पुष्प प्रदर्शनी में उन्हें सम्मानित भी किया गया था.

शिमला मिर्च की फसल उगाकर मिसाल बने अभिषेक.
शिमला मिर्च की फसल उगाकर मिसाल बने अभिषेक.

उद्यान विभाग की सलाह पर शुरू की खेती

औरैया में विकासखंड भाग्यनगर के अटा गांव निवासी प्रगतिशील किसान अभिषेक मिश्रा ने जिला उद्यान विभाग की सलाह पर शिमला मिर्ची की खेती करनी शुरू की थी. इस समय वह दो एकड़ में शिमला मिर्च की खेती कर रहे हैं. फसल तैयार होने पर वह इटावा की चकरपुर मंडी, जालौन की उरई मंडी और औरैया मंडी में शिमला मिर्च बेचते हैं. अभिषेक ने जनपद के युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि अगर आप मेहनत करेंगे, तो खेती किसानी से भी अपना जीवन स्तर उत्तम कर सकते हैं और समाज में मिसाल बन सकते हैं.

खेती से इतनी हुई कमाई

अभिषेक ने बताया कि दो एकड़ में करीब डेढ़ लाख रुपये बीज, पानी और खाद पर खर्ज किए गए थे. अभी तक वह 100 क्विंटल से अधिक शिमला मिर्च बेचकर सवा तीन लाख रुपये कमा चुके हैं. अभिषेक के अनुसार, अप्रैल माह तक वह लगभग उतने ही रुपये की बिक्री और कर लेंगे.

शिमला मिर्च की ही क्यों की खेती?

अभिषेक ने बताया कि शिमला मिर्च की खेती करने का आईडिया उन्हें जिला उद्यान विभाग से मिला. इसके बाद जनपद कन्नौज की उमर्दा के हॉर्टिकल्चर सेंटर से बीज लेकर आए. वहीं से अभिषेक को जैविक खाद के प्रयोग का आईडिया मिला.

शिमला मिर्च की खेती कर रच डाला इतिहास

25 साल के युवा किसान अभिषेक के पिता शिक्षक थे. अपने पिता को देखकर अभिषेक भी शिक्षक बनना चाहते थे. बीएससी करने के बाद अभिषेक ने प्रतियोगी परीक्षाओं की भी तैयारी की. हालांकि, लेखपाल की भर्ती में वह असफल रहे. इसके बाद उन्होंने अपने खेतों में शिमला मिर्च की खेती करने की ठान ली. आज अभिषेक जिले के अन्य युवाओं के लिए मिसाल बने हुए हैं.

औरैया : 'पैसे क्या पेड़ पर उगते हैं...' यह कहावत तो आपने सुनी ही होगी, लेकिन हमारे लिए यह आश्चर्य की बात तब होगी, जब कोई साबित कर दे कि पैसे पेड़ पर भी उगते हैं. औरैया जनपद के बीएससी के छात्र रहे अभिषेक अपनी लगन और मेहनत से जैविक खाद से शिमला मिर्च की पैदावार कर रहे हैं. दो एकड़ भूमि पर शिमला मिर्च की फसल उगाकर अभिषेक ने पिछले 4 माह में लगभग चार लाख रुपये की आय की है. अभिषेक ने साबित किया है कि पैसे तो पौधों पर भी उगते हैं'.

अभिषेक कर रहे शिमला मिर्च की खेती.

ऐसे तैयार किए पौधे

शिमला मिर्च की खेती करने के लिए युवा किसान अभिषेक ने पहले गाय के गोबर से जैविक खाद बनाई. बाद में केंचुआ की वर्मी कंपोस्ट खाद का प्रयोग कर शिमला मिर्च की जैविक फसल तैयार की. अभिषेक द्वारा उत्पादित शिमला मिर्च को प्रदेश में पहला स्थान मिला है. बीते दिनों राजभवन में आयोजित शाक-भाजी पुष्प प्रदर्शनी में उन्हें सम्मानित भी किया गया था.

शिमला मिर्च की फसल उगाकर मिसाल बने अभिषेक.
शिमला मिर्च की फसल उगाकर मिसाल बने अभिषेक.

उद्यान विभाग की सलाह पर शुरू की खेती

औरैया में विकासखंड भाग्यनगर के अटा गांव निवासी प्रगतिशील किसान अभिषेक मिश्रा ने जिला उद्यान विभाग की सलाह पर शिमला मिर्ची की खेती करनी शुरू की थी. इस समय वह दो एकड़ में शिमला मिर्च की खेती कर रहे हैं. फसल तैयार होने पर वह इटावा की चकरपुर मंडी, जालौन की उरई मंडी और औरैया मंडी में शिमला मिर्च बेचते हैं. अभिषेक ने जनपद के युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि अगर आप मेहनत करेंगे, तो खेती किसानी से भी अपना जीवन स्तर उत्तम कर सकते हैं और समाज में मिसाल बन सकते हैं.

खेती से इतनी हुई कमाई

अभिषेक ने बताया कि दो एकड़ में करीब डेढ़ लाख रुपये बीज, पानी और खाद पर खर्ज किए गए थे. अभी तक वह 100 क्विंटल से अधिक शिमला मिर्च बेचकर सवा तीन लाख रुपये कमा चुके हैं. अभिषेक के अनुसार, अप्रैल माह तक वह लगभग उतने ही रुपये की बिक्री और कर लेंगे.

शिमला मिर्च की ही क्यों की खेती?

अभिषेक ने बताया कि शिमला मिर्च की खेती करने का आईडिया उन्हें जिला उद्यान विभाग से मिला. इसके बाद जनपद कन्नौज की उमर्दा के हॉर्टिकल्चर सेंटर से बीज लेकर आए. वहीं से अभिषेक को जैविक खाद के प्रयोग का आईडिया मिला.

शिमला मिर्च की खेती कर रच डाला इतिहास

25 साल के युवा किसान अभिषेक के पिता शिक्षक थे. अपने पिता को देखकर अभिषेक भी शिक्षक बनना चाहते थे. बीएससी करने के बाद अभिषेक ने प्रतियोगी परीक्षाओं की भी तैयारी की. हालांकि, लेखपाल की भर्ती में वह असफल रहे. इसके बाद उन्होंने अपने खेतों में शिमला मिर्च की खेती करने की ठान ली. आज अभिषेक जिले के अन्य युवाओं के लिए मिसाल बने हुए हैं.

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