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परिवहन मंत्री का रिश्तेदार बताकर नौकरी के नाम पर ठगे थे 10 लाख रुपये, 3 को भेजा जेल

औरैया में परिवहन मंत्री के नाम पर विभाग में नौकरी देने के लिए 10 लाख रुपये ठगी की गई थी. इसके बाद 3 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद जेल भेज दिया गया. गिरोह के अन्य सदस्यों की पुलिस तलाश कर रही है.

औरैया में परिवहन मंत्री के नाम पर ठगी
औरैया में परिवहन मंत्री के नाम पर ठगी
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Published : Apr 22, 2023, 12:31 PM IST

औरैयाः जिले में परिवहन विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी मामला में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी. खुद को परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह का रिश्तेदार और एआरएम के कथित पीआरओ बनकर ठगी करने वाले 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. इन्होंने 2 सगे भाइयों से नौकरी दिलाने के नाम पर 10 लाख रुपये की ठगी की थी. इस मामले में पुलिस ने गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था. फिलहाल, गिरफ्तार आरोपियों को जेल भेज दिया गया है. वहीं, अन्य आरोपियों की पुलिस तलाश कर रही है.

दिबियापुर थाना क्षेत्र के हर्राजपुर निवासी सुधीर कुमार ने पुलिस अधीक्षक चारू निगम से ठगी की शिकायत की थी. शिकायती पत्र में बताया गया था कि करीब डेढ़ साल पहले अजीतमल पॉवर हाउस के पास रहने वाले नीतू यादव और अमावता निवासी अजीत सेंगर उसके घर आए थे. नीतू यादव ने उसके पिता धर्मपाल को बताया कि वह यूपीएसआरटीसी (UPSRTC) कानपुर जंक्शन में प्रभारी है. वहीं, अजीत सेंगर विभाग के बड़े अधिकारी हैं. इस दौरान दोनों ने अपने पहचान पत्र भी पिता को दिखाए.

सुधीर ने बताया कि उन्होंने पिता से कहा कि कानपुर देहात में क्लर्क के पद पर भर्ती होनी है. तुम्हारे बेटे सुधीर और देवेंद्र की नौकरी लगवा सकता हूं. दोनों को कानपुर देहात के माती स्थित परिवहन विभाग के कार्यालय में तैनाती मिलेगी और 74 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन मिलेगा. इसके लिए 10 लाख रुपये डोनेशन लगेगा, जोकि परिवहन मंत्री दयाशंकर, कानपुर-लखनऊ रीजनल मैनेजर आदि को दिया जाएगा. इसका भरोसा दिलाने के लिए उन्होंने उसके पिता को कई लोगों के जॉइनिंग लेटर भी दिखाए.

आरोपियों ने तथाकथित परिवहन मंत्री के पीआरओ पवन कुमार, लखनऊ परिवहन निगम के तथा कथित आरएम अयाज खान, कानपुर देहात डीएम के तथाकथित पेशगार से बात करवाई. उसने बताया कि इसके बाद उसने परिवहन विभाग के कर्मचारी बताए गए रवि, रो‌हित, मनीष कुमार, आदेश कुशवाहा और राजकुमार के खातों में गूगल पे के माध्यम से सात लाख 10 हजार रुपये हस्तांतरि‌त किए. इसके बाद दो बार में नीतू यादव और अजीत 2 लाख 90 हजार रुपये नकद ले गए.

सुधीर ने शिकायत में कहा कि रुपये लेने के बाद वो उसे गुमराह करने लगे. जब उसने बार-बार नौकरी दिलाने में देरी करने की बात कही तो आरोपियों ने उसे एक लिफाफे को वाट्सएप पर दिखाया और कहा कि यह तुम्हारा जॉइनिंग लेटर पोस्ट किया जा रहा है. समय पर जाकर ड्यूटी जॉइन कर लेना. कई दिनों तक लेटर न आने पर उसने दोबारा आरोपियों को फोन किया. आरोपी नीतू ने बताया कि वह अधिकारियों के साथ कानपुर देहात आया है और नौकरी पक्की होने की बात कही. जब काफी दिनों तक नौकरी लगती नहीं दिखी तो उसने थाने में मुकदमा दर्ज कराया.

पुलिस अधीक्षक चारू निगम ने बताया कि पीड़ित ‌की तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज की गई है. शुक्रवार को मामले से जुड़े तीन आरोपी गांधी नगर निवासी नीतू यादव और पवन कुमार, ऐमा सेंगनपुर थाना अयाना निवासी अयाज खां को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें दबिश दे रही हैं. जल्द ही सभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होंगे.

ये भी पढ़ेंः सोशल मीडिया से अश्लील वीडियो बनाकर करता था ब्लैकमेल, पुलिस के हत्थे चढ़ा 25 हजार का इनामी

औरैयाः जिले में परिवहन विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी मामला में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी. खुद को परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह का रिश्तेदार और एआरएम के कथित पीआरओ बनकर ठगी करने वाले 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. इन्होंने 2 सगे भाइयों से नौकरी दिलाने के नाम पर 10 लाख रुपये की ठगी की थी. इस मामले में पुलिस ने गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था. फिलहाल, गिरफ्तार आरोपियों को जेल भेज दिया गया है. वहीं, अन्य आरोपियों की पुलिस तलाश कर रही है.

दिबियापुर थाना क्षेत्र के हर्राजपुर निवासी सुधीर कुमार ने पुलिस अधीक्षक चारू निगम से ठगी की शिकायत की थी. शिकायती पत्र में बताया गया था कि करीब डेढ़ साल पहले अजीतमल पॉवर हाउस के पास रहने वाले नीतू यादव और अमावता निवासी अजीत सेंगर उसके घर आए थे. नीतू यादव ने उसके पिता धर्मपाल को बताया कि वह यूपीएसआरटीसी (UPSRTC) कानपुर जंक्शन में प्रभारी है. वहीं, अजीत सेंगर विभाग के बड़े अधिकारी हैं. इस दौरान दोनों ने अपने पहचान पत्र भी पिता को दिखाए.

सुधीर ने बताया कि उन्होंने पिता से कहा कि कानपुर देहात में क्लर्क के पद पर भर्ती होनी है. तुम्हारे बेटे सुधीर और देवेंद्र की नौकरी लगवा सकता हूं. दोनों को कानपुर देहात के माती स्थित परिवहन विभाग के कार्यालय में तैनाती मिलेगी और 74 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन मिलेगा. इसके लिए 10 लाख रुपये डोनेशन लगेगा, जोकि परिवहन मंत्री दयाशंकर, कानपुर-लखनऊ रीजनल मैनेजर आदि को दिया जाएगा. इसका भरोसा दिलाने के लिए उन्होंने उसके पिता को कई लोगों के जॉइनिंग लेटर भी दिखाए.

आरोपियों ने तथाकथित परिवहन मंत्री के पीआरओ पवन कुमार, लखनऊ परिवहन निगम के तथा कथित आरएम अयाज खान, कानपुर देहात डीएम के तथाकथित पेशगार से बात करवाई. उसने बताया कि इसके बाद उसने परिवहन विभाग के कर्मचारी बताए गए रवि, रो‌हित, मनीष कुमार, आदेश कुशवाहा और राजकुमार के खातों में गूगल पे के माध्यम से सात लाख 10 हजार रुपये हस्तांतरि‌त किए. इसके बाद दो बार में नीतू यादव और अजीत 2 लाख 90 हजार रुपये नकद ले गए.

सुधीर ने शिकायत में कहा कि रुपये लेने के बाद वो उसे गुमराह करने लगे. जब उसने बार-बार नौकरी दिलाने में देरी करने की बात कही तो आरोपियों ने उसे एक लिफाफे को वाट्सएप पर दिखाया और कहा कि यह तुम्हारा जॉइनिंग लेटर पोस्ट किया जा रहा है. समय पर जाकर ड्यूटी जॉइन कर लेना. कई दिनों तक लेटर न आने पर उसने दोबारा आरोपियों को फोन किया. आरोपी नीतू ने बताया कि वह अधिकारियों के साथ कानपुर देहात आया है और नौकरी पक्की होने की बात कही. जब काफी दिनों तक नौकरी लगती नहीं दिखी तो उसने थाने में मुकदमा दर्ज कराया.

पुलिस अधीक्षक चारू निगम ने बताया कि पीड़ित ‌की तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज की गई है. शुक्रवार को मामले से जुड़े तीन आरोपी गांधी नगर निवासी नीतू यादव और पवन कुमार, ऐमा सेंगनपुर थाना अयाना निवासी अयाज खां को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें दबिश दे रही हैं. जल्द ही सभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होंगे.

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