अमरोहा: जनपद के गजरौला विकासखंड क्षेत्र का गांव है खड़कपुर. इस गांव में सुविधा कम और समस्या ज्यादा हैं. इस गांव में हर साल बारिश के मौसम में बाढ़ आती है. गंगा का पानी इस गांव को कमोवेश पूरी तरह से डुबो देता है. बाढ़ के बाद पानी उतरता तो है, मगर गांव के रास्तों को रेत-मिट्टी से पाट जाता है. बाढ़ के दौरान गांव जलमग्न होता है. मगर यहां पीने के पानी की दिक्कत होती है. बाढ़ के बाद भी यहां के लोगों को साफ पानी मयस्सर नहीं होता है.
खड़कपुर गांव के रहने वाले बलराम सिंह का कहना है कि सन 2019 में भी पंचायत ने सड़क और पानी के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा था, मगर किसी अधिकारी ने प्रस्ताव को गंभीरता से नहीं लिया. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को भी यहां की दिक्कत बताई गई, मगर किसी ने ध्यान नहीं दिया. यहीं की मायावती देवी ने बताया कि रेत वाले रास्तों पर चलना मुश्किल है. बरसात में यहां चार महीने पानी भरा रहता है. वोट देते हैं, मगर विकास नहीं हुआ.
खड़कपुर की पहचान गंगा के किनारे बसे गांव के तौर पर होती है. करीब 20 साल पहले यह गांव मोहम्मदाबाद का हिस्सा था. सन् 2002 में यह गांव अलग बस गया. आज भी यह गांव मोहम्मदाबाद की ग्राम पंचायत का हिस्सा है. इसे लोग गंगा खादर के नाम से भी जानते हैं.
खड़कपुर गांव के लोगों का आरोप है कि यहां के ग्राम प्रधान विकास की तरफ कोई ध्यान नहीं देते. बरसात के मौसम में उनका निकलना दुश्वार हो जाता है. बारिश में लोग अधिकतर समय घर में ही रहते हैं. बच्चे भी इसी कारण शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते. गांव के सरपंच भी सड़क निर्माण के बारे में बात करने पर टरका देते हैं .