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इस गांव में सैकड़ों वर्ष पूर्व धरती से प्रकट हुआ था शिवलिंग - अमरोहा में शिव मंदिर

यूपी के अमरोहा में सैकड़ों वर्ष पहले धरती से शिवलिंग प्रकट हुआ था. तभी से यहां भगवान शिव की अराधना की जाती है. बताया जाता है कि खुदाई के दौरान यहां शिवलिंग निकला था.

चाकीखेड़ा गांव का शिवलिंग
चाकीखेड़ा गांव का शिवलिंग
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Published : Mar 11, 2021, 9:43 PM IST

अमरोहाः जनपद में सैकड़ों वर्ष पहले धरती से अचानक शिवलिंग प्रकट हुआ था तब से लेकर अब तक यहां पर महाशिवरात्रि और शिवरात्रि के दिन कई हजारों की संख्या में शिव भक्त यहां आते हैं. शिवभक्त यहां शिवलिंग पर जल अभिषेक करते हैं.

कई वर्ष पुराना है मंदिर का इतिहास
बता दें कि गजरौला के गांव चाकीखेड़ा में स्थित प्रगटेघटेश्वर जागेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास सैकड़ों वर्ष पुराना है. मंदिर की देखरेख करने वाले मुकेश गिरी के बेटे लव कुश गिरि ने बताया कि उनकी खानदानी दो पीढ़ियां इस मंदिर की देखरेख करती चली आ रही हैं. वहीं तीसरी पीढ़ी के बाबा ने बताया कि इस मंदिर का इतिहास कई वर्षों पुराना है.

सपने में आकर प्रभु ने दिए दर्शन
मंदिर पर रहने वाले बाबा लव कुश गिरी ने बताया कि सैकड़ों वर्ष पूर्व मेहतानी रामदेई ने यहां की साफ सफाई कराने के लिए श्रमिक भेजे थे. उस वक्त यहां सिर्फ जंगल था. श्रमिक खुदाई कर रहे थे तभी अचानक एक श्रमिक में फावड़ा जमीन में दबे पत्थर से टकराया, वह खून से लाल हो गया. यह देख श्रमिक घबराकर वहां से भाग निकले. उसी रात भगवान शंकर ने मेहतानी को सपने में दर्शन दिए और कहा कि तुम्हारी वजह से हमें कष्ट पहुंचा है, इसलिए वहां मंदिर का निर्माण कराओ

सपने के बाद कराया मंदिर का निर्माण
उस स्वप्न के बाद यहां मंदिर का निर्माण कराया गया. यहां आज भी धरती से प्रकट हुआ शिवलिंग मौजूद है. बाबा मुकेश गिरी के पुत्र लव कुश गिरी ने बताया कि यह मंदिर शिव भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है. हर बार शिवरात्रि और महाशिवरात्रि पर यहां विशाल मेला भी लगता है.

अमरोहाः जनपद में सैकड़ों वर्ष पहले धरती से अचानक शिवलिंग प्रकट हुआ था तब से लेकर अब तक यहां पर महाशिवरात्रि और शिवरात्रि के दिन कई हजारों की संख्या में शिव भक्त यहां आते हैं. शिवभक्त यहां शिवलिंग पर जल अभिषेक करते हैं.

कई वर्ष पुराना है मंदिर का इतिहास
बता दें कि गजरौला के गांव चाकीखेड़ा में स्थित प्रगटेघटेश्वर जागेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास सैकड़ों वर्ष पुराना है. मंदिर की देखरेख करने वाले मुकेश गिरी के बेटे लव कुश गिरि ने बताया कि उनकी खानदानी दो पीढ़ियां इस मंदिर की देखरेख करती चली आ रही हैं. वहीं तीसरी पीढ़ी के बाबा ने बताया कि इस मंदिर का इतिहास कई वर्षों पुराना है.

सपने में आकर प्रभु ने दिए दर्शन
मंदिर पर रहने वाले बाबा लव कुश गिरी ने बताया कि सैकड़ों वर्ष पूर्व मेहतानी रामदेई ने यहां की साफ सफाई कराने के लिए श्रमिक भेजे थे. उस वक्त यहां सिर्फ जंगल था. श्रमिक खुदाई कर रहे थे तभी अचानक एक श्रमिक में फावड़ा जमीन में दबे पत्थर से टकराया, वह खून से लाल हो गया. यह देख श्रमिक घबराकर वहां से भाग निकले. उसी रात भगवान शंकर ने मेहतानी को सपने में दर्शन दिए और कहा कि तुम्हारी वजह से हमें कष्ट पहुंचा है, इसलिए वहां मंदिर का निर्माण कराओ

सपने के बाद कराया मंदिर का निर्माण
उस स्वप्न के बाद यहां मंदिर का निर्माण कराया गया. यहां आज भी धरती से प्रकट हुआ शिवलिंग मौजूद है. बाबा मुकेश गिरी के पुत्र लव कुश गिरी ने बताया कि यह मंदिर शिव भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है. हर बार शिवरात्रि और महाशिवरात्रि पर यहां विशाल मेला भी लगता है.

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