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तिगरी गंगा घाट पर दीपदान, प्रशासन ने पूरी की तैयारी

यूपी के अमरोहा में इस बार कोविड-19 के चलते ऐतिहासिक गंगा मेला को प्रशासन की तरफ से मंजूरी नहीं मिली है, लेकिन प्रशासन ने दीपदान के लिए अनुमति दी है. इसे लेकर गंगा घाट पर नगर पालिका द्वारा साफ-सफाई कराई गई. साथ ही श्रद्धालुओं के लिए नहाने के लिए व्यवस्था भी की गई है.

तिगरी गंगा घाट पर दीपदान की तैयारी पूरी.
तिगरी गंगा घाट पर दीपदान की तैयारी पूरी.
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Published : Nov 28, 2020, 9:55 PM IST

अमरोहा: उत्तर प्रदेश के अमरोहा में ऐतिहासिक गंगा मेला कोविड-19 की वजह से नहीं लग पाया है, लेकिन प्रशासन की तरफ से दीपदान के लिए अनुमति दी गई है. वहीं, परिवार से सिर्फ दो लोग ही सोशल डिस्टेंसिंग के साथ दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक दीपदान में शामिल हो सकेंगे. इसे लेकर गंगा घाट पर नगर पालिका द्वारा साफ-सफाई कराई गई. साथ ही श्रद्धालुओं के नहाने के लिए व्यवस्था भी की गई है.

बता दें कि, गंगा नदी बैराज डैम से अमरोहा होकर गुजरती है. तिगरी गंगा घाट पर हर वर्ष 20 लाख से ज्यादा श्रद्धालु कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करने के लिए आते हैं, लेकिन इस वर्ष कोरोना वायरस की वजह से रोक लगा दी गई है.

रविवार को दीपदान करने के लिए परिवार से सिर्फ दो लोग ही जा पाएंगे. दरअसल, कार्तिक पूर्णिमा से एक दिन पहले मृत आत्माओं की शांति के लिए गंगा किनारे दीपदान किया जाता है. महाभारत युद्ध के बाद पांडवों ने तिगरी घाट पहुंचकर कौरवों की आत्माओं की शांति के लिए गंगा किनारे दीपदान किया था, तभी से अमरोहा के तिगरी गंगा घाट पर यह परंपरा चली आ रही है.

इसे भी पढे़ं- वासुदेव तीर्थ मंदिर का इतिहास है 5 हजार साल पुराना, जानें क्या है खासियत

अमरोहा: उत्तर प्रदेश के अमरोहा में ऐतिहासिक गंगा मेला कोविड-19 की वजह से नहीं लग पाया है, लेकिन प्रशासन की तरफ से दीपदान के लिए अनुमति दी गई है. वहीं, परिवार से सिर्फ दो लोग ही सोशल डिस्टेंसिंग के साथ दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक दीपदान में शामिल हो सकेंगे. इसे लेकर गंगा घाट पर नगर पालिका द्वारा साफ-सफाई कराई गई. साथ ही श्रद्धालुओं के नहाने के लिए व्यवस्था भी की गई है.

बता दें कि, गंगा नदी बैराज डैम से अमरोहा होकर गुजरती है. तिगरी गंगा घाट पर हर वर्ष 20 लाख से ज्यादा श्रद्धालु कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करने के लिए आते हैं, लेकिन इस वर्ष कोरोना वायरस की वजह से रोक लगा दी गई है.

रविवार को दीपदान करने के लिए परिवार से सिर्फ दो लोग ही जा पाएंगे. दरअसल, कार्तिक पूर्णिमा से एक दिन पहले मृत आत्माओं की शांति के लिए गंगा किनारे दीपदान किया जाता है. महाभारत युद्ध के बाद पांडवों ने तिगरी घाट पहुंचकर कौरवों की आत्माओं की शांति के लिए गंगा किनारे दीपदान किया था, तभी से अमरोहा के तिगरी गंगा घाट पर यह परंपरा चली आ रही है.

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