अमरोहा : जिले में लगभग दो दर्जन गांव ऐसे हैं जो हर वर्ष बाढ़ की चपेट में आते हैं. लेकिन, इस बार समय से गजरौला इलाके से होकर गुजरने वाली रामगंगा पोषक नहर (Ramaganga Poshak Nahar) का जलस्तर बढ़ गया है. जिसके कारण नहर पर बना पैंटून पुल (Pontoon Bridge) रविवार की शाम टूट गया. पुल टूटने के बाद इलाके के की गाांवों का संपर्क शहर क्षेत्र से कट गया है. ऐसे में ग्रामीणों अपनी जान जोखिम में डालकर नहर पार करने के लिए मजबूर हैं.
अमरोहा के गजरौला इलाके में रामगंगा पोषक नहर का जलस्तर बढ़ने के कारण रविवार की शाम पैंटून पुल टूट गया. पुल टूट जाने से शीशोवाली, ढाकोवाली, बुढोवाली, चकनबाला, टोकरापट्टी आदि गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है. ऐसे में ग्रामीण पुरानी नांवों और ट्यूब के सहारे जान जोखिम में डालकर नहर पार करने को मजबूर हैं. पैंटून पुल के टूटने की सूचना जिले के आलाधिकारियों को होने के बावजूद भी ग्रामीणों को कोई मदद नहीं मिल पा रही है. गांव के छोटे-छोटे बच्चे भी ट्यूब के सहारे ही नहर को पार कर रहे हैं. बड़ी बात ये है कि यहां के ग्रामीण बीते चार दशकों से इस समस्या से हर साल जूझते हैं. लेकिन, सरकार आज तक उनकी इस समस्या का समाधान नहीं कर पायी है.
ग्रामीणों के मुताबिक, क्षेत्रीय विधायक राजीव तरारा ने बीते दिनों नहर को पार करने के लिए पक्के पुल के निर्माण की घोषणा की थी. इसका निर्माण कार्य शुरू होने से पहले ही पानी का बहाव तेज हो गया. जिसके बाद पुल निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो सका. अब ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर सफर तय करना पड़ रहा है.
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ग्रामीणों ने बताई समस्या
ग्रामीणों ने बताया कि हर वर्ष हम इसी तरह बाढ़ से पीड़ित रहते हैं. हमें सरकार या प्रशासन से कोई मदद नहीं मिलती. इस बार समय से पहले ही पानी का बहाव तेज हो गया, जिससे गांव शीशोवाली, ढाकोवाली, बुढोवाली, चकनबाला, टोकरापट्टी आदि को शहर से जोड़ने वाला एकमात्र सहारा पैटून पुल टूट गया. जब राशन-पानी की दिक्कत होती है, तो हम जान जोखिम में डालकर नाव या फिर ट्यूब का सहारे नहर पार करते हैं. मगर अभी तक प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिल रही है.'
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