अमरोहा: जिले की उद्योग नगरी गजरौला के मंडी धनोरा मार्ग पर संचालित तेवा फैक्ट्री से बीते साल सात और 10 जून को गैस लीक हुई थी. जिसके चलते शहर के मोहल्ला जवाहर नगर निवासी व्यापारी जितेंद्र चाहल ने एनजीटी में शिकायत की थी. एनजीटी (National Green Tribunal) में अधिवक्ता मानसी चाहल के माध्यम से याचिका दायर की गई थी. करीब साल भर तक मुकदमा एनजीटी में चला. बुधवार को कंपनी और शिकायत कर्ता के अधिवक्ता का पक्ष सुनने के बाद एनजीटी ने तेवा कंपनी पर 10 करोड़ का जुर्माना लगाया है. साथ ही जिलाधिकारी अमरोहा को एक माह के अंदर हर्जाना वसूलने और बैंक में खाता खुलवाकर फंड को पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए काम में लाने का आदेश दिया है.
दरअसल, फैक्ट्री से गैस लीक होने के बाद वहां के निवासियों को सांस लेने में दिक्कत हुई थी. जिसकी एनजीटी (National Green Tribunal) में शिकायत के बाद कंपनी पर दस करोड़ का हर्जाना लगा है. इस बारे में विस्तृत जानकारी देती हुई अधिवक्ता मानसी चाहल ने पुष्टि करते हुए ईटीवी भारत को बताया कि वह इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व जज एसीबीएस राठौर की देखरेख में पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए 10 करोड़ के फंड से अमरोहा जिले में कार्य कराए जाएंगे.
इसके अलावा बीते साल केमिकल की चपेट में आकर तेवा कंपनी के कर्मचारी मोहित रंजन की मौत के मामले में भी सख्त रुख अपनाते हुए एनजीटी (National Green Tribunal) ने आदेश जारी किए हैं. डीआईजी मुरादाबाद को कंपनी से 20 लाख रुपए मोहित रंजन के परिवार को दिलवाने का आदेश भी दिया है.