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इन दो गांवों के बीच नहीं होता रिश्ता, बड़ी पुरानी है दरार की कहानी - अमरोहा का चंदनपुर गांव

उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में श्राप की वजह से दो गांवों में आज तक रिश्ता नहीं होता है. गांव हिनोटा और चंदनपुर में सती हुई युवती दयाकोर के श्राप के चलते दोनों गांवों में शादियां नहीं होती हैं. मामला करीब एक हजार साल पुराना है.

सती देवी के रूप में होती है दयाकोर की पूजा.
सती देवी के रूप में होती है दयाकोर की पूजा.
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Published : Dec 2, 2020, 6:05 PM IST

Updated : Dec 2, 2020, 9:43 PM IST

अमरोहा: जिले के थाना आदमपुर क्षेत्र के हीनोटा गांव और पड़ोसी गांव चंदनपुर के बीच सती के श्राप की वजह से आज तक शादियां नहीं होती हैं. लोगों का कहना है कि लगभग सौ वर्ष पहले एक युवती के श्राप से इन दोनों गांवों में रिश्ता नहीं होता है.

सती देवी के रूप में होती है दयाकोर की पूजा.

क्या है मामला
लगभग एक हजार वर्ष पूर्व गांव जेबडा निवासी युवती दयाकोर की शादी गांव हीनोटा के रहने वाले युवक के साथ हुई थी. शादी के बाद दयाकोर का परिवार हंसी खुशी से अपना जीवन व्यतीत कर रहा था, लेकिन दयाकोर का पति गांव के नजदीक छप्पर डालकर रहा करता था. वहां से गांव चंदनपुर के लोग चोरी करने के लिए गुजरते थे. दयाकोर के पति चोरों को टोक दिया करते थे.

कई बार ऐसा होने पर चोरों ने दयाकोर के पति को जान से मारने की रणनीति बनाई. एक दिन चोरों ने दयाकोर के पति की हत्या कर उसे छप्पर में ही छोड़ दिया. अगली सुबह जब दयाकोर अपने पति से मिलने के लिये छप्पर में पहुंची तो उन्होंने पति को मृत अवस्था में पाया.

सती हो गईं दयाकोर
दयाकोर के पति का शव गांव लाया गया, लेकिन पत्नी दयाकोर ने अंतिम संस्कार नहीं होने दिया. बल्कि दयाकोर ने पति के शव को गोद में लेकर अग्नि में सती हो गईं. दयाकोर ने श्राप दिया कि इस गांव में किसी की भी शादी नहीं होगी, तब से लेकर आज तक इस गांव में किसी भी व्यक्ति की शादी नहीं होती है.

एक हजार साल पुराना है मामला
मामला करीब एक हजार साल पुराना है. अग्नि में सती हुई दयाकोर की पूजा अर्चना गांव वाले करते हैं. साथ ही दयाकोर की पूजा करने के लिये लोग दूर दूर से आते हैं. दयाकोर ने अपने पति के हत्यारों को श्राप दिया था कि चंदनपुर से हीनोटा गांव में कभी भी शादी नहीं होगी. इन दोनों गांवों का रिश्ता कभी नहीं होगा.

अमरोहा: जिले के थाना आदमपुर क्षेत्र के हीनोटा गांव और पड़ोसी गांव चंदनपुर के बीच सती के श्राप की वजह से आज तक शादियां नहीं होती हैं. लोगों का कहना है कि लगभग सौ वर्ष पहले एक युवती के श्राप से इन दोनों गांवों में रिश्ता नहीं होता है.

सती देवी के रूप में होती है दयाकोर की पूजा.

क्या है मामला
लगभग एक हजार वर्ष पूर्व गांव जेबडा निवासी युवती दयाकोर की शादी गांव हीनोटा के रहने वाले युवक के साथ हुई थी. शादी के बाद दयाकोर का परिवार हंसी खुशी से अपना जीवन व्यतीत कर रहा था, लेकिन दयाकोर का पति गांव के नजदीक छप्पर डालकर रहा करता था. वहां से गांव चंदनपुर के लोग चोरी करने के लिए गुजरते थे. दयाकोर के पति चोरों को टोक दिया करते थे.

कई बार ऐसा होने पर चोरों ने दयाकोर के पति को जान से मारने की रणनीति बनाई. एक दिन चोरों ने दयाकोर के पति की हत्या कर उसे छप्पर में ही छोड़ दिया. अगली सुबह जब दयाकोर अपने पति से मिलने के लिये छप्पर में पहुंची तो उन्होंने पति को मृत अवस्था में पाया.

सती हो गईं दयाकोर
दयाकोर के पति का शव गांव लाया गया, लेकिन पत्नी दयाकोर ने अंतिम संस्कार नहीं होने दिया. बल्कि दयाकोर ने पति के शव को गोद में लेकर अग्नि में सती हो गईं. दयाकोर ने श्राप दिया कि इस गांव में किसी की भी शादी नहीं होगी, तब से लेकर आज तक इस गांव में किसी भी व्यक्ति की शादी नहीं होती है.

एक हजार साल पुराना है मामला
मामला करीब एक हजार साल पुराना है. अग्नि में सती हुई दयाकोर की पूजा अर्चना गांव वाले करते हैं. साथ ही दयाकोर की पूजा करने के लिये लोग दूर दूर से आते हैं. दयाकोर ने अपने पति के हत्यारों को श्राप दिया था कि चंदनपुर से हीनोटा गांव में कभी भी शादी नहीं होगी. इन दोनों गांवों का रिश्ता कभी नहीं होगा.

Last Updated : Dec 2, 2020, 9:43 PM IST
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