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कारखाने में बड़े पैमाने पर बन रहे वाद्य यंत्र इक तारा, डिमांड बढ़ी - नारद मुनि का पारंपरिक वाद्य यंत्र

अमरोहा में नारद मुनि का पारंपरिक वाद्य यंत्र (Narada Muni traditional musical instrument) भी बनाया जा रहा है. साउथ अफ्रीका के कारोबारी ने अमरोहा के ढोलक कारोबारी राजीव प्रजापति को इसका आर्डर दिया है. इसकी शुरुआत नए सिरे से मानी जा सकती है.

राजीव प्रजापति
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Published : Dec 31, 2021, 5:57 PM IST

अमरोहा : ढोलक के कारोबार के लिए मशहूर जनपद में अब नारद मुनि का पारंपरिक वाद्य यंत्र भी बनाया जा रहा है, जिसको हम लोग इक तारा के नाम से भी जानते हैं. साउथ अफ्रीका के कारोबारी ने अमरोहा के ढोलक कारोबारी राजीव प्रजापति को इसका आर्डर दिया है, जिसके बाद उन्होंने बड़े पैमाने पर अपने कारखाने में इक तारा बनाने का काम शुरू कर दिया है. अमरोहा वालों के लिए वाकई में नई शुरुआत है. वैसे तो इन वाद्य यंत्रों का कारोबार पहले भी होता था. लेकिन काफी लंबे समय से यहां पर वाद्य यंत्र नहीं बन रहे थे, जिसकी वजह से अब इसकी शुरुआत नए सिरे से मानी जा सकती है.

इसे भी पढ़ें: इस वाद्य यंत्र से घर पर भी कर सकते हैं चेस्ट फिजियोथेरेपी, फेफड़े रहेंगे मजबूत

कारोबारी राजीव प्रजापति ने बताया कि पूरे देश में अभी तक सिर्फ अमरोहा में ही इक तारा का निर्माण किया जा रहा है. यह अमरोहा के लिए गौरव की बात है, जिसमें इक तारा का प्रयोग नारद मुनि भी करते थे. इक तारा की पहचान लगातार खत्म होती जा रही थी, जिसमें कि इसका आर्डर हमें साउथ अफ्रीका से आया और अमरोहा के अलावा अन्य और कहीं पर यह नहीं बनाया जाता. अब धीरे-धीरे इक तारा की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है. आने वाले समय में भी एक तारा को लोग बहुत जल्दी ही आर्डर करने लगेंगे.

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अमरोहा : ढोलक के कारोबार के लिए मशहूर जनपद में अब नारद मुनि का पारंपरिक वाद्य यंत्र भी बनाया जा रहा है, जिसको हम लोग इक तारा के नाम से भी जानते हैं. साउथ अफ्रीका के कारोबारी ने अमरोहा के ढोलक कारोबारी राजीव प्रजापति को इसका आर्डर दिया है, जिसके बाद उन्होंने बड़े पैमाने पर अपने कारखाने में इक तारा बनाने का काम शुरू कर दिया है. अमरोहा वालों के लिए वाकई में नई शुरुआत है. वैसे तो इन वाद्य यंत्रों का कारोबार पहले भी होता था. लेकिन काफी लंबे समय से यहां पर वाद्य यंत्र नहीं बन रहे थे, जिसकी वजह से अब इसकी शुरुआत नए सिरे से मानी जा सकती है.

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कारोबारी राजीव प्रजापति ने बताया कि पूरे देश में अभी तक सिर्फ अमरोहा में ही इक तारा का निर्माण किया जा रहा है. यह अमरोहा के लिए गौरव की बात है, जिसमें इक तारा का प्रयोग नारद मुनि भी करते थे. इक तारा की पहचान लगातार खत्म होती जा रही थी, जिसमें कि इसका आर्डर हमें साउथ अफ्रीका से आया और अमरोहा के अलावा अन्य और कहीं पर यह नहीं बनाया जाता. अब धीरे-धीरे इक तारा की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है. आने वाले समय में भी एक तारा को लोग बहुत जल्दी ही आर्डर करने लगेंगे.

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