अमेठी: कोरोना वायरस की वजह से देश में बने हालात पर लगाम लगाने के लिए 3 मई तक लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है. ये लॉकडाउन लोगों की सुरक्षा के लिए तो है, लेकिन इसके चलते सारा काम पूरी तरह ठप पड़ गया है. इस लॉकडाउन ने गरीब वर्ग को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है.
इतना ही नहीं, लॉकडाउन में अनेक समाजसेवी अपने-अपने स्तर पर गरीबों व जरूरतमंदों की मदद भी कर रहे हैं. इसी कड़ी में स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र अमेठी का एक नवयुवक छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में गरीबों के लिए मसीहा बनकर सामने आया है.
जिले के मुसाफिरखाना विकासखण्ड के पूरे बदल उपाध्याय अनखरा निवासी लवकुश प्रजापति लॉकडाउन के दौरान रायपुर में गरीबों को नि:स्वार्थ भाव से मुफ्त में राशन और सब्जी वितरण कर रहे हैं. लवकुश करीब 6 वर्ष पहले काम के सिलसिले में रायपुर गए थे और अब वह यूनिक गार्डन केयर फर्म चलाते हैं.
अपना मोबाइल नम्बर भी किया सार्वजनिक
लवकुश प्रजापति ने बताया कि रायपुर में कई ऐसी जगहें हैं जहां मजदूर रहते हैं. ये वर्ग हर दिन कमाई कर अपना पेट भरता है. वहीं कोरोना वायरस के चलते पैदा हुए हालातों से इन लोगों के लिए पेट भरना एक चुनौती बन गई है.
इन लोगों की इस मुश्किल समय में मदद के लिए वह आगे आए हैं और लोगों को हरी सब्जी व राशन का सामान बांट रहे हैं. यही नहीं, उन्होंने गरीब लोगों की मदद के लिए अपना नम्बर भी सार्वजनिक किया है.
मदद के दौरान नही खिंचवाते हैं फोटो
इस युवक ने बताया कि इस पुनीत कार्य करने के दौरान वह कभी भी फोटो नहीं खिंचवाता. उसका मानना है कि हम जिसकी मदद कर रहे हैं. अगर उसकी फोटो ले लेंगे तो वह शर्मिंदा हो जाएगा. बता दें कि लवकुश मुसाफिरखाना में आयोजित होने वाली रामलीला में भगवान लक्ष्मण का रोल निभाते हैं.
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लवकुश के इस कार्य की हर तरफ सराहना हो रही है. उनके माता-पिता ने कहा कि उसने हमें फोन पर बताया कि जब से लॉकडाउन शुरू हुआ है. वह अपने क्षेत्र में गरीबों को मुफ्त में सब्जी व राशन वितरित कर रहा है. हमें खुशी है कि हमारा बेटा परदेश में भी लोगों की सेवा कर रहा है.
गांव के प्रधान ने की लवकुश के काम की तारीफ की
वहीं पूरे बदल उपाध्याय अनखरा के प्रधान मनोज उपाध्याय ने बताया कि उनके गांव का बेटा जिस तरह से दूसरे राज्य में भी सामाजिक कार्य कर रहा है वह काबिले तारीफ है. जब मैंने सुना कि वो ये कार्य कर रहा है तो मैंने उसको फोन कर उसका हौसला बढ़ाया. उन्होंने बताया कि वह जब यहां भी था तब भी सामाजिक कार्यों में बहुत ज़्यादा रुचि रखता था.