अमेठी : इंसान हो या पशु-पक्षी, सभी प्रेम की भाषा समझते हैं. अधिकतर जीव मुसीबत में की गई मदद को भी नहीं भूलते. अमेठी में ऐसा ही हो रहा है, जहां एक पक्षी सारस संकट में मदद करने वाले आरिफ का दोस्त बन गया है. कभी जंगल में लावारिस मिला सारस अपने दोस्त आरिफ के साथ हमेशा रहता है. अगर आरिफ बाइक से चलते हैं तो उनके पीछे उड़ता हुआ पहुंच जाता है. फिलहाल एक इंसान और एक पक्षी की दोस्ती अमेठी में चर्चा का विषय बन गई है. दोनों की ऐसी दोस्ती पर लोग हैरान हो रहे हैं.
यूपी के जिले अमेठी में एक सारस और एक इंसान की ऐसी दोस्ती हुई कि लोग दोनों को जय-वीरू कहने लगे. अमेठी जिले के जामो विकासखंड के मंडका गांव के आरिफ अपने परिवार के साथ रहते हैं. करीब एक साल से इनके साथ एक सारस भी रह रहा है. यह सारस परिवार के लोगों के साथ घुलमिल चुका है. घर के लोग इसे खाना खिलाते हैं. यह आरिफ के साथ खेलता है. उनकी थाली में रखी रोटी भी साथ खाता है. हद तो यह है कि इसकी जान बचाने वाले आरिफ जब कभी घर से बाहर निकलते हैं तो सारस भी उनके पीछे-पीछे चला आता है. जब तक आरिफ अपने खेतों में काम करते हैं तब तक वह उनके साथ खेत में ही रहता है. इस दौरान वहां से आने जाने वाले सारस के साथ सेल्फी लेते हैं. आरिफ बताते हैं कि यह जब साथ में उड़ता है तो वह कोशिश करते हैं कि बाइक की स्पीड 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटा रहे. इनसे दोनों के बीच तालमेल बना रहता है.
जब आरिफ को घर ज्यादा दूर जाना होता है तो वह इस सारस से छिपकर निकलते हैं. उनकी बाइक कोई दूसरा घर के बाहर ले आता है और वह चुपके से घर से चले जाते हैं. उनका दोस्त सारस उनका रोड पर आने का इंतजार करता है. जब वह दोबारा मिलते हैं तो यह सारस कूदकर और पंख हिलाकर अपने दोस्त से मिलने का जश्न मनाता है. जब कभी सारस को ऊंची उड़ान भरने की मन होता है तो वह भी आकाश की सैर करता है मगर लौटकर आरिफ के घर में ही आता है.
आरिफ ने बताया कि 2022 में यह सारस उनके खेत में घायल मिला था. इस सारस का एक पैर टूटा हुआ था. वह सारस को अपने घर ले आए और इलाज कराकर पैर दुरुस्त किया. करीब डेढ़ तक सेवा सुश्रूषा करने के दौरान आरिफ और उनका परिवार उसकी भोजन का ख्याल रखने लगा. ठीक होने के बाद आरिफ ने उसे खुले आसमान के नीचे छोड़ दिया. मगर प्यार का असर इस पक्षी पर इस कदर हुआ कि वह आरिफ के पास ही रहने लगा. आरिफ ने कई बार उसे आजाद परिंदे की तरह उड़ने के लिए अकेले में छोड़ दिया मगर वह घूम-फिरकर उनके पास लौट आया.
आरिफ का कहना है कि वह चाहते हैं कि यह खुले आसमान में परवाज करे और अपने कुनबे में वापस लौट जाए, मगर यह कहीं जाता ही नहीं है. यह सारस पूरी तरीके से आजाद है. इस पर किसी भी प्रकार की कोई पाबंदी नहीं है. इस पक्षी को परिवार के सदस्य जैसा लगाव रखते हैं, शायद प्यार के इसी डोर ने इस सारस को आरिफ का मेहमान दिया है.
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