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'अप्रत्याशित नहीं थी अमेठी से स्मृति की जीत, जीतोड़ मेहनत कर दी राहुल को पटखनी'

लोकसभा चुनाव 2019 में पीएम मोदी के नेृतत्व में भाजपा और उसके सहयोगियों ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को बुरी हार का सामना करना पड़ा है. खुद पार्टी अध्यक्ष को अपनी पारंपरिक सीट अमेठी से हार का मुंह देखना पड़ा है. भाजपा की फायर ब्रांड नेता स्मृति ईरानी ने उन्हें शिकस्त दी है.

अमेठी में स्मृति ईरानी ने कैसे भेदा राहुल गांधी का अभेद्य किला.
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Published : May 25, 2019, 9:39 AM IST

अमेठी: 2019 लोकसभा चुनाव में देश के सबसे बड़े उलटफेर में से एक अमेठी में देखने को मिला. पिछली तीन बार से लगातार सांसद रहे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भाजपा की नेता केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के हाथों करारी शिकस्त मिली.

अमेठी में स्मृति ईरानी ने कैसे भेदा राहुल गांधी का अभेद्य किला.

चुनाव परिणाम के दिन 23 मई को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश की राजधानी दिल्ली में शाम होते-होते प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्मृति ईरानी को जीत की बधाई दी थी. हालांकि, सालों से कांग्रेस के अभेद्य दुर्ग के रूप में पहचान रखने वाले अमेठी के स्थानीय लोग इस जीत को अप्रत्याशित मानने को तैयार नहीं दिखते हैं.

अमेठी के फुरसतगंज में ईटीवी भारत संवाददाता ने कुछ स्थानीय लोगों से भाजपा नेता की जीत पर रायशुमारी की तो ज्यादातर लोगों ने कहा कि गांधी परिवार से भले ही लोगों का भावनात्मक रिश्ता रहा हो पर इस क्षेत्र की लगातार अनदेखी के चलते ही स्मृति ईरानी की जीत संभव हो पाई है.

अमेठी में भाजपा की जीत में स्मृति ईरानी का अहम योगदान बताते हुए स्थानीय निवासी दीपक तिवारी कहते हैं कि महज लगाव के कारण ही कांग्रेस को हर बार जिताना कतई उचित नहीं है. यही कारण था कि इस बार परिवर्तन जरूरी था और स्मृति ने अपनी मेहनत से अमेठी में इसे संभव कर दिखाया.

2014 लोकसभा चुनावों में स्मृति ईरानी ने पहली बार अमेठी का रुख किया था और भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरते ही बेहतरीन प्रदर्शन किया था. स्मृति उस चुनाव में राहुल से पराजित भले ही हुई थीं पर मोदी सरकार में मंत्री रहते हुए स्मृति लगातार 5 साल अमेठी में सक्रिय रहीं और स्थानीय लोगों से अक्सर रूबरू होती रहीं.

अमेठी: 2019 लोकसभा चुनाव में देश के सबसे बड़े उलटफेर में से एक अमेठी में देखने को मिला. पिछली तीन बार से लगातार सांसद रहे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भाजपा की नेता केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के हाथों करारी शिकस्त मिली.

अमेठी में स्मृति ईरानी ने कैसे भेदा राहुल गांधी का अभेद्य किला.

चुनाव परिणाम के दिन 23 मई को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश की राजधानी दिल्ली में शाम होते-होते प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्मृति ईरानी को जीत की बधाई दी थी. हालांकि, सालों से कांग्रेस के अभेद्य दुर्ग के रूप में पहचान रखने वाले अमेठी के स्थानीय लोग इस जीत को अप्रत्याशित मानने को तैयार नहीं दिखते हैं.

अमेठी के फुरसतगंज में ईटीवी भारत संवाददाता ने कुछ स्थानीय लोगों से भाजपा नेता की जीत पर रायशुमारी की तो ज्यादातर लोगों ने कहा कि गांधी परिवार से भले ही लोगों का भावनात्मक रिश्ता रहा हो पर इस क्षेत्र की लगातार अनदेखी के चलते ही स्मृति ईरानी की जीत संभव हो पाई है.

अमेठी में भाजपा की जीत में स्मृति ईरानी का अहम योगदान बताते हुए स्थानीय निवासी दीपक तिवारी कहते हैं कि महज लगाव के कारण ही कांग्रेस को हर बार जिताना कतई उचित नहीं है. यही कारण था कि इस बार परिवर्तन जरूरी था और स्मृति ने अपनी मेहनत से अमेठी में इसे संभव कर दिखाया.

2014 लोकसभा चुनावों में स्मृति ईरानी ने पहली बार अमेठी का रुख किया था और भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरते ही बेहतरीन प्रदर्शन किया था. स्मृति उस चुनाव में राहुल से पराजित भले ही हुई थीं पर मोदी सरकार में मंत्री रहते हुए स्मृति लगातार 5 साल अमेठी में सक्रिय रहीं और स्थानीय लोगों से अक्सर रूबरू होती रहीं.

Intro:'अप्रत्याशित नही थी अमेठी से स्मृति की जीत,जीतोड़ मेहनत कर दी है राहुल गांधी को पटखनी'

बोले अमेठी के स्थानीय लोग,'स्मृति ईरानी ही अमेठी से जीत की असल दावेदार थी'

24 मई 2019 - रायबरेली

2019 लोकसभा चुनाव में देश के सबसे बड़े उलटफेरो में से एक अमेठी में देखने को मिला,जहां पिछले तीन बार से लगातार सांसद रहे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भाजपा की तेजतर्रार केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के हाथों करारी शिकस्त मिली।चुनाव परिणामों के दिन 23 मई को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भले ही देश की राजधानी दिल्ली में शाम होते-होते प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्मृति ईरानी को जीत की बधाई दी हो पर सालों से कांग्रेस के अभेद दुर्ग के रुप मे पहचान बनाने में कामयाब रहे अमेठी के स्थानीय लोग इसे अप्रत्याशित मानने को तैयार नही दिखते।

अमेठी के फुरसतगंज में जब ETV संवाददाता ने कुछ स्थानीय लोगों से भाजपा नेता की जीत पर राय शुमारी का प्रयास किया तो ज्यादातर लोगों का यही कहना था कि गांधी परिवार से भले ही लोगों का भावनात्मक रिश्ता रहा हो पर इस क्षेत्र की लगातार अनदेखी का ही नतीजा रहा कि स्मृति ईरानी की जीत संभव हो पाई।

अमेठी में भाजपा की जीत में स्मृति ईरानी का अहम योगदान बताते हुए दीपक तिवारी कहते है कि महज लगाव के कारण कांग्रेस को हर बार जिताना कतई उचित नही है और यही कारण था कि इस बार परिवर्तन जरुरी था और स्मृति ने अपनी मेहनत से अमेठी में इसे संभव कर दिखाया।



















Body:2014 लोकसभा चुनावों में स्मृति ईरानी ने पहली बार अमेठी का रुख किया था और भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरते ही बेहतरीन प्रदर्शन किया था। स्मृति उस चुनाव में राहुल से पराजित भले हुई थी पर मोदी सरकार में मंत्री रहते हुए स्मृति लगातार 5 साल अमेठी में सक्रिय रही और स्थानीय लोगों से अक्सर रुबरु होती रही।


विज़ुअल: स्थानीय लोगों के व्यूज

प्रणव कुमार - 7000024034


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