अमेठी: एक युवक को अपने बीमार नाना के लिए मदद मांगना भारी पड़ गया. पुलिस ने उसके खिलाफ महामारी और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है. युवक का दोष बस इतना था कि उसने ट्विटर पर सोनू सूद से ऑक्सीजन सिलेंडर दिलाने की अपील की थी. पुलिस का कहना है कि जांच में युवक के नाना कोविड पॉजिटिव नहीं थे, न ही ऑक्सीजन के लिए कोई चिकित्सीय परामर्श ही डॉक्टर द्वारा दिया गया था.
क्या था पूरा मामला
दरअसल, अमेठी जनपद के रामगंज थाना क्षेत्र के रतापुर गांव निवासी शशांक यादव ने 26 अप्रैल को रात में 8 बजे अपने नाना के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की अपील करने के लिए ट्विटर का इस्तेमाल किया था. शशांक ने सोमवार शाम को ट्विटर पर एक पोस्ट किया था और अभिनेता सोनू सूद को टैग किया था. इसके बाद उसके दोस्त अंकित ने संदेश को बढ़ाया और पत्रकार आरफा खानम शेरवानी से मदद मांगी. हालांकि किसी भी पोस्ट में कोरोना वायरस का उल्लेख नहीं किया गया था. अमेठी पुलिस ने इसे लेकर शशांक यादव नाम के युवक के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है.
स्मृति ईरानी ने लिया था संज्ञान
पत्रकारों ने भी शशांक के नाना के लिए मदद मांगते हुए एक ट्वीट किया था. केंद्रीय मंत्री और अमेठी की सांसद स्मृति ईरानी को भी मदद के लिए टैग किया गया. थोड़ी ही देर में स्मृति ईरानी ने जवाब दिया कि उन्होंने शशांक को कई बार फोन किया, लेकिन उनकी बात नहीं हो पा रही है. उन्होंने बताया कि डीएम, सीएमओ और अमेठी पुलिस को मदद करने के लिए कहा है.
हालांकि इस समय तक, यादव के नाना की मृत्यु हो गई थी. अंकित ने इस बारे में ईरानी को सूचना दी. केंद्रीय मंत्री ने अपनी संवेदना व्यक्त की और कहा: "अपने नंबर से कॉल करना, हम सभी ने सीएमओ, अमेठी पुलिस को शामिल किया. काश वह अपना फोन उठाता"
पुलिस ने किया रिप्लाई
मंगलवार दोपहर, अमेठी के जिला मजिस्ट्रेट अरुण कुमार ने शेरवानी के मूल ट्वीट का जवाब दिया जिसमें मदद मांगी गई और मुख्य चिकित्सा अधिकारी की रिपोर्ट साझा की. इसमें कहा गया है कि यादव के नाना को कोविड-19 नहीं था और उनका दुर्गापुर के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था.
युवक पर भ्रामक जानकारी फैलाने का आरोप
वहीं इस पूरे मामले में पुलिस का कहना है कि युवक भ्रामक जानकारी फैला रहा था.अमेठी पुलिस ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा 'तत्काल संपर्क किया तो जानकारी हुई कि इनके चचेरे भाई के नाना 88 वर्षीय थे, न उन्हें COVID था, न ही ऑक्सीजन का चिकित्सीय परामर्श था. रात 8 बजे उनकी मृत्यु हार्ट अटैक से हुई. इस समय सोशल मीडिया पर इस प्रकार की समाज मे भय पैदा करने वाली पोस्ट डालना निन्दनीय ही नहीं, कानूनी अपराध भी है.' इस प्रकरण में मु.अ.सं. 51/21 धारा 188,269,505(1),(बी) भादवि और 03 महामारी अधि. और 54 आपदा प्रबन्धन अधिनियम पंजीकृत कर विधिक कार्रवाई की जा रही है.
क्या बोले पुलिस अधीक्षक दिनेश सिंह
पुलिस अधीक्षक दिनेश सिंह ने बताया कि ट्वीट के बाद हमने और सीएमओ साहब ने कई बार शशांक से संपर्क की कोशिश की, लेकिन उसका फोन बंद था. इसके बाद उसके मोबाइल की लास्ट लोकेशन को ट्रेस कर पुलिस उसके घर पहुंची. उस समय शशांक घर में सो रहा था. शशांक से पूछताछ के दौरान पता चला कि बुजुर्ग दूर के रिश्ते में शशांक के नाना लगते थे, वे 88 साल के थे और बीमार थे. हालांकि उन्हें न तो कोरोना था और न ही ऑक्सीजन के लिए कोई चिकित्सीय परामर्श ही डॉक्टर द्वारा दी गई थी. केवल सेंसेशन पैदा करने के लिए शशांक ने ट्वीट कर ऑक्सीजन की डिमांड की. शशांक ने भी पूछताछ में यह कबूला कि उससे गलती हुई है. शशांक के खिलाफ रामगंज थाने में 188, 269,5 05, 03 महामारी अधिनियम और आपदा अधिनियम की धारा 54 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. इसके बाद 41 की नोटिस तामील करवाकर चेतावनी देते हुए उसे छोड़ दिया गया.