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डीएम ने मौलिक कर्तव्यों की दिलाई शपथ, ऐसे मनाया 71वां संविधान दिवस - यूपी की खबरें

अमेठी में गुरुवार को 71वें संविधान दिवस पर सरकारी कार्यालयों में कार्यक्रम आयोजित किए गए. इस दौरान संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा गया और मौलिक कर्तव्यों के पालन की शपथ दिलाई गई.

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कार्यक्रम में नागरिक के मौलिक कर्तव्यों के पालन की शपथ दिलाई गई.
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Published : Nov 26, 2020, 5:51 PM IST

अमेठी: 71वें संविधान दिवस पर गुरुवार को जनपद के सभी सरकारी कार्यालयों में कार्यक्रम हुए. इस दौरान संविधान की प्रस्तावना पढ़ी गई. जिलाधिकारी अरुण कुमार ने कलक्ट्रेट परिसर में हुए कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों, कर्मचारियों को मौलिक कर्तव्यों की शपथ दिलाई.

नागरिक दायित्वों के निर्वहन की दिलाई शपथ
जिलाधिकारी ने इस अवसर पर कर्मचारियों को शपथ दिलाते हुए कहा कि हम भारत के संविधान में दिए गए मूल कर्तव्यों का पालन करेंगे. हमें संवैधानिक आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रध्वज और राष्ट्रीय प्रतीकों का आदर करना चाहिए. देश में संप्रभुता, अखण्डता की रक्षा करनी चाहिए. उन्होंने महिलाओं को सम्मान देने, हिंसा से दूर रहते हुए बंधुत्व को बढ़ावा देने, सामाजिक संस्कृति का संवर्धन करने, पर्यावरण का संरक्षण करने. वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास करने, सार्वजनिक सम्पत्ति की रक्षा करने, व्यक्तिगत व सामूहिक गतिविधि में उत्कृष्टता बढ़ाने, सबको शिक्षा के अवसर प्रदान करने के साथ ही स्वतत्रंता आन्दोलन के आदर्शों को बढ़ावा देने का आह्वान करते हुए शपथ दिलाई.

अनेकता में एकता की मिसाल है भारत

जिलाधिकारी ने कहा कि आजादी मिलते ही देश को चलाने के लिए संविधान बनाने पर काम शुरू कर दिया गया था. इसके लिए 29 अगस्त 1947 को भारतीय संविधान के निर्माण के लिए प्रारूप समिति की स्थापना की गई. इसका अध्यक्ष डॉ. भीमराव आम्बेडकर को बनाया गया. दुनिया भर के संविधानों का अध्ययन करने के बाद डॉ. आम्बेडकर ने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार किया. 26 नवंबर 1949 को इसे भारतीय संविधान सभा के समक्ष लाया गया. इसी दिन संविधान सभा ने इसे अपना लिया. यही वजह है कि देश में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है. जिलाधिकारी ने कहा कि भारत अनेकता में एकता की मिसाल है. हमें संवैधानिक व्यवस्था के साथ चलते हुए अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए.

अमेठी: 71वें संविधान दिवस पर गुरुवार को जनपद के सभी सरकारी कार्यालयों में कार्यक्रम हुए. इस दौरान संविधान की प्रस्तावना पढ़ी गई. जिलाधिकारी अरुण कुमार ने कलक्ट्रेट परिसर में हुए कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों, कर्मचारियों को मौलिक कर्तव्यों की शपथ दिलाई.

नागरिक दायित्वों के निर्वहन की दिलाई शपथ
जिलाधिकारी ने इस अवसर पर कर्मचारियों को शपथ दिलाते हुए कहा कि हम भारत के संविधान में दिए गए मूल कर्तव्यों का पालन करेंगे. हमें संवैधानिक आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रध्वज और राष्ट्रीय प्रतीकों का आदर करना चाहिए. देश में संप्रभुता, अखण्डता की रक्षा करनी चाहिए. उन्होंने महिलाओं को सम्मान देने, हिंसा से दूर रहते हुए बंधुत्व को बढ़ावा देने, सामाजिक संस्कृति का संवर्धन करने, पर्यावरण का संरक्षण करने. वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास करने, सार्वजनिक सम्पत्ति की रक्षा करने, व्यक्तिगत व सामूहिक गतिविधि में उत्कृष्टता बढ़ाने, सबको शिक्षा के अवसर प्रदान करने के साथ ही स्वतत्रंता आन्दोलन के आदर्शों को बढ़ावा देने का आह्वान करते हुए शपथ दिलाई.

अनेकता में एकता की मिसाल है भारत

जिलाधिकारी ने कहा कि आजादी मिलते ही देश को चलाने के लिए संविधान बनाने पर काम शुरू कर दिया गया था. इसके लिए 29 अगस्त 1947 को भारतीय संविधान के निर्माण के लिए प्रारूप समिति की स्थापना की गई. इसका अध्यक्ष डॉ. भीमराव आम्बेडकर को बनाया गया. दुनिया भर के संविधानों का अध्ययन करने के बाद डॉ. आम्बेडकर ने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार किया. 26 नवंबर 1949 को इसे भारतीय संविधान सभा के समक्ष लाया गया. इसी दिन संविधान सभा ने इसे अपना लिया. यही वजह है कि देश में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है. जिलाधिकारी ने कहा कि भारत अनेकता में एकता की मिसाल है. हमें संवैधानिक व्यवस्था के साथ चलते हुए अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए.

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