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अमेठी: मुसाफिरखाना-पारा मार्ग के गड्ढे दे रहे राहगीरों को जख्म - अमेठी की खबर

यूपी के अमेठी जिले में साल 2016 में बनी मुसाफिरखाना-पारा मार्ग की हालत जर्जर हो चुकी है. सड़क की गारंटी अवधि अभी होने के बावजूद भी संबंधित अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे.

सड़क पर बने गड्ढे से परेशान यात्री
सड़क पर बने गड्ढे से परेशान यात्री
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Published : Jul 10, 2020, 3:14 AM IST

अमेठी : जनपद में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनी मुसाफिरखाना-पारा मार्ग की हालत जर्जर हो चुकी है. इस मार्ग पर राहगीरों का पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. इन मार्गों पर आए दिन वाहन सवार गिरकर चोटिल होते रहते हैं. इसके बावजूद जिम्मेदार बेखबर हैं.

4 करोड़ 60 लाख 66 हजार की लागत से बनी थी सड़क

मुसाफिरखाना से पारा मार्ग तक करीब 4 करोड़ 60 लाख 66 हजार रुपये की लागत से 5.560 किमी सड़क का निर्माण साल 2016 में हुआ था. चार साल से कम समय में ही सड़क पर जगह-जगह गड्ढे हो चुके हैं. जिसमें यहां आए दिन वाहन सवार यात्री गिरकर चोटिल हो रहे हैं. यही हाल क्षेत्र के अलग-अलग संपर्क मार्ग का भी है. हालांकि सड़क की गारंटी अवधि अभी पूरी नहीं हुई है, बावजूद इसके संबंधित अधिकारी मार्ग की सुध नहीं ले रहे.

24 घंटे लोगों का आवागमन

7 किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर दर्जनों गांवों के लोगों का आवागमन होता है. ग्रामीणों की मांग पर सड़क का निर्माण भी कार्यदायी संस्था द्वारा कराया गया, लेकिन यह मार्ग अब भी लोगों के लिए दुखदायी साबित हो रहा है. ऊबड़-खाबड़ सड़कों पर बड़े-बड़े पत्थर पड़े हुए हैं. इसी के बीच से लोग आवागमन कर रहे हैं.

इस सड़क के निर्माण के लिए बीते दिनों कांग्रेस एमएलएसी दीपक सिंह ने लोक निर्माण विभाग मंत्रालय, प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग व जिलाधिकारी सुल्तानपुर को पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने सड़क बनवाने की मांग की थी.

बरसात में पोखर में तब्दील हो जाते गड्ढे

इस बरे में ग्रामीणों का कहना है कि सड़क जर्जर होने की शिकायत आला अधिकारियों तक की जा चुकी है. इसके बाद भी सड़क का मरम्मत कार्य नहीं हो रहा है. सड़क को देखकर इस बात का अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता कि सड़क पर गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क. वहीं बरसात के मौसम में ये गड्ढे छोटे-छोटे पोखर में तब्दील हो जाते हैं.

अमेठी : जनपद में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनी मुसाफिरखाना-पारा मार्ग की हालत जर्जर हो चुकी है. इस मार्ग पर राहगीरों का पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. इन मार्गों पर आए दिन वाहन सवार गिरकर चोटिल होते रहते हैं. इसके बावजूद जिम्मेदार बेखबर हैं.

4 करोड़ 60 लाख 66 हजार की लागत से बनी थी सड़क

मुसाफिरखाना से पारा मार्ग तक करीब 4 करोड़ 60 लाख 66 हजार रुपये की लागत से 5.560 किमी सड़क का निर्माण साल 2016 में हुआ था. चार साल से कम समय में ही सड़क पर जगह-जगह गड्ढे हो चुके हैं. जिसमें यहां आए दिन वाहन सवार यात्री गिरकर चोटिल हो रहे हैं. यही हाल क्षेत्र के अलग-अलग संपर्क मार्ग का भी है. हालांकि सड़क की गारंटी अवधि अभी पूरी नहीं हुई है, बावजूद इसके संबंधित अधिकारी मार्ग की सुध नहीं ले रहे.

24 घंटे लोगों का आवागमन

7 किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर दर्जनों गांवों के लोगों का आवागमन होता है. ग्रामीणों की मांग पर सड़क का निर्माण भी कार्यदायी संस्था द्वारा कराया गया, लेकिन यह मार्ग अब भी लोगों के लिए दुखदायी साबित हो रहा है. ऊबड़-खाबड़ सड़कों पर बड़े-बड़े पत्थर पड़े हुए हैं. इसी के बीच से लोग आवागमन कर रहे हैं.

इस सड़क के निर्माण के लिए बीते दिनों कांग्रेस एमएलएसी दीपक सिंह ने लोक निर्माण विभाग मंत्रालय, प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग व जिलाधिकारी सुल्तानपुर को पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने सड़क बनवाने की मांग की थी.

बरसात में पोखर में तब्दील हो जाते गड्ढे

इस बरे में ग्रामीणों का कहना है कि सड़क जर्जर होने की शिकायत आला अधिकारियों तक की जा चुकी है. इसके बाद भी सड़क का मरम्मत कार्य नहीं हो रहा है. सड़क को देखकर इस बात का अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता कि सड़क पर गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क. वहीं बरसात के मौसम में ये गड्ढे छोटे-छोटे पोखर में तब्दील हो जाते हैं.

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