अमेठीः पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के बेटे अनिल प्रजापति के खिलाफ दर्ज हुए दो मुकदमो को लेकर गायत्री के परिवार वालों ने पुलिस प्रशासन पर बड़ा आरोप लगाया है. सपा प्रत्याशी शिल्पा अनिल की पत्नी हैं, ऐसे में परिजनों का आरोप है कि प्रशासन दबाव बनाने के लिए एक पक्षीय कार्रवाई कर रहा है. उन्होंने आगे कहा की जिस समय की घटना बताई जा रही है उस समय अनिल प्रजापति परिवार के साथ देवी पाटन मंदिर में दर्शन कर रहे थे.
पूरा मामला बता दें कि मुसाफिरखाना कोतवाली में अनिल प्रजापति के खिलाफ एससी-एसटी समेत कई धाराओं में केस दर्ज हुआ था. थाना कोतवाली क्षेत्र सादीपुर के बीडीसी केतारनाथ पासी ने मुसाफिर खाना थाने में तहरीर दिया था. इसके अनुसार सोमवार रात 8 बजे अनिल प्रजापति दो गाड़ियों से अपने साथियों के साथ आए थे. उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि अनिल प्रजापति सपा एमएलसी प्रत्याशी शिल्पा के पक्ष में वोट करने के लिए एक लाख रुपये दे रहे थे.
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मना करने पर उन्होंने गालियां देते हुए जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल किया और जान से मारने की धमकी तक दे डाली. केतारनाथ का कहना है कि घटना के समय मेरे साथ अंकित सिंह व भरत कुमार सिंह मौजूद थे. इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया है.
वहीं आज सपा प्रत्याशी शिल्पा प्रजापति के परिवार वाले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुलिस की इस एफआईआर पर सवाल खड़े कर दिए हैं. प्रजापति के परिवार द्वारा उस समय का सीसीटीवी फुटेज आज मीडिया के सामने जारी किया गया. जिसमें वो अमेठी के अलग-अलग मंदिरों में परिवार के साथ दर्शन कर रहे हैं. ऐसे में अहम सवाल यह है कि जब अनिल मंदिर में दर्शन कर रहे थे तो केतारनाथ पासी को धमकाने वाला व्यक्ति कौन था? जिसे उसके साथियों ने पहचान भी लिया है.
पूरे मामले को लेकर सपा जिलाध्यक्ष राम उदित यादव ने बताया कि सत्ता के दबाव में ये सब कुछ हो रहा है. दरअसल यह सब परेशान करने की साजिश है. साथ ही इन लोगों को यह भी खल रहा है कि अब एमएलसी का टिकट मिल गया है, वह जीत जाएंगी. सारा षडयंत्र सत्ता के गलियारे से और सत्ता में बैठे लोग कर रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा कि जो कहते हैं कि अनिल प्रजापति वहां थे, वो गलत हैं और हमारे पास इसका प्रमाण है कि अनिल मंदिर में थे. चुनाव में व्यवधान के लिए यह सब सत्ता के दबाव में किया जा रहा है, यह सरासर गलत है. विपक्ष को यह पता है कि शिल्पा देवी चुनाव जीत रही हैं इसलिए प्रताड़ित किया जा रहा है. हम शासन-प्रशासन से बात करेंगे अगर वहां भी सुनवाई नहीं हुई तो हम धरना प्रदर्शन करेंगे.
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