अम्बेडकर नगर: महानगरों में कोरोना का कहर बढ़ने के बाद अब वहां रोजी-रोटी के तलाश में रह रहे लोग अपने घरों की तरफ पलायन कर रहे हैं. रविवार को जिले में सैकड़ों युवाओं का जत्था ट्रेन से पहुंचा, लेकिन सबसे अहम बात यह कि इन शहरों से आ रहे युवकों की कहीं पर भी कोई न तो जांच हुई और न ही स्क्रीनिंग. ऐसे में यहां ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना के फैलने का अंदेशा बढ़ गया है.
जिले का एक बहुत बड़ा तबका रोजी-रोटी के लिए गैर प्रदेशों में रहता है. इसमें अधिकांश युवा हैं, जो मुम्बई, गुजरात और दिल्ली आदि जगहों पर रह कर अपनी जिंदगी गुजारने का जतन करते हैं, लेकिन अब इन महानगरों में कोरोना की दहशत फैलाने और मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद लोग अपने घरों की तरफ रुख कर रहे हैं. इन युवाओं की कहीं पर कोई जांच नहीं हुई. ऐसे में यदि कोई युवा कोरोना पीड़ित हुआ तो ये बीमारी गांवों में भी फैल जाएगी. गैर प्रदेशों से आ रहे यात्रियों का कहना है कि वे दिल्ली और सूरत से आ रहे हैं, लेकिन उनकी कहीं कोई भी जांच नहीं की गई है.
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जिले की एक बड़ी आबादी रोजी रोटी के तलाश में दिल्ली, मुंबई और सूरत जैसे शहरों में रहती है और अब वहां कोरोना के कहर के बाद लोग अपने घरों की तरफ पलायन कर रहे हैं आज जिला मुख्यालय पर सैकड़ो की संख्या में यात्री एक साथ पहुंच गए. टांडा मार्ग पर जब जिलाधिकारी राकेश कुमार और एसपी आलोक प्रियदर्शी ने इतनी तादात देखी तो डीएम ने तत्काल सबकी स्क्रीनिंग कराने का निर्देश दिया. डीएम के निर्देश पर सभी यात्रियों को रोक तो लिया गया, लेकिन तकरीबन दो घण्टे तक स्वास्थ विभाग के कर्मचारी और अधिकारी मौके पर पहुंचे ही नहीं और जब काफी देर बाद आए तो स्क्रीनिंग मशीन ही दगा दे गई और कई घण्टे के बाद जांच की औपचारिकता पूरी की गई.