अम्बेडकर नगर: आम जनता के लिए भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों की जिंदगी खुद खतरे में है. मेडिकल कॉलेज के भवन निर्माण में बरती गई अनियमितता का खामियाजा अब रेजीडेंट डॉक्टरों को भुगतना पड़ रहा है. हॉस्टल परिसर के अंदर इस कदर जलभराव है कि भवन का अस्तित्व ही खतरे में है. परिसर के अंदर जलभराव से संक्रमण के फैलने का खतरा भी है.
महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज में रेजीडेंट डॉक्टरों के रहने के लिए अलग से हॉस्टल बनाया गया है. कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम ने इस सीनियर रेजीडेंट आवास में इस कदर मनमानी बरती है कि अब पूरे भवन का अस्तित्व ही खतरे में है. भवन की दीवारों का न तो प्लास्टर हुआ है और न ही खाली पड़े गड्ढों में मिट्टी डाली गई है. गड्ढों में अब पानी जमा हो रहा है, जिससे दीवारों के धसने का खतरा बना हुआ है. यही नहीं इस पानी की वजह से यहां संक्रमण फैलने का भी खतरा है.
रेजीडेंट डॉक्टरों का कहना है कि इसकी शिकायत कई बार कॉलेज प्रशासन से की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. हम कैमरे पर बोल भी नहीं सकते, क्योंकि अनुशासन हीनता में कार्रवाई हो जाएगी. सुरक्षा कर्मी अरुण का कहना है कि यहां शौचालय बहुत गंदा रहता है और परिसर में जगह-जगह पानी भरा है.
राजकीय निर्माण निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर रामफल और मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ पीके सिंह से सम्पर्क किया गया तो कोई भी कैमरे पर बोलने को तैयार नहीं हुआ.