अंबेडकरनगर: प्रधानमंत्री के ड्रीम योजना स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण इलाकों में शौचालयों के निर्माण का कार्य अधिकारियों और कर्मचारियों के मनमानी की भेंट चढ़ रहा है. पहली किस्त के रूप में 6 हजार रुपये मिलने के बाद लाभार्थी अब कई माह से दूसरी किस्त के लिए भटक रहे हैं. पैसा न मिलने के कारण शौचालयों के निर्माण का कार्य अधूरा पड़ा है.
मामला बसखारी विकास खण्ड के ग्राम पंचायत देवहट का है. जहां पर शौचालयों के निर्माण के लिए कुछ लाभार्थियों को पूरा पैसा तो कुछ को आधा ही दिया गया है. वैसे तो सरकार एक शौचालय के निर्माण के लिए प्रोत्साहन राशि के रूप में 12 हजार रुपये देती है. यहां अधिकांश लोगों को तकरीबन 8 माह पहले पहली किस्त के रूप में 6 हजार रुपया दिया गया.
बताया जा रहा है कि लोगों ने शौचालयों के निर्माण का कार्य शुरू कराया, लेकिन दूसरी किस्त न मिलने से कार्य बीच में ही बन्द हो गया. पैसे के अभाव में कोई गड्ढा बनाकर काम बंद किया है तो किसी ने मात्र दीवार खड़ी कर. लाभार्थी पैसे के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें दूसरी किस्त नहीं मिल पा रही है.
लाभार्थी माधुरी देवी, शुरेश वर्मा, नासिल अली, रमावता का कहना है कि लगभग 8 माह पहले 6 हजार रुपये मिले थे. दूसरी किस्त अभी नहीं मिली, जिससे शौचालय का काम बंद है. शौचालय न होने की वजह से बारिश के मौसम में बाहर जाने में बहुत मुश्किल होती है. ग्राम पंचायत के सेक्रेटरी ए. रंजन का कहना है कि दूसरी किस्त की धनराशि जल्द ही खातों में भेजी जाएगी.