अम्बेडकरनगर: जिले के महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज में 34 छात्रों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने और व्यवस्था को लेकर कॉलेज प्रशासन के बेफिक्री पर ईटीवी भारत द्वारा प्रसारित खबर का बड़ा असर हुआ है. खबर प्रसारित होने के बाद हरकत में आये प्रशासन ने कॉलेज प्रशासन को व्यवस्था सुधारने का निर्देश दिया. कॉलेज में व्यवस्था चाक चौबंद करने के लिए टांडा नायब तहसीलदार राहुल कुमार सिंह मौके पर पहुंच स्थिति का जायजा लिया और संक्रमित क्षेत्र को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर बैरिकेटिंग करवाया.
जिन छात्रों में कोरोना पाया गया है, वे सभी कॉलेज के छात्रावास में रहते हैं. लेकिन कॉलेज प्रशासन ने पीड़ित छात्रों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की थी. अपने नाम की गोपनीयता बनाये रखने की शर्त पर कई पीड़ितों ने ईटीवी भारत को अपनी पीड़ा बताई और कहा था कि परिसर को न तो सेनिटाइज्ड किया जा रहा है और न ही जांच की समुचित व्यवस्था है.
कोरोना के बढ़ते प्रकोप ने मेडिकल कॉलेज परिसर को भी अपने चपेटे में ले लिया है. शनिवार को हुई जांच में कॉलेज के 34 मेडिकल छात्रों में कोरोना का वायरस पाया गया है. एक ही दिन में कॉलेज के अंदर इतने बड़े पैमाने पर कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने पर कॉलेज प्रशासन सकते में है. जिम्मेदार बेफिक्र हैं और अभी तक परिसर को सेनिटाइज भी नहीं किया गया है.
कोरोना मरीजों की तादात लगातार बढ़ती जा रही है. एक तरफ जहां जिला अस्पताल में एक फार्मासिस्ट कोरोना पॉजिटिव पाया गया है तो वहीं महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज में 34 मेडिकल छात्र कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. जिन छात्रों में कोरोना पाया गया है वह सभी कॉलेज के छात्रावास में रहते हैं. जानकारी के मुताबिक छात्रावास में रह रहे अधिकांश छात्र-छात्राओं को सर्दी जुकाम है, जिसकी वजह से एतिहात के तौर पर कॉलेज प्रशासन ने छात्रों की जांच कराने का निर्णय लिया. जांच रिपोर्ट आने के बाद अब कालेज प्रशासन सकते में है.
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कॉलेज प्रशासन की मनमानी पड़ी भारी
राजकीय मेडिकल कॉलेज के छात्रों में बढ़ते कोरोना संक्रमण के पीछे कॉलेज प्रशासन की मनमानी भी सामने आ रही है. अभी हाल ही में जब कोरोना पैर पसार रहा था और सरकार ने कोरोना के प्रति सजग रहने का गाइडलाइंस जारी किया था, उसी समय कालेज प्रशासन ने एनुअल फंक्शन का आयोजन किया था. मेडिकल कॉलेज में गत 22, 23 और 24 नवम्बर को कार्यक्रम हुआ था, जिसमें भारी संख्या में भीड़ एकत्रित हुई थी. माना जा रहा है कि इसी के बाद से कोरोना यहां इतने बड़े पैमाने पर फैला. इस बारे में जब कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. संदीप कौशिक से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.