अंबेडकरनगर: जिले में पुलिस की बर्बरता का शिकार हुई महिलाओं और पीड़ितों से बिना मिले ही सपा का प्रतिनिधि मंडल लौट (SP delegation returned without meeting victims) गया. पीड़ित महिलाओं ने मीडिया को अपनी आपबीती सुनाई. इनका दर्द सुनकर लोगों के रोंगटे खड़े हो गए.
जिले के जलालपुर वाजिदपुर में पांच नवंबर को डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर कालिख पोतने के मामले में बवाल हो गया था. इस मामले की जांच करने के लिए सपा का एक प्रतिनिधि मंडल जलालपुर पहुंचा, जिसमें समाजवादी पार्टी के 5 पूर्व मंत्री और 9 विधायक शामिल थे. वहीं, सपा विधायक अवधेश प्रसाद (SP MLA Avadhesh Prasad in Ambedkarnagar) ने कहा कि घटना की जांच करने आए थे. इसकी रिपोर्ट प्रदेश कार्यालय को सौंपी जाएगी. हमारे स्थानीय नेता पीड़ितों से मिले हैं और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया है.
5 नवंबर को कुछ अराजक तत्त्वों ने वाजिदपुर में डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर कालिख पोत दी थी. उसके बाद 6 नवंबर को आक्रोशित दलित वर्ग की महिलाओं ने प्रदर्शन किया था. पुलिस ने भीड़ को समाझाने का प्रयास किया. लेकिन, उग्र महिलाओं ने बवाल शुरू कर दिया था. उसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया और महिलाओं को (Atrocities on women in ambedkarnagar) जमकर पीटा.
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पुलिस ने बवाल में शामिल 6 महिलाओं को जेल भेजा दिया. शनिवार को घटना की जांच के लिए समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधि मंडल घटनास्थल पर पहुंचा था. लेकिन, वहां से खानापूर्ति कर वापस लौट गया. पीड़ितों का आरोप है कि उनसे मिलने कोई नहीं आया है. इस दौरान पीड़ित महिलाओं ने बताया कि किस तरह उनके साथ बर्बरता (Women victims of ambedkarnagar police brutality) की गई और कैसे उन पर डंडे बरसाए गए हैं. महिलाओं ने अधिकारियों पर जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करने जैसे कई आरोप भी लगाए है.
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