अम्बेडकरनगर: शहर की गलियों और गांव की झोपड़ियों तक बिजली पहुंचा कर लोगों की जिंदगी में उजाला करने वाला विद्युत महकमा अपने संविदा कर्मियों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं. ठेकेदारी में पिस रहे ये संविदा कर्मी बिना सेफ्टी किट के ही विद्युत पोलों पर चढ़कर कार्य कर रहे हैं. विभागीय कर्मचारियों और ठेकेदारों की गठजोड़ से फाइलों में सेफ्टी किट बांट दी गई है, लेकिन हकीकत में ये दावे फेल हैं.
सेफ्टी में होनी चाहिए ये किट
संविदाकर्मियों की सुरक्षा के लिए भारी भरकम व्यवस्था है. लेकिन ये सब महज कागजों में ही है. नियमों के मुताबिक इन संविदा कर्मियों को सेफ्टी किट दिया जाना अनिवार्य है. सेफ्टी किट में ग्लब्ज ,जूता, सेफ्टी बेल्ट, चेन, हेलमेट, प्लास, शाक, अब्जरबिंग करने वाला यूनिफार्म आदि का होना आवश्यक है. ये सेफ्टी किट कार्यदायी संस्था को संविदाकर्मियों को उपलब्ध करानी है और इसके लिए तकरीबन 2 हजार रुपये प्रति किट ठेकेदार को मिलता है. यह केवल फाइलों में ही होता और मजबूरन कर्मी हाईवोल्टेज लाइन पर वगैर किट के ही कार्य करते हैं.
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चार पांच साल से कार्य कर रहे हैं, लेकिन अभी तक सेफ्टी किट नहीं मिली है. इसकी वजह से जान जोखिम में डाल कर कार्य करना पड़ता है. रोजी-रोटी का सवाल है काम के लिए दबाव भी रहता है. अब तक कई घटनाएं हो चुकी हैं. कुछ घायल हुए तो कुछ की मौत हो गयी है.
-सन्तोष, संविदा कर्मी