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अंबेडकरनगर : सभी ग्राम पंचायतों के परिषदीय विद्यालयों को बनाया जा रहा है क्वारेंटाइन सेंटर

देश में 2500 से ज्यादा लोगों को कोरोना ने अपनी चपेट में ले लिया है. ऐसे में अब अंबेडकरनगर में भी प्रशासन ने कोरोना से निपटने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं. साथ ही जगह-जगह क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए जा रहे हैं.

quarantine center.
परिषदीय विद्यालयों को बनाया जा रहा है क्वारेंटाइन सेंटर.
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Published : Apr 4, 2020, 9:25 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST

अंबेडकरनगर : कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन ने जिले की सभी ग्राम पंचायतों के परिषदीय विद्यालयों को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिससे कोरोना संदिग्धों को उनके गांव के सेंटर में ही क्वॉरेंटाइन किया जा सके. इससे जहां इन लोगों को सहूलियत मिलेगी, वहीं किसी भी एक केंद्र पर भीड़ से बचा जा सकेगा. इन सेंटरों पर खाद्य व रसद सामग्री की व्यवस्था स्थानीय स्तर पर ग्राम प्रधान व कोटेदारों के माध्यम से की जाएगी, जिनकी समय-समय पर निगरानी भी होती रहेगी.

परिषदीय विद्यालयों को ही बनाया गया क्वॉरेंटाइन सेंटर
लॉकडाउन के दौरान गैर प्रदेशों में रोजगार के लिए रहने वाले लोगों का एक बड़ा वर्ग जिले में आ चुका है. कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रशासन के सामने यह एक चुनौती भी बनी हुई है. इसी चुनौती से निपटने के लिए प्रशासन ने ग्राम पंचायतों में स्थित परिषदीय विद्यालयों को ही क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

गैर प्रदेशों से आए लोगों की पहचान कर उनको उच्च विद्यालय में क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. जिले में कुछ जगहों पर सेंटर शुरू भी कर दिए गए हैं, जबकि कुछ जगहों पर तैयारियां की जा रही हैं. इन क्वॉरेंटाइन सेंटरों पर रहने वाले लोगों को सरकार खाना नाश्ता मुफ्त में देगी. साथ ही डाक्टरों की एक टीम इन पर निगरानी भी रखेगी.

नायब तहसीलदार राहुल सिंह ने बताया कि अब हर ग्राम पंचायत में क्वारेंटाइन सेंटर बनाए जा रहे हैं, जहां गैर प्रदेशों से आए लोगों को शिफ्ट किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने 'मुख्यमंत्री राहत कोष' में दिए 76 करोड़ रुपये

अंबेडकरनगर : कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन ने जिले की सभी ग्राम पंचायतों के परिषदीय विद्यालयों को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिससे कोरोना संदिग्धों को उनके गांव के सेंटर में ही क्वॉरेंटाइन किया जा सके. इससे जहां इन लोगों को सहूलियत मिलेगी, वहीं किसी भी एक केंद्र पर भीड़ से बचा जा सकेगा. इन सेंटरों पर खाद्य व रसद सामग्री की व्यवस्था स्थानीय स्तर पर ग्राम प्रधान व कोटेदारों के माध्यम से की जाएगी, जिनकी समय-समय पर निगरानी भी होती रहेगी.

परिषदीय विद्यालयों को ही बनाया गया क्वॉरेंटाइन सेंटर
लॉकडाउन के दौरान गैर प्रदेशों में रोजगार के लिए रहने वाले लोगों का एक बड़ा वर्ग जिले में आ चुका है. कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रशासन के सामने यह एक चुनौती भी बनी हुई है. इसी चुनौती से निपटने के लिए प्रशासन ने ग्राम पंचायतों में स्थित परिषदीय विद्यालयों को ही क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

गैर प्रदेशों से आए लोगों की पहचान कर उनको उच्च विद्यालय में क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. जिले में कुछ जगहों पर सेंटर शुरू भी कर दिए गए हैं, जबकि कुछ जगहों पर तैयारियां की जा रही हैं. इन क्वॉरेंटाइन सेंटरों पर रहने वाले लोगों को सरकार खाना नाश्ता मुफ्त में देगी. साथ ही डाक्टरों की एक टीम इन पर निगरानी भी रखेगी.

नायब तहसीलदार राहुल सिंह ने बताया कि अब हर ग्राम पंचायत में क्वारेंटाइन सेंटर बनाए जा रहे हैं, जहां गैर प्रदेशों से आए लोगों को शिफ्ट किया जाएगा.

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Last Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST
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