अंबेडकरनगरः दिन रात मेहनत कर खाकी सबकी सुरक्षा का ख्याल रखती है कि हम अपने घरों में चैन से सो सकें, लेकिन पुलिस वालों के पास सर छुपाने की जगह नहीं है. जिले के टांडा कोतवाली में सरकार पुलिस कर्मियों को आवास उपलब्ध कराने में फिसड्डी साबित हुई तो स्थानीय लोगों ने जनसहयोग से ही 50 पुलिस कर्मियों के रहने का एक बैरक बना दिया.
कोतवाल संजय पांडे ने की पहल
टांडा कोतवाली काफी संवेदनशील मानी जाती है, जहां पर तैनात पुलिस कर्मी दिन रात मेहनत कर क्षेत्र में शांति रखने की कोशिश करते हैं. इस कोतवाली में पुलिसकर्मियों के रहने के लिए उचित भवन की व्यवस्था नहीं थी. एक लोग के रहने की जगह में दो से तीन सिपाही रहते थे. वर्तमान कोतवाल संजय पांडे ने परिसर में जन सहयोग से बैरक बनाने की पहल की तो क्षेत्र की आम जनता ने लाखों रुपये चंदा एकत्रित कर सहयोग दिया.
बैरक में हैं सारी सुविधाएं
पुलिस बैरक बनाने में पक्ष और विपक्ष के नेताओं और व्यवसायियों के साथ-साथ आम नागरिकों ने भी सहयोग किया. इस कार्य में सीओ अमर बहादुर और स्थानीय प्रशासन ने भी हौसला बढ़ाया. बैरक में तख्त, बिस्तर और पंखे की भी व्यवस्था है. खास बात यह है कि बैरक चंद समय में बनकर तैयार किया गया.
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टांडा कोतवाली में जनसहयोग से एक बैरक बनाया गया है. इसी का हम लोग आज उद्घाटन करने आए थे. बैरक में 50 पुलिस कर्मियों के रहने की व्यवस्था की गई है. इसके लिए हम टांडा की जनता को बहुत धन्यवाद देते हैं.
-अवनीश कुमार, एएसपी