अंबेडकर नगर: बेहतर इलाज के लिये मरीज राजकीय मेडिकल कॉलेज आते हैं, लेकिन यहां मरीजों की जिंदगी दांव पर लगी हुई है. अंबेडकर नगर मेडिकल कॉलेज में रोज हजारों मरीज इलाज के लिये आते हैं. वहीं यहां भर्ती मरीजों पर हर वक्त अनहोनी का भय बना रहता है. अगर कभी अस्पताल में आग लग जाए तो, काबू पाने का कोई उपाय नहीं है.
मेडिकल कॉलेज में नहीं है फायर फाइटर...
- सूरत में हुये अग्निकांड के बाद प्रशासन एक्शन मोड पर आ गया है.
- सभी संस्थाओं को अग्निशमन व्यव्स्था चुस्त दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया है.
- महामाया राजकीय एलोपैथिक कॉलेज में आग पर काबू पाने की कोई व्यवस्था नहीं है.
- मेडिकल कॉलेज का संचालन शुरु हुए लगभग एक दशक का समय पूरा होने वाला है.
मेडिकल कॉलेज में मरीजों को दूसरी या तीसरी मंजिल पर भर्ती किया जाता है. इन परिस्थितियों में अग्निशमन का न होना खतरनाक हो सकता है. हैरत की बात यह है, कि इस गम्भीर समस्या पर प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है. कॉलेज प्रशासन बार-बार सरकार को पत्र भेज रहा है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा सामने नहीं आया है.
कॉलेज अभी निर्माणाधीन है, राजकीय निर्माण निगम को फायर फाइटर का कार्य जल्द पूरा करने का निर्देशित किया गया है.
डॉ. पी के सिंह, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज