अंबेडकर नगर: जिला अस्पताल में मेडिकल किट की खरीददारी में बड़ा गोलमाल सामने आया है. निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए शासनादेश के मानकों को ताक पर रखकर ऊंचे कीमतों में जहां आईवी किट की खरीदारी की गई है. वहीं तकरीबन दस गुना से अधिक रेट पर कैथिएटर की खरीदारी हुई है. महंगी दरों पर खरीददारी कर जिम्मेदार अपनों को उपकृत कर रहे हैं और सरकार को लाखों रुपये का चूना लगा रहे हैं. मामला प्रकाश में आने के बाद अब उस पर्दा डालने का प्रयास किया जा रहा है.
जिला अस्पताल में तकरीबन एक माह पहले बीस हजार आईवी सेट की खरीददारी अनुबंधित फर्म से 7.03 रुपया प्रति यूनिट की दर से खरीदी गई थी. अभी हाल ही में एक सप्ताह पहले वहीं किट एक दूसरी फर्म से 11.12 रुपये प्रति किट की दर से 9 लाख 96 हजार की लागत से खरीदी गई है. यहीं नहीं जिला अस्पताल में जिस कैथिएटर यानि कि पेशाब की थैली को लगभग प्रति कैथिएटर 6 रुपये में खरीदा जाता था. उसी को अब लगभग 66 रुपये की दर से तकरीबन 4 लाख 44 हजार की लागत से खरीदा गया है. जबकि एक लाख से अधिक की खरीददारी पर टेंडर प्रक्रिया का पालन करना होता है.
यदि जेम पोर्टल से खरीददारी की जाती है तो 50 हजार से ऊपर की खरीदारी के लिए इबिडिंग की प्रक्रिया पूरी करनी होती है, लेकिन इस खरीदारी में इन मानकों को दरकिनार किया गया है. विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जिस किट की खरीदारी की गई है. उसकी उपलब्धता पहले से मार्च माह तक के प्रयोग के लिए जिला अस्पताल में पर्याप्त है. खास बात यह कि दोनों ही समान अयोध्या की एक ही फर्म से खरीदा गया है.
आईवी किट और कैथिएटर की खरीददारी के बारे में जिला अस्पताल के सीएमएस एसपी गौतम का कहना है कि यह खरीदारी जेम पोर्टल से की गई है. यहां पर जिस कम्पनी का माल सस्ता मिलता है. उसी से खरीददारी होती है. वहीं विभागीय जानकारों का मानना है कि यदि अनुबंधित फर्म जैम पोर्टल से सस्ते कीमत पर माल उपलब्ध करा रही हो तो उसी से खरीददारी करने का नियम है, लेकिन यहां तो पूरी खरीददारी प्रक्रिया ही कटघरे में खड़ी है.