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अंबेडकरनगर: लॉकडाउन में परिवार की मदद के लिए आगे आईं बेटियां

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Published : May 7, 2020, 2:57 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST

उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन के चलते हर तरफ बेरोजगारी की स्थिति फैल रही है. इसी क्रम में अंबेडकरनगर में लॉकडाउन में परिवार की मदद के लिए बेटियां आगे आई हैं. ये बेटियां खेतों में मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रही हैं.

परिवार के भरण पोषण के लिए खेतों में काम कर रहीं बेटियां
परिवार के भरण पोषण के लिए खेतों में काम कर रहीं बेटियां

अंबेडकरनगर: कोरोना को लेकर जारी लॉकडाउन में सबसे ज्यादा मुसीबत उन परिवारों को हो रही है, जिनके कमाने वाले अब बेरोजगार हैं और शहरों में फंसे हैं. आमदनी न होने से घर का खर्च चलना मुश्किल हो गया. ऐसे में घर की बेटियों ने ही घर चलाने का जिम्मा उठाया है.

जिले की नौकापुरा गांव की ये बेटियां खेतों में मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण कर रही हैं. खेतो में मजदूरी कर रही इन बेटियों का कहना है कि घर के कमाने वाले लोग बाहर फंसे हैं.

लॉकडाउन के दौरान घर का खर्च नहीं चल रहा था. इसीलिए हम लोगों ने यह जिम्मा अपने कंधे पर उठाया है. बेटियों ने कहा कि खेतों में मेथा की निराई का काम करते हैं. एक दिन का 140 रुपये मिल जाता है और इसी से घर का खर्च चलता है.

अंबेडकरनगर: कोरोना को लेकर जारी लॉकडाउन में सबसे ज्यादा मुसीबत उन परिवारों को हो रही है, जिनके कमाने वाले अब बेरोजगार हैं और शहरों में फंसे हैं. आमदनी न होने से घर का खर्च चलना मुश्किल हो गया. ऐसे में घर की बेटियों ने ही घर चलाने का जिम्मा उठाया है.

जिले की नौकापुरा गांव की ये बेटियां खेतों में मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण कर रही हैं. खेतो में मजदूरी कर रही इन बेटियों का कहना है कि घर के कमाने वाले लोग बाहर फंसे हैं.

लॉकडाउन के दौरान घर का खर्च नहीं चल रहा था. इसीलिए हम लोगों ने यह जिम्मा अपने कंधे पर उठाया है. बेटियों ने कहा कि खेतों में मेथा की निराई का काम करते हैं. एक दिन का 140 रुपये मिल जाता है और इसी से घर का खर्च चलता है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST
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