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ठेकेदारी व्यवस्था में पिस रहे विद्युत उपभोक्ता, जिम्मेदार उदासीन

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Published : Dec 13, 2020, 4:03 AM IST

अंबेडकरनगर जिले में ठेके पर चल रही बिजली व्यवस्था उपभोक्ताओं के लिए मुसीबत बन गई है. कुछ ऐसे उपभोक्ता हैं, जिनका एक सप्ताह का बिजली बिल 35 हजार आया है. वहीं कुछ लोग बिल ठीक करने की मांग कर रहे हैं.

विद्युत उपभोक्ता
विद्युत उपभोक्ता

अंबेडकरनगरः ठेके पर चल रही बिजली व्यवस्था उपभोक्ताओं के लिए मुसीबत बन गई है. गलत बिल निर्धारण से उपभोक्ताओं पर हजारों रुपये का बकाया हो गया है. वसूली में मनमानी का आलम यह है कि घरेलू उपभोक्ताओं को एक हफ्ते के बिल के लिए तकरीबन 35 हजार बकाए का नोटिस थमा दिया गया है.

एक सप्ताह का बिल 35 हजार
मामला टांडा विद्युत वितरण खंड के अंतर्गत ग्राम बलुआ का है, बताया जा रहा है कि उक्त गांव में तकरीबन आधादर्जन बिजली उपभोक्ता ऐसे हैं, जिनके पास तीन से चार वर्ष के बिजली बकाए के रूप में 70 से 75 हजार रुपये तक का बिल भेजा गया है. यही नहीं एक उपभोक्ता बृजलाल को एक हफ्ते पहले का जो बिल दिया गया, उसमें तकरीबन 35 हजार का बकाया था, लेकिन हफ्ते भर बाद जब दोबारा कनेक्शन काटने का कागज दिया गया तो उसमें 70 हजार से अधिक का बकाया दिखाया गया.

बिल ठीक करने की मांग
ग्रामीणों का आरोप है कि हम लोग बिल लेने के लिए कई बार विभाग के कार्यालय गए, लेकिन बिल नहीं मिला. हमारे घर पर चार से पांच माह पहले मीटर लगा और अब किसी का 60 हजार तो किसी का 75 हजार बिल आया है. तीन चार साल में यदि इतना बिल आएगा तो हम कहां से जमा करेंगे. हम बिल जमा करना चाहते हैं, लेकिन पहले उसे संसोधित कर ठीक किया जाय.

ठेकेदारी में पिस रहे हैं उपभोक्ता
बिजली व्यवस्था को संचालित करने के लिए ठेके पर कर्मचारी रखे गए हैं. इन्हीं के जिम्मे मीटर की रीडिंग करना और बिल निकलना है. बताया जा रहा है कि जिस कम्पनी ने ठेका लिया है, उसने ज्यादातर अकुशल लोगों को ही जिम्मेदारी सौंप रखी है, जिसकी वजह से बिल निर्धारण को लेकर आये दिन किसी न किसी गांव के लोग ज्यादा बिल आने की शिकायत करते रहते हैं. टांडा के अधिशाषी अभियंता एके सिंह से बात करने का प्रयास किया तो उनका नम्बर बन्द था, जबकि एसडीओ ने फोन नहीं उठाया.

अंबेडकरनगरः ठेके पर चल रही बिजली व्यवस्था उपभोक्ताओं के लिए मुसीबत बन गई है. गलत बिल निर्धारण से उपभोक्ताओं पर हजारों रुपये का बकाया हो गया है. वसूली में मनमानी का आलम यह है कि घरेलू उपभोक्ताओं को एक हफ्ते के बिल के लिए तकरीबन 35 हजार बकाए का नोटिस थमा दिया गया है.

एक सप्ताह का बिल 35 हजार
मामला टांडा विद्युत वितरण खंड के अंतर्गत ग्राम बलुआ का है, बताया जा रहा है कि उक्त गांव में तकरीबन आधादर्जन बिजली उपभोक्ता ऐसे हैं, जिनके पास तीन से चार वर्ष के बिजली बकाए के रूप में 70 से 75 हजार रुपये तक का बिल भेजा गया है. यही नहीं एक उपभोक्ता बृजलाल को एक हफ्ते पहले का जो बिल दिया गया, उसमें तकरीबन 35 हजार का बकाया था, लेकिन हफ्ते भर बाद जब दोबारा कनेक्शन काटने का कागज दिया गया तो उसमें 70 हजार से अधिक का बकाया दिखाया गया.

बिल ठीक करने की मांग
ग्रामीणों का आरोप है कि हम लोग बिल लेने के लिए कई बार विभाग के कार्यालय गए, लेकिन बिल नहीं मिला. हमारे घर पर चार से पांच माह पहले मीटर लगा और अब किसी का 60 हजार तो किसी का 75 हजार बिल आया है. तीन चार साल में यदि इतना बिल आएगा तो हम कहां से जमा करेंगे. हम बिल जमा करना चाहते हैं, लेकिन पहले उसे संसोधित कर ठीक किया जाय.

ठेकेदारी में पिस रहे हैं उपभोक्ता
बिजली व्यवस्था को संचालित करने के लिए ठेके पर कर्मचारी रखे गए हैं. इन्हीं के जिम्मे मीटर की रीडिंग करना और बिल निकलना है. बताया जा रहा है कि जिस कम्पनी ने ठेका लिया है, उसने ज्यादातर अकुशल लोगों को ही जिम्मेदारी सौंप रखी है, जिसकी वजह से बिल निर्धारण को लेकर आये दिन किसी न किसी गांव के लोग ज्यादा बिल आने की शिकायत करते रहते हैं. टांडा के अधिशाषी अभियंता एके सिंह से बात करने का प्रयास किया तो उनका नम्बर बन्द था, जबकि एसडीओ ने फोन नहीं उठाया.

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