अम्बेडकरनगर: 'स्वच्छ भारत मिशन' मोदी सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है. इसकी सफलता के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसका असर अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी दिखाई देने लगा है. शौचालय बनवाने के लिए सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि मिलने के बाद अब लाभार्थी गुणवत्तापरक शौचालय बनाने के प्रति अग्रसर हैं.
लोगों को समझ आ रहा है शौचालय का महत्व
देश को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए सरकार द्वारा 'स्वच्छ भारत मिशन' के तहत घर-घर शौचालय बनाने के लिए 12 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है. शुरुआती दौर में तो इस योजना में लगातार भ्रष्टाचार की शिकायतें आ रही थीं. नवनिर्मित शौचालय प्रयोग के लायक ही नहीं थे, लेकिन समय के साथ लोग जागरूक होने लगे, उन्हें शौचालय का महत्व समझ में आने लगा.
ईटीवी भारत से महिलाओं ने साझा किया अनुभव
शौचालय के प्रति अशिक्षित और गरीब महिलाओं की क्या राय है, इसे जानने के लिए ईटीवी भारत ने टांडा विकास खण्ड के ग्राम भसडा, खासपुर और जलालपुर के ग्राम ममरखापुर का मुआयना किया. शौचालय का निर्माण करा रही कुछ महिलाओं से ईटीवी भारत ने बात की तो उन्होंने से अपना अनुभव साझा किया. महिलाओं का कहना है कि सरकार तो 12 हजार रुपये देती है, लेकिन हम अपने पास से पैसा लगाकर अच्छा शौचालय बना रहे हैं. इससे हमारे आस-पास साफ सफाई रहेगी और हमारा परिवार भी सुरक्षित रहेगा.