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महिला दिवस विशेष : राजनीति में कदम बढ़ाएं महिलाएं, तभी सुनी जाएगी उनकी आवाज

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Published : Mar 8, 2019, 4:49 AM IST

Updated : Mar 8, 2019, 12:50 PM IST

न्याय दिलाने के साथ-साथ राजनीति में काम करने वाली नेहा यादव का कहना है कि महिलाओं और लड़कियों को अपने न्याय के लिए खुद ही आगे आना होगा वरना उनकी आवाज कोई नहीं सुनेगा.

महिला दिवस पर नेहा यादव ने महिलाओं को उनके हक के लिए लड़ने को किया प्रोत्साहित

प्रयागराज : मन में सच्ची लगन और कठिन मेहनत के साथ कोई भी काम किया जाए तो वह जरूर पूरा होता है. किसी भी लड़ाई की शुरुआत एक आदमी के साथ होती है, फिर धीरे-धीरे कारवां बढ़ता जाता है. अगर देश की महिलाएं आगे आना शुरू कर दें तो उन्हें न्याय दिलाने से कोई नहीं रोक सकता, यह कहना है इलाहाबाद विश्वविद्यालय की छात्रा नेहा यादव का, जो महिला सुरक्षा के लिए काम कर रही हैं.

नेहा यादव ने महिला सुरक्षा को लेकर कई बार आवाज उठाई. इस अभियान में उन्हें प्रशासन की लाठी भी खानी पड़ी लेकिन उनके कदम पीछे नहीं हटे. आज भी नेहा यादव रेप पीड़िता महिलाओं को न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ रही हैं. ईटीवी भारत से खास बातचीत में अपने लाइफ से जुड़ी कई बातें शेयर की.

महिला दिवस पर नेहा यादव ने महिलाओं को उनके हक के लिए लड़ने को किया प्रोत्साहित

नेहा यादव का कहना है कि जब मैं बनारस विश्वविद्यालय में पढ़ती थी तो उसी कैंपस में एक लड़की साथ छेड़छाड़ हुआ. उसी घटना के बाद से ही महिला सुरक्षा को लेकर विश्वविद्यालय एक लड़ाई लड़ी. लड़की को न्याय मिले, इसके लिए धरना भी दिया और पुलिस की लाठी भी खाई. उस समय परिवार के लोगों ने विरोध किया. फिर आगे चलकर उनको लगने लगा बेटी महिला हित में काम कर रही है. अब मैं राजनीति के साथ ही महिला सुरक्षा और पीड़ित महिलाओं को न्याय मिले, इसकी लड़ाई लड़ रही हूं. अगर मैं बात करूं राजनेता और राजनीति की तो दोनों जगह महिलाओं को गलत नजर से देखा जाता है लेकिन अगर मन स्वच्छ है तो कोई हिला नहीं सकता.

महिलाओं को आना होगा आगे
आज समय में देश की बहुत सी ऐसी महिलाएं हैं, जो हर किसी न किसी घटना के शिकार हो रही हैं लेकिन वह समाज के डर से कुछ नहीं बोल पाती हैं. मैं उन महिलाओं और पीड़िताओं से यही कहना चाहूंगी कि अपने न्याय के लिए स्वयं आगे आना होगा.

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प्रदेश के हर रोड पर लगे सीसीटीवी कैमरा
इसके साथ ही सरकार को इस बात को ध्यान देना होगा कि प्रदेश के अंदर जितने भी जीटी रोड हैं, उन सड़कों पर सीसीटीवी लगे होने चाहिए और सिटी बसों पर कैमरे हों, जिससे महिलाओं के साथ छेड़खानी करने वालों को डर लगे.

प्रयागराज : मन में सच्ची लगन और कठिन मेहनत के साथ कोई भी काम किया जाए तो वह जरूर पूरा होता है. किसी भी लड़ाई की शुरुआत एक आदमी के साथ होती है, फिर धीरे-धीरे कारवां बढ़ता जाता है. अगर देश की महिलाएं आगे आना शुरू कर दें तो उन्हें न्याय दिलाने से कोई नहीं रोक सकता, यह कहना है इलाहाबाद विश्वविद्यालय की छात्रा नेहा यादव का, जो महिला सुरक्षा के लिए काम कर रही हैं.

नेहा यादव ने महिला सुरक्षा को लेकर कई बार आवाज उठाई. इस अभियान में उन्हें प्रशासन की लाठी भी खानी पड़ी लेकिन उनके कदम पीछे नहीं हटे. आज भी नेहा यादव रेप पीड़िता महिलाओं को न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ रही हैं. ईटीवी भारत से खास बातचीत में अपने लाइफ से जुड़ी कई बातें शेयर की.

महिला दिवस पर नेहा यादव ने महिलाओं को उनके हक के लिए लड़ने को किया प्रोत्साहित

नेहा यादव का कहना है कि जब मैं बनारस विश्वविद्यालय में पढ़ती थी तो उसी कैंपस में एक लड़की साथ छेड़छाड़ हुआ. उसी घटना के बाद से ही महिला सुरक्षा को लेकर विश्वविद्यालय एक लड़ाई लड़ी. लड़की को न्याय मिले, इसके लिए धरना भी दिया और पुलिस की लाठी भी खाई. उस समय परिवार के लोगों ने विरोध किया. फिर आगे चलकर उनको लगने लगा बेटी महिला हित में काम कर रही है. अब मैं राजनीति के साथ ही महिला सुरक्षा और पीड़ित महिलाओं को न्याय मिले, इसकी लड़ाई लड़ रही हूं. अगर मैं बात करूं राजनेता और राजनीति की तो दोनों जगह महिलाओं को गलत नजर से देखा जाता है लेकिन अगर मन स्वच्छ है तो कोई हिला नहीं सकता.

महिलाओं को आना होगा आगे
आज समय में देश की बहुत सी ऐसी महिलाएं हैं, जो हर किसी न किसी घटना के शिकार हो रही हैं लेकिन वह समाज के डर से कुछ नहीं बोल पाती हैं. मैं उन महिलाओं और पीड़िताओं से यही कहना चाहूंगी कि अपने न्याय के लिए स्वयं आगे आना होगा.

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प्रदेश के हर रोड पर लगे सीसीटीवी कैमरा
इसके साथ ही सरकार को इस बात को ध्यान देना होगा कि प्रदेश के अंदर जितने भी जीटी रोड हैं, उन सड़कों पर सीसीटीवी लगे होने चाहिए और सिटी बसों पर कैमरे हों, जिससे महिलाओं के साथ छेड़खानी करने वालों को डर लगे.

Intro:महिला दिवस विशेष : महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए कई बार खाई पुलिस की लाठी, फिर भी पीछे नहीं हटे कदम

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प्रयागराज: मन मे अगर सच्ची लगन हो और कठिन मेनहत हो तो कोई भी काम किया जाए तो वह काम जरूर पूरा होगा. किसी भी लड़ाई की शुरुआत एक आदमी के साथ होती है, फिर धीरे-धीरे करवा बढ़ता जाता है. अगर देश की महिलाएं आगे आना शुरू कर दें तो उन्हें न्याय दिलाने से कोई नहीं रोक सकता. यह कहना इलाहाबाद विश्वविद्यालय की छात्रा नेहा यादव का. नेहा यादव ने महिला सुरक्षा को लेकर कई बार आवाज उठाई. इस अभियान में उन्हें प्रशासन की लाठी भी खानी पड़ी लेकिन उनके कदम पीछे नहीं हटे और कहर बन कर टूट पड़ी. आज भी नेहा यादव रेप पीड़िता महिलाओं को न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ रही है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में अपने लाइफ से जुड़े कई दिलचस्प बातें शेयर की.



Body:परिवार को समझाने में लगा टाइम

नेहा यादव का कहना है कि जब मैं बनारस विश्वविद्यालय में पढ़ती थी तो उसी कैम्पस में एक लड़की साथ छेड़छाड़ हुआ. उसी घटना के बाद से ही महिला सुरक्षा को लेकर विश्वविद्यालय एक लड़ाई लड़ी. लड़की को न्याय मिले इसके लिए धरना भी दिया और पुलिस की लाठी भी खाई. उस समय परिवार के लोगों ने विरोध किया. उनको समझाया फिर आगे चलकर उनको लगाने लगा बेटी महिला हित मे काम कर रही है. अब मैं राजनीति के साथ ही महिला सुरक्षा और पीड़ित महिलाओं को न्याय मिले इसकी लड़ाई लड़ रही हूं. अगर मैं बात करूं राजनेता और राजनीति की तो दोनों जगह महिलाओं को गलत नजर से देखा जाता है लेकिन अगर मन स्वच्छ है तो कोई हिला नहीं सकता.

गर्ल्स हॉस्टल में हो पूरी सुविधा

अगर इलाहाबाद विश्वविद्यालय की बात करूं तो आज भी गर्ल्स हॉस्टल में छात्रओं को कई तरह बंदिश में रहना पड़ रहा है. शाम होते ही होस्टल से कोई बाहर नहीं जा सकता है. सुविधा के नाम पर कोई काम नहीं हो रहा है. लड़कियों के पहनावे पर कई सवाल उठाए जा रहें हैं. इसके लिए हम सभी छात्रा को एक जुट होकर आगे आना होगा. होस्टल में सुरक्षा हो लेकिन छात्राओं को बंदिश में न रखा जाए इसकी भी लड़ाई हम विश्वविद्यालय प्रशासन से।लड़ रहे हैं.


Conclusion:नहीं सोचा था कि करूंगी राजनीति

नेहा यादव का कहना है कि मेरी माँ ग्राम प्रधान है और पिता जी सरकारी कर्मचारी लेकिन मैं कभी नहीं सोची थी कि राजनीति करूंगी. मैं तो आईएएस बनना चाहती थी या फिर प्रोफेसर लेकिन महिलाओं और लड़कियों के साथ बढ़ रहे अत्याचार को रोकने के लिए यह लड़ाई लड़ना शुरू किया. वर्तमान सरकार की बात करूं तो महिलाओं के ऊपर लाठीचार्ज करने में पीछे नहीं है. कई घटनाओं में मुझे भी लाठी खानी पड़ी लेकिन मैं डरी नहीं और न्याय की लड़ाई लड़ती रही.

महिलाओं को आना होगा आगे

आज समय मे देश की बहुत सी ऐसी महिलाएं है जो हर किसी न किसी घटना के शिकार हो रही हैं. लेकिन वह समाज के डर से कुछ नहीं बोल पाती हैं. हम उन महिलाओं और पीड़िताओं से यही कहना चाहूंगी कि अपने न्याय के लिए स्वाम आगे आना होगा फिर समाज आप के साथ होगा. महिलाएं चुप न हो अब आगे आने का समय आ गया है.

प्रदेश के हर रोड पर लगे सीसीटीवी कैमरा

इसके साथ ही सरकार को इस बात को ध्यान देना होगा कि प्रदेश के अंदर जितने भी जीटी रोड हैं उन सड़कों पर सीसीटीवी लगे होने चाहिए और सिटी बसों पर कैमरे हो. जिससे महिलाओं के साथ छेड़खानी करने वालों को डर लगे. इसके साथ ही ऐसे जितने भी अपराधी है उनको तुरंत सजा मिले इसके लिए अलग से कोर्ट होने की जरूरत है. जिससे त्वरित कार्यवाही हो सकें. तभी महिलाओं पर हो अत्याचार पर रोक लग सकेंगी.
Last Updated : Mar 8, 2019, 12:50 PM IST
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