प्रयागराज : तीर्थों का तीर्थ कहे जाने वाले प्रयागराज में संपन्न हुए कुंभ मेले की चमक पूरे विश्व पटल पर फैली. इसकी दिव्यता और भव्यता का लोहा देश के कोने-कोने से और विदेशियों से आए श्रद्धालुओं ने माना. सभी ने एकमत से इस उत्तर को सही करार दिया है कि प्रयागराज की धरती पर आयोजित होने वाला यह आयोजन वास्तव में अपने आप में दिव्य और भव्य है. इसका कोई तोड़ नहीं है.
वर्ष 2019 में आयोजित हुए कुंभ मेला को लेकर के जिस तरह से सरकारी प्रयास किए गए थे, उसकी झलक अब प्रयागराज स्थित इलाहाबाद संग्रहालय में भी देखने को मिलेंगी. यहां पर कुंभ के आयोजन संबंधी तैयारियों का लेखा-जोखा तो होगा ही, साथ ही साथ यहां की गैलरियों में कुंभ की झलक भी देखने को मिलेगी.
राष्ट्रीय स्तर के इस संग्रहालय में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में लोग पर्यटन के नजरिए से यहां पर आते हैं. संग्रहालय की वस्तुओं, यहां के ग्रंथों को अपने शोध कार्यों के लिए और ज्ञान के लिए भी अध्ययन करते हैं. इसी के मद्देनजर इस बार इलाहाबाद संग्रहालय ने लगभग 32 हेक्टेयर में फैले इस भव्य आयोजन की प्रमुख झलकियां, आयोजन के लिए तैयार किया गया रोड मैप और आजादी के पहले से लेकर वर्ष 2019 में आयोजित हुए इस दिव्य भव्य कुंभ की झांकी संग्रहालय में सजोई गई है.
इसको लेकर के इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने अपने ग्रंथ में शामिल भी किया है. यहां से निकलने वाले विशेष ग्रंथ में प्रयागराज कुंभ मेला का एक विशेष चैप्टर भी तैयार किया जा रहा है, जिसकी मंजूरी राज्यपाल द्वारा दी गई है और इस ग्रंथ के लिए राज्यपाल समेत कई अन्य प्रमुख गणमान्य लोगों के बधाई संदेश भी मिले हैं. इलाहाबाद संग्रहालय के निदेशक सुनील कुमार ग्रंथ को लेकर काफी उत्साहित हैं.
इलाहाबाद संग्रहालय नेहरू वीथिका में अभी कुंभ की झलकियों को लगाया गया है. बाद में इसे एक अलग स्थान भी दिया जाएगा, जहां पर दूर-दूर से आने वाले पर्यटक इस की रूपरेखा कुंभ के बारे में अपने अध्ययन और ज्ञान की पिपासा को शांत कर सकेंगे.