ETV Bharat / state

महिला को मिली नई जिंदगी, दो साल काटे थे जेल में

अलीगढ़ में एक महिला की मानसिक स्थिति को पुलिस के चार्जशीट में साबित नहीं कर पाने पर दो साल के बाद उसे जेल से रिहाई मिल गई. अब महिला अपना परिवार पाकर खुश है.

महिला को मिली नई जिंदगी
महिला को मिली नई जिंदगी
author img

By

Published : May 15, 2021, 3:30 PM IST

अलीगढ़: एक महिला की मानसिक स्थिति को पुलिस अपनी चार्जशीट में साबित नहीं कर पाई. इसकी वजह से उसे दो साल के बाद जेल से रिहाई मिल गई. महिला अपने परिवार में दोबारा जाकर काफी खुश है. इस मामले में अलीगढ़ और नालंदा के दो न्यायिक अधिकारियों की मानवीय पहल भी महिला के चेहरे पर खुशी लाने में सार्थक साबित हुई. महिला की मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने का इलाज हुआ. इस दौरान नवजात को महिला से अलग रखा गया था, लेकिन अब महिला बच्चे और पति को पाकर खुश है.

पुष्पलता की मानसिक स्थित नहीं थी ठीक

बताया जा रहा है कि नालंदा जिले के थरथरी प्रखंड के खर्जम्मा गांव निवासी पुष्पलता की मानसिक हालत ठीक नहीं थी. वह अचानक घर से निकल गई थी. सन् 2019 में भटकते हुए वह अलीगढ़ पहुंच गई. अलीगढ़ में एक मोहल्ले में बच्चा चोरी के प्रयास में लोगों ने उसे पकड़ लिया और थाना सिविल लाइन पुलिस के हवाले कर दिया. तभी से वह अलीगढ़ जिला कारागार में बंद थी. इस दौरान पुष्पलता आठ महीने की प्रेगनेंट थी. अलीगढ़ के जिला कारागार में ही 16 अगस्त 2019 को उसने एक बेचे को जन्म दिया था, जोकि अब डेढ़ साल का हो चुका है. बेटे का नाम ऋषभ रखा है. पुष्पलता के बेटे को अलीगढ़ के बाल कल्याण समिति की देख-रेख में रखा गया था. दरअसल, पुष्पलता की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी. बनारस के मानसिक चिकित्सालय में पुष्पलता का इलाज कराया गया था. इलाज के बाद वह स्वस्थ हो गई. इसके बाद उसे अक्टूबर 2020 में फिर से अलीगढ़ के जिला कारागार में लाया गया.

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से मिली मदद

पुष्पलता को उसके परिवार तक पहुंचाने में न्यायिक अधिकारियों की पहल भी रंग लाई. अलीगढ़ के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव दीपक कुमार ने किशोर न्याय परिषद, नालंदा के प्रधान न्यायिक दंडाधिकारी मानवेंद्र मिश्र से संपर्क साधा और पुष्पलता द्वारा बताए गए पते का सत्यापन कराया. उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए मानवेंद्र मिश्र का मोबाइल नंबर लेकर संपर्क किया था और पुष्पलता को उसके परिवार वालों तक पहुंचाने के लिए सहयोग मांगा. वहीं, मानवेंद्र ने पुष्पलता के बताए पते का सत्यापन कराया, जोकि सही पाया गया. पुष्पलता के पिता और पति से जब बात की गई तो पुष्पलता को वापस लाने के लिए राजी हो गए. अलीगढ़ सीजेएम कोर्ट ने शुक्रवार को पुष्पलता को रिहा कर दिया. पुष्पलता ने करीब दो साल जेल में गुजारे.

इसे भी पढ़ें- यूपी में मिले कोरोना के 15,747 मरीज, 312 की मौत

परिवार पाकर खुश है पुष्पलता

जिला कारागार के जेलर प्रमोद कुमार ने बताया कि बनारस में ट्रीटमेंट के बाद पुष्पलता की मानसिक स्थिति सही है. जेल से रिहाई और बच्चे को लेने के समय पुष्पलता के पति रवि रंजन और पिता दुर्गेश भी पहुंचे थे. जेल से रिहा होने के बाद पुष्पलता बच्चे को पाकर काफी खुश है. पुष्पलता की बड़ी बेटी गौरी झारखंड में नाना के पास है. पुष्पलता अब अपनी बीती हुई जिंदगी को याद नहीं करना चाहती है.

अलीगढ़: एक महिला की मानसिक स्थिति को पुलिस अपनी चार्जशीट में साबित नहीं कर पाई. इसकी वजह से उसे दो साल के बाद जेल से रिहाई मिल गई. महिला अपने परिवार में दोबारा जाकर काफी खुश है. इस मामले में अलीगढ़ और नालंदा के दो न्यायिक अधिकारियों की मानवीय पहल भी महिला के चेहरे पर खुशी लाने में सार्थक साबित हुई. महिला की मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने का इलाज हुआ. इस दौरान नवजात को महिला से अलग रखा गया था, लेकिन अब महिला बच्चे और पति को पाकर खुश है.

पुष्पलता की मानसिक स्थित नहीं थी ठीक

बताया जा रहा है कि नालंदा जिले के थरथरी प्रखंड के खर्जम्मा गांव निवासी पुष्पलता की मानसिक हालत ठीक नहीं थी. वह अचानक घर से निकल गई थी. सन् 2019 में भटकते हुए वह अलीगढ़ पहुंच गई. अलीगढ़ में एक मोहल्ले में बच्चा चोरी के प्रयास में लोगों ने उसे पकड़ लिया और थाना सिविल लाइन पुलिस के हवाले कर दिया. तभी से वह अलीगढ़ जिला कारागार में बंद थी. इस दौरान पुष्पलता आठ महीने की प्रेगनेंट थी. अलीगढ़ के जिला कारागार में ही 16 अगस्त 2019 को उसने एक बेचे को जन्म दिया था, जोकि अब डेढ़ साल का हो चुका है. बेटे का नाम ऋषभ रखा है. पुष्पलता के बेटे को अलीगढ़ के बाल कल्याण समिति की देख-रेख में रखा गया था. दरअसल, पुष्पलता की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी. बनारस के मानसिक चिकित्सालय में पुष्पलता का इलाज कराया गया था. इलाज के बाद वह स्वस्थ हो गई. इसके बाद उसे अक्टूबर 2020 में फिर से अलीगढ़ के जिला कारागार में लाया गया.

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से मिली मदद

पुष्पलता को उसके परिवार तक पहुंचाने में न्यायिक अधिकारियों की पहल भी रंग लाई. अलीगढ़ के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव दीपक कुमार ने किशोर न्याय परिषद, नालंदा के प्रधान न्यायिक दंडाधिकारी मानवेंद्र मिश्र से संपर्क साधा और पुष्पलता द्वारा बताए गए पते का सत्यापन कराया. उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए मानवेंद्र मिश्र का मोबाइल नंबर लेकर संपर्क किया था और पुष्पलता को उसके परिवार वालों तक पहुंचाने के लिए सहयोग मांगा. वहीं, मानवेंद्र ने पुष्पलता के बताए पते का सत्यापन कराया, जोकि सही पाया गया. पुष्पलता के पिता और पति से जब बात की गई तो पुष्पलता को वापस लाने के लिए राजी हो गए. अलीगढ़ सीजेएम कोर्ट ने शुक्रवार को पुष्पलता को रिहा कर दिया. पुष्पलता ने करीब दो साल जेल में गुजारे.

इसे भी पढ़ें- यूपी में मिले कोरोना के 15,747 मरीज, 312 की मौत

परिवार पाकर खुश है पुष्पलता

जिला कारागार के जेलर प्रमोद कुमार ने बताया कि बनारस में ट्रीटमेंट के बाद पुष्पलता की मानसिक स्थिति सही है. जेल से रिहाई और बच्चे को लेने के समय पुष्पलता के पति रवि रंजन और पिता दुर्गेश भी पहुंचे थे. जेल से रिहा होने के बाद पुष्पलता बच्चे को पाकर काफी खुश है. पुष्पलता की बड़ी बेटी गौरी झारखंड में नाना के पास है. पुष्पलता अब अपनी बीती हुई जिंदगी को याद नहीं करना चाहती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.