अलीगढ़: जिले का नींवरी इलाका पिछले बीस साल से विकास का इंतजार कर रहा है. यहां न तो पक्की सड़कें हैं, न शौचालय और न ही स्वच्छ जल पीने के लिये हैंडपम्प है. इलाके के लोग गंदगी के बीच रहने को मजबूर हैं. शहर से सटे इन गांवों के रास्ते पर हमेशा जल भराव रहता है.
प्रधान व सेक्रेटरी ने गांव के विकास में कोई दिलचस्पी नहीं ली, तो सोमवार को सैकड़ों की संख्या में नींवरी इलाके के लोग विकास भवन में अपनी समस्या को लेकर पहुंच गए. उन्होंने अपने हाथों में नींवरी गांव की बदहाली की फोटो ले रखी थी, लेकिन इनकी समस्या को सुनने के लिये कोई अधिकारी विकास भवन में मौजूद नहीं था.
हाथों में गांव की बदहाली की तस्वीर लिये ग्रामीण अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं, ताकि नींवरी गांव की सूरत बदलें, लेकिन पिछले कई सालों से ग्रामीण गंदगी के बीच रहने को मजबूर हैं. गांव के प्रधान किसी विकास के काम में रुचि नहीं दिखाते.
स्थानीय निवासी महमूद बेग बताते हैं कि साल भर रास्तों पर पानी भरा रहता है. निकासी का कोई जरिया नहीं है, जिससे आने जाने में परेशानी होती है. महमूद कहते हैं कि प्रधान बशीर खान घर से निकलकर समस्या को देखने तक नहीं आते हैं. आरिफ बताते हैं कि बीमार व्यक्ति को अस्पताल ले जाने में काफी कठिनाई होती है. वहीं नमाज पढ़ने जाने पर कपड़े भी खराब हो जाते हैं.
वहीं जल भराव होने से इसी इलाके की रहने वाली आसमां बेगम का मकान गिर गया. इतना पैसा नहीं है कि फिर से मकान बना सकें. गांव के इरफान बताते है कि गांव के समस्या का कोई समाधान नहीं है. समाजवादी पार्टी की सरकार आई, उसमें भी कोई काम नहीं हुआ. बसपा की सरकार में भी काम नहीं हुआ. भाजपा सरकार में भी गांव में कोई विकास कार्य नहीं हो रहा है. उन्होंने योगी सरकार से अपील की है कि गांव के गरीब लोगों को विकास योजनाओं का लाभ प्रदान करें, लेकिन नींवरी के लोगों को विकास भवन में समस्या के निवारण के लिये कोई अधिकारी तक नहीं मिल रहा है.